बड़े बुजुर्गों का सम्मान कीजिए
( Bade bujurgon ka samman kijiye )
माता, पिता, बड़े बुजुर्गों का सम्मान कीजिए,
अपने बच्चों को बंगला न कार ,संस्कार दीजिए,
कल मैंने देखा तीन लड़कियों को पार्क में,
मोबाइल का दौर है इन्हे ,सुधार लीजिए,
करते हैं लड़के चैटिंग रात रात गर्लफ्रेंड से
फिर बनाते हैं आगे का प्लान खबर लीजिए,
कोचिंग का बना बहाना जाते हैं होटलो में,
दर्पण है मेरा अच्छा नकाब हटा लीजिए,
पहले बनाते है गर्लफ्रेंड , फिर घूमते बाइक पर
नागा की कलम है आइना , संभाल लीजिए।
कवि – धीरेंद्र सिंह नागा
(ग्राम -जवई, पोस्ट-तिल्हापुर, जिला- कौशांबी )
उत्तर प्रदेश : Pin-212218