Hindi Ghazal | Hindi Romantic Poetry -प्रेम दीवानी!
प्रेम दीवानी!
( Prem Deewani )
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कविता कैसे लिखूं ( Kavita Kaise Likhun ) कविता कैसे लिखूं मन तो हजारों गोते लगा रहा कविता कैसे लिखूं ? मन कभी घर के अंदर लगा रहता तो कभी घर के बाहर कविता कैसे लिखूं ? मन कभी माता-पिता में लगा रहता तो कभी बच्चों में कविता कैसे लिखूं ? मन में उठती…
आखिर क्यों ( Aakhir Kyon ) युगों से उठ रही थी आँधियाँ न जाने क्यूं ओले बरसै क्यूं तूफानों ने किया रुख मुझ पर, क्यूं, आखिर क्यों ? क्या ईश्वर को था मंजूर जो ले बैठा परीक्षा मेरी मैंने तो अपने मन-वचन से किया था सब वरण फिर मेरी साधना पर, प्रश्न चिन्ह आखिर…
मेरे मरने के बाद ( Mere marne ke baad ) बैठ जाना एक ही चादर पे मेरे मरने के बाद। रख लेना तस्वीर मेरी पलायन करने के बाद। आंसुओं को थामें रखना आएंगे दुख में काम। बांट लेना तुम संपदा सारी जो भी है मेरे नाम। याद आए जब भी मेरी मेरे मरने के…
शहर में बढ़ते हुक्का बार ( Shahar mein badhte hookah bar ) थोड़ा समझो मेरे यार शहर में बढ़ते हुक्का बार। नशे ने घेर लिया है सबको डूबते जा रहे परिवार। तंबाकू तबाही का घर तोड़ दो सारे बीयर बार। बिगड़े बच्चे आचार बचाओ संस्कृति संस्कार। रगों में उतर रहा है जहर…
त्याग निद्रा,जाग मुसाफिर ( Tyag nidra jaag musafir ) बीती रात ,हुआ सवेरा पक्षी कुल का, हुआ बसेरा कैसे लक्ष्य,तय होगा फिर त्याग निद्रा,जाग मुसाफिर, सोकर कौन? कर पाया क्या? बैठ करके,खोया ना क्या? खोते वक्त, मत जा आखिर, न सोवो उठ,जाग मुसाफिर। अपने आप, समझता क्यों न? होके सबल, सभलता क्यों…
याद शहीदों की ( Yaad Shahidon Ki ) महा-समर में भारत के वीरों ने , प्राणों की भेंट अपनी चढ़ाई है बलिदानी हुए हैं सभी वो वीर , जिन्होंने सीने पर गोली खाई हैं।। पन्द्रह-अगस्त के दिन हम सब, देश की आजादी-पर्व मनाते हैं। जन-गण-मन राष्ट्र-गान गाकर, हम ध्वज हम अपना फहराते है।। भारत की…
कविता कैसे लिखूं ( Kavita Kaise Likhun ) कविता कैसे लिखूं मन तो हजारों गोते लगा रहा कविता कैसे लिखूं ? मन कभी घर के अंदर लगा रहता तो कभी घर के बाहर कविता कैसे लिखूं ? मन कभी माता-पिता में लगा रहता तो कभी बच्चों में कविता कैसे लिखूं ? मन में उठती…
आखिर क्यों ( Aakhir Kyon ) युगों से उठ रही थी आँधियाँ न जाने क्यूं ओले बरसै क्यूं तूफानों ने किया रुख मुझ पर, क्यूं, आखिर क्यों ? क्या ईश्वर को था मंजूर जो ले बैठा परीक्षा मेरी मैंने तो अपने मन-वचन से किया था सब वरण फिर मेरी साधना पर, प्रश्न चिन्ह आखिर…
मेरे मरने के बाद ( Mere marne ke baad ) बैठ जाना एक ही चादर पे मेरे मरने के बाद। रख लेना तस्वीर मेरी पलायन करने के बाद। आंसुओं को थामें रखना आएंगे दुख में काम। बांट लेना तुम संपदा सारी जो भी है मेरे नाम। याद आए जब भी मेरी मेरे मरने के…
शहर में बढ़ते हुक्का बार ( Shahar mein badhte hookah bar ) थोड़ा समझो मेरे यार शहर में बढ़ते हुक्का बार। नशे ने घेर लिया है सबको डूबते जा रहे परिवार। तंबाकू तबाही का घर तोड़ दो सारे बीयर बार। बिगड़े बच्चे आचार बचाओ संस्कृति संस्कार। रगों में उतर रहा है जहर…
त्याग निद्रा,जाग मुसाफिर ( Tyag nidra jaag musafir ) बीती रात ,हुआ सवेरा पक्षी कुल का, हुआ बसेरा कैसे लक्ष्य,तय होगा फिर त्याग निद्रा,जाग मुसाफिर, सोकर कौन? कर पाया क्या? बैठ करके,खोया ना क्या? खोते वक्त, मत जा आखिर, न सोवो उठ,जाग मुसाफिर। अपने आप, समझता क्यों न? होके सबल, सभलता क्यों…
याद शहीदों की ( Yaad Shahidon Ki ) महा-समर में भारत के वीरों ने , प्राणों की भेंट अपनी चढ़ाई है बलिदानी हुए हैं सभी वो वीर , जिन्होंने सीने पर गोली खाई हैं।। पन्द्रह-अगस्त के दिन हम सब, देश की आजादी-पर्व मनाते हैं। जन-गण-मन राष्ट्र-गान गाकर, हम ध्वज हम अपना फहराते है।। भारत की…
कविता कैसे लिखूं ( Kavita Kaise Likhun ) कविता कैसे लिखूं मन तो हजारों गोते लगा रहा कविता कैसे लिखूं ? मन कभी घर के अंदर लगा रहता तो कभी घर के बाहर कविता कैसे लिखूं ? मन कभी माता-पिता में लगा रहता तो कभी बच्चों में कविता कैसे लिखूं ? मन में उठती…
आखिर क्यों ( Aakhir Kyon ) युगों से उठ रही थी आँधियाँ न जाने क्यूं ओले बरसै क्यूं तूफानों ने किया रुख मुझ पर, क्यूं, आखिर क्यों ? क्या ईश्वर को था मंजूर जो ले बैठा परीक्षा मेरी मैंने तो अपने मन-वचन से किया था सब वरण फिर मेरी साधना पर, प्रश्न चिन्ह आखिर…
मेरे मरने के बाद ( Mere marne ke baad ) बैठ जाना एक ही चादर पे मेरे मरने के बाद। रख लेना तस्वीर मेरी पलायन करने के बाद। आंसुओं को थामें रखना आएंगे दुख में काम। बांट लेना तुम संपदा सारी जो भी है मेरे नाम। याद आए जब भी मेरी मेरे मरने के…
शहर में बढ़ते हुक्का बार ( Shahar mein badhte hookah bar ) थोड़ा समझो मेरे यार शहर में बढ़ते हुक्का बार। नशे ने घेर लिया है सबको डूबते जा रहे परिवार। तंबाकू तबाही का घर तोड़ दो सारे बीयर बार। बिगड़े बच्चे आचार बचाओ संस्कृति संस्कार। रगों में उतर रहा है जहर…
त्याग निद्रा,जाग मुसाफिर ( Tyag nidra jaag musafir ) बीती रात ,हुआ सवेरा पक्षी कुल का, हुआ बसेरा कैसे लक्ष्य,तय होगा फिर त्याग निद्रा,जाग मुसाफिर, सोकर कौन? कर पाया क्या? बैठ करके,खोया ना क्या? खोते वक्त, मत जा आखिर, न सोवो उठ,जाग मुसाफिर। अपने आप, समझता क्यों न? होके सबल, सभलता क्यों…
याद शहीदों की ( Yaad Shahidon Ki ) महा-समर में भारत के वीरों ने , प्राणों की भेंट अपनी चढ़ाई है बलिदानी हुए हैं सभी वो वीर , जिन्होंने सीने पर गोली खाई हैं।। पन्द्रह-अगस्त के दिन हम सब, देश की आजादी-पर्व मनाते हैं। जन-गण-मन राष्ट्र-गान गाकर, हम ध्वज हम अपना फहराते है।। भारत की…