
रब उसको मुझसे प्यार हो जाये
( Rab usko mujhse pyar ho jaye )
कोई ऐसी बहार हो जाये
रब उसको मुझसे प्यार हो जाये
खेलना छोड़ो संग बच्चों के
दुश्मन का अब शिकार हो जाये
वो वफ़ा पे यक़ी नहीं करता
उसको भी ऐतबार हो जाये
वो मिलने अब मुझे चला आया
ख़त्म अब इंतजार हो जाये
अब बहुत ही गिले हुए शिकवे
दोस्ती मे सुधार हो जाये
घेरा है गम के ही अंधेरों ने
अब खुशी की दयार हो जाये
नफ़रतों की छोड़ो बातें फ़ैसल
प्यार की बातें यार हो जाये
शायर: शाह फ़ैसल
( सहारनपुर )