Poem on Shree Ram

प्यारे राम | Poem on Shree Ram

प्यारे राम

( Pyare Ram ) 

हरिहरण घनाक्षरी

आराध्य हमारे राम, जन जन प्यारे राम।
दीन रखवारे राम, भजे राम राम सब।

कौशल्या के तारे राम, दशरथ प्यारे राम।
सबके सहारे राम, आओ मेरे राम अब।

सीताराम सीताराम, रघुपति राजा राम।
अवध विराजे राम, पीर हरे राम सब।

दीनबंधु दुखहर्ता, दया सिंधु प्यारे राम।
जग के तारण हारे, आएंगे श्री राम कब।

 

कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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