हिन्दी | Poem on Hindi
हिन्दी
( Hindi )
हिन्दी के सम्मान मे मित्रो ,लिख लो कह लो आज ।
एक वर्ष के बाद पुनः फिर, होगी इस पर बात ॥
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बडे`बडे सम्मेलन होगे, ढोल मंझीरे साथ ।
बडे-बडे बैनर पर होगा,हिन्दी दिवस है आज॥
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बोली जाती बहुत ही बोली,भारत के सम्मान मे ।
पर हिन्दी को नही मिला जो,दिखता है अब आज मे॥
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नीति- नियन्ता वो भारत के,किया है ऐसा काम ।
अंग्रेजी को शौर्य दिया अरू,हिन्दी सिसके आज॥
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मातृभूमि और जन भाषा का,ना हो गर सम्मान।
शेर कहे कैसे समझेगे ,नवपीढी ये बात ॥
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हिन्दी के सम्मान मे मित्रो ,लिख लो कह लो आज ।
एक वर्ष के बाद पुनः फिर,होगी इस पर बात ॥
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बडे`बडे सम्मेलन होगे, ढोल मंझीरे साथ ।
बडे-बडे बैनर पर होगा,हिन्दी दिवस है आज॥
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बोली जाती बहुत ही बोली, भारत के सम्मान मे ।
पर हिन्दी को नही मिला जो,दिखता है अब आज मे॥
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नीति- नियन्ता वो भारत के,किया है ऐसा काम ।
अंग्रेजी को शौर्य दिया अरू,हिन्दी सिसके आज॥
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मातृभूमि और जन भाषा का,ना हो गर सम्मान।
शेर कहे कैसे समझेगे ,नवपीढी ये बात ॥
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
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