रक्तदान पर कविता
रक्तदान पर कविता
रक्तदान महादान,
ईश्वर भक्ति के समान,
वक्त में मिल जाए गर,
बॅच सके किसी की जान,
पुण्य हो कल्याण हो,
सहृदयता का भान हो,
सफल हो जीवन यात्रा,
जब जरूरत मंद को,
वक्त मे हम दान दें,
रक्त की कुछ मात्रा,
रक्त बिन जो जा रहा,
लौट के न आएगा फिर,
करो रक्त दान अपना,
रक्त तो बन जाएगा फिर,
ये कार्य बड़ा महान है,
यही तो अपना सम्मान है,
इससे बड़ा न कोई दान है,
रक्त है तो प्राण है,
बॅचा लो जिन्दगी किसी की,
इससे बड़ी न कोई शान है।
आभा गुप्ता
इंदौर (म. प्र.)