लालसा | Poem laalasa
लालसा
( Laalasa )
( Laalasa )
आज के बच्चे ( Aaj Ke Bache ) आज के बच्चे बड़े चालाक करने लगे मोबाइल लॉक खाने पीने में होशियार रोवे जैसे रोए सियार मांगे बाप से रोज ए पैसा बोले बात पुरानिया जैसा पापा के पेंट से टॉफी खोजें नहीं मिले तो फाड़े मोजे खाए आम अनार और केला देखे घूम -घूम कर…
एक साथी ( Ek Sathi ) किसी का किसी से इकरार होता है। समझ लो उससे ही उसे प्यार होता है। ये कब और कहा किससे हो जाये। ये न हम जानते और न ये वो जानते।। दिल हमारा डोलता और भटकता रहता है। कभी सपनों में खोता है तो कभी सपने दिखता है। इसलिए…
सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है ******** बढ़ती चाहतों ने जिंदगी को दुश्वारियों से भर दिया है बहुत कुछ किया है बहुत कुछ दिया है पर सुनने को बस यही मिला है! क्या किया है? क्या किया है? सुन आत्मा तक रो दिया है, बेचैन हो- आसमां से अर्ज किया है। कुछ और नेमतों से नवाज़…
होली देखो आई रे! ( Holi dekho aayi re ) मल दे अबीर मोहें, होली देखो आई रे! तन-मन पे मस्ती छाई रे! होली देखो आई रे! नयना से नयना कोई जोड़े, चढ़ती जवानी पे डोरे डाले। ताकधिन-ताकधिन होने लगे, रंगों की बौछार सहने लगे। मिलने लगे जब अंगों से अंग, फूलों का बाण…
मन का आंगन ( Man ka aagan ) बात अकेले पन की हैं । उसमें उलझे पन की है ।। उलझन में सीधा रस्ता । खोज रहे जीवन की है ।। कांटे भरे चमन में एक । तितली के उलझन की है ।। नहीं एक भी फूल खिला । सूने उस मधुबन की है…
मां- पिता ( Maa Pita ) मां जान है तो , पिता आत्मा है, आत्मा जब रोती है तो , जान निकल जाती है। जीने के लिए , मानव को चाहिए , माता-पिता का, आशीष रूपी छांव । मां पिता है तो , जीवन का अस्तित्व है, मां पिता नहीं है तो, जीवन अस्तित्वहीन…