रोशन मै चिराग हू | Roshan Main Chirag Hoon
रोशन मै चिराग हूँ
( Roshan Main Chirag Hoon )
कुछ तो लिखू जो कलाम हो
मेरे बड़ो को मेरा सलाम हो
अदब और मोहब्बत मेरा काम हो
मेरा इमान मेरा मुल्क हमेशा आबाद हो
खिलू मै फूल की तरह
मै मुरझाऊ फूल की तरह
रोशन मै चिराग हू
जल जाऊ बुझ जाऊ मै कमाल हू
वक्त की बात है कोई इज्जत दे
कभी जमाना मुझे तोहमत दे
कहने को तो कुछ नही मेरे पास
मै क्या कहु क्या लिखू
कुछ जवाब नही मेरे पास
अदब करता हू मै महफिल ए आम ए खास का
मै चिराग हू जलता बुझता कमाल का
किसी ने तोहमत दी किसी ने मोहलत
मै गिरता चलता कमाल हू
लाख बुरा लाख भला हू मै
कहने को बुझता चिराग हू मै
खत्म कहानी है तो क्या हुआ
नई कहानी का पहला सवाल हू मै
ना कोई अपना ना कोई पराया
आबाद हू मै आबाद हू मै
किस तरह कहु क्या सवाल हू मै
नजर की कैद मे रहकर आबाद हू मै
कुछ कहने को बचा हो तो कह दो
ये वक्त नही गम सुनाने का
ये वक्त है हसने मुस्कुराने का
कैसे तुम रूप बदलते हो
ये कैसी रित है निभाने की
नाज़ अंसारी