samasya nahi
samasya nahi

समस्या नहीं, समाधान बनें

 

जब जनमानस उद्वेलित हो,
अथाह नैराश्य भावों से ।
हिम्मत नतमस्तक होने लगे,
अनंत संघर्षी घावों से ।
तब सकारात्मक सोच से,
प्रेरणा पुंज अनूप गान बनें ।
समस्या नहीं, समाधान बनें ।।

जब जीवन पथ पर,
संकट बादल मंडराने लगे ।
लक्ष्य बिंदु भटकाव पर,
आत्म विश्वास डगमगाने लगे ।
तब आशा उमंग संचरित कर,
अप्रतिम जीवंत शान बनें ।
समस्या नहीं, समाधान बनें ।।

जब अभिव्यक्ति पटल पर,
क्रोध समावेशित होने लगे ।
परंपराएं मर्यादाएं संस्कार,
निज अस्तित्व खोने लगे ।
तब सांस्कृतिक अभिरक्षा कर,
अद्भुत अनुपम पहचान बनें ।
समस्या नहीं, समाधान बनें ।।

जब शासन प्रशासन अंतर,
भ्रष्टाचार मुंह बोल रहा हो ।
पूरा तंत्र सही गलत तथ्य,
एक तराजू पर तोल रहा हो ।
तब प्रखर विरोध स्वर संग,
राष्ट्र धरा स्वाभिमान बनें ।
समस्या नहीं, समाधान बनें ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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