मेरा सनातन धर्म | Sanatan Dharma
मेरा सनातन धर्म
( Mera sanatan dharma )
कल्पवृक्ष सा ये धर्म सनातन
इस वृक्ष का बीज परमात्मा प्रेम,
जिसके रचयिता ब्रह्मा जी स्वयं
हैं विष्णु जी जिसके पालनहार
शिव शक्ति की असीम कृपा पर ही,
यहां चलता है यह जग संसार।।
सनातन धर्म हैं विशाल स्वरूप
बाकी सब धर्मों का भी हैं आधार
निर्भय रहते हैं प्राणी इसके साथ
परमात्मा की शक्ति मिले अपार ,
जीवंत रहे इसके संस्कृति संस्कार
सनातन धर्म की हैं महिमा अपार ।।
मिट्टी में यहां खुशबू महके प्रेम की
देवभूमि भारत की हैं, पावन ये धारा
मानव जगत करने जहां कल्याण
स्वयं आए प्रभु जहां ले अवतार
सनातन धर्म रक्षा करता है सबकी
नहीं कभी किसी को गलत देता ज्ञान।।
कल्पवृक्ष सी शक्ति हैं जिसकी ,
श्री गंगा बहती रहती जहां महान
नमन करें सनातन धर्म को भारत
है ऋषि-मुनियों की यहां संतान,
हर लेते सभी की पीड़ा हृदय की
सनातन धर्म जो करता हैं स्वीकार।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश
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