![Poem shabdon ka safar Poem shabdon ka safar](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2022/05/Poem-shabdon-ka-safar-696x465.jpg)
शब्दों का सफर
( Shabdon ka safar )
शिकस्त
शिकस्त कर देंगे मंसूबे हम अपने प्यार से।
कह देंगे राज सारे आज अपने दिलदार से।
दुश्मनों से कह दो आंखें खोलकर देखें जरा।
तूफानों में पलने वाले डरते नहीं तलवार से।
चौबारा
घर का आंगन दीवारें वो चौबारा भी गाता है
बिटिया आंगन की तुलसी आओ तुम्हें बुलाता है
बाबूजी का लाड प्यार वो मां की सीख भरी बातें
बहन भाई की अठखेली हंसी सुहानी वो रातें
मासूम
मासूम मुस्कान प्यारी मन में उमंग जगाती
खुशियां बरसे घर में नन्ही किलकारी आती
नन्ना बालक मंद मंद मुस्काता अपनी मौज में
खिल जाते मुखमंडल चेहरों पर रौनक आती
कयामत
कयामत तक साथ निभाने का हम वादा करते हैं।
हमसफर जिंदगी में प्यार हद से ज्यादा करते हैं।
महकती है सांसे दिल की वादियों में बहारें आती।
खुशियों से झूम झूम हम जीवन में कदम धरते हैं।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )