प्यार के टूटे किनारे आज फ़िर
( Pyar ke tute kinare aaj phir )
पड़ गयी दिल में दरारें आज फ़िर
प्यार के टूटे किनारे आज फ़िर
बट गये आंगन अदावत से यहां
नफ़रतों की है दिवारें आज फ़िर
ढ़ल गया मौसम गमों का अब यहां
खिल उठी ये बहारें आज फ़िर
बेदिली जिन राहों से मुझको मिली
दोस्त वो राहें पुकारें आज फ़िर
मिट गयी नजदीकियाँ सब प्यार की
देखे नफ़रत के नजारे आज फ़िर
जब कहां मिलनें को उससे मैंनें
कर गया है वो बहाने आज फ़िर
ख़ैर दिल की आज फिर आजम नहीं
कर गया है वो इशारे आज फ़िर
❣️
शायर: आज़म नैय्यर
( सहारनपुर )