कतर ने थामा लीबिया का हाथ | Kavita
कतर ने थामा लीबिया का हाथ !
*******
2011 में मुअम्मर गद्दाफी को किया गया पदच्युत,
तभी से वहां शुरू है गृहयुद्ध ।
वर्षों से गृहयुद्ध में उलझे लीबिया को
कतर का साथ मिला है,
सुन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने
राहत का सांस लिया है।
उस क्षेत्र में शांति बहाली की कोशिश महत्त्वपूर्ण है,
जहां की शासन व्यवस्था जीर्ण-शीर्ण है।
कतर यूएनओ अनुमोदित ‘जीएनए’ को मानता है,
इसलिए फैयाज अल सर्राज को दी मान्यता है।
इसे मजबूती देने हेतु पिछले दिनों ही-
कतरी उप प्रधानमंत्री (डॉक्टर खालिद बिन मोहम्मद) ने त्रिपोली की यात्रा की,
लीबियाई नेताओं से मिलकर बातचीत की।
यह यात्रा उथल पुथल से भरे लीबिया में
शांति लाने का प्रयास है,
होगी भी, ऐसा मुझे विश्वास है।
इस पहल से शांति तो आएगी ही,
विकास को भी बढ़ावा मिलेगा,
जिसके लिए कतर जरूरी आर्थिक मदद और प्रशिक्षण देगा!
गृहयुद्ध से लीबिया के बुनियादी ढांचे और मानवसंसाधन को नुकसान पहुंचा है,
जिसे पुनर्व्यवस्थित करना है।
जो मित्र राष्ट्रों की मदद बिना संभव नहीं है,
कतरी उप प्रधानमंत्री का दौरा इसकी एक कड़ी है;
बिना मदद लोकतांत्रिक देश के रूप में लीबिया का उभरना संभव नहीं है।
अप्रैल 2019 से ही वैध सरकार के विरुद्ध
विभिन्न गुटों का हमला जारी है,
जिस कारण , वहां की जनता कर रही त्राहि-त्राहि है।
प्रर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद-
ग़रीबी बहुत है,
दो वक्त इज्जत की रोटी नहीं मिल रही है,
उनके इसी पुकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने सुनी है,
सहायता समर्थन की बात कही है।
आशा करता हूं इस अंतर्राष्ट्रीय पहल से-
लीबियाई लोगों के जीवन में सुधार होगा,
तरक्की का उम्मीद का एक नया सूरज उगेगा।
लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।