Poem on Yoga in Hindi
Poem on Yoga in Hindi

योग पर कविता

( Yoga par kavita ) 

 

थका हुआ जब पाओ तुम
योगा को अपनाओ तुम

योगा से भागे रोग सभी
खुशियां होंगी पास तभी

अनुलोम-विलोम किया करो
जीवन जी भर जिया करो

बच्चे बूढ़े हो या जवान
योग से मिलता आराम

सुबह सवेरे उठ जाओ
निवृत्त सबसे हो आओ

योगा से ताजगी आती
चेहरे पर लालिमा छाती

योगा से चिंतन बढ़ता है
विषाद तनाव दूर भगता है

योगा बुद्धि ज्ञान विज्ञान हैl
इंद्रियों वश में करना ध्यान हैl

 

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

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