मैं प्रीत बुनता हूं मैं प्यार बुनता हूं | Poem main Pyar Bunta Hoon
मैं प्रीत बुनता हूं मैं प्यार बुनता हूं
( Main preet bunta hoon main pyar bunta hoon )
मैं प्रीत बुनता हूं मैं प्यार बुनता हूं।
गीतो भरे तराने रसधार बुनता हूं।
महकती हवाएं मस्त बहार चुनता हूं।
सदाबहार बोल सुरीले गीत सुनता हूं।
लोकतंत्र का स्तंभ उम्मीदवार चुनता हूं
सच्चाई पे खरे मिले बुनियाद बुनता हूं।
लेखनी की धार से शब्द मोती चुनता हूं।
भावो की रसधार बहे कविता बुनता हूं।
मैं प्रीत भरी बयार हूं मैं प्यार बुनता हूं।
दिलों को जोड़ें दिलों के तार बुनता हूं।
मुस्कानों के मोती ले दिलदार चुनता हूं।
प्रेम बहती गंगा उमड़ता प्यार बुनता हूं।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )