ऐ चीन ! तुझे न छोड़ेंगे
ऐ चीन ! तुझे न छोड़ेंगे

ऐ चीन ! तुझे न छोड़ेंगे

*****

बदला लेंगे हम,
छोड़ेंगे न हम।
भूले हैं न हम,
भूलेंगे न हम।
खायी है कसम,
तोड़ेंगे गर्दन।
करेंगे मानमर्दन ,
प्रतिशोध लेंगे हम।
याद है ! बात उस रात की,
छिपकर किए घात की।
गलवान घाटी की !
आदत ही है तुम्हारी जाति की।
गीदड़ सा करते हो,
सामने आने से डरते हो।
कायर कहीं के!
छिपे बैठे हो?
किसकी गोद में?
हम हैं तुम्हारी ही खोज में।
पल पल तुझे तेरी औकात बताने को –
हैं आतुर,
हमारे सैनिक चतुर।
सूद समेत मजा चखाएंगे,
बरसों बरस रूलाएंगे।
हैं व्याकुल,
करेंगे तुझे शोकाकुल।
एक के बदले इकतालीस मारेंगे,
तुझे घुटनों पर ला देंगे।
भागो ! कितना भागते हों?
भागते कट जाएगी तेरी उम्र,
अपने देश की करो तुम फिक्र।
गलवान कारगिल पैंगोंग नहीं,
अब थर्राएगा थियानमेन।
ऐप बंद हैं, फड़फड़ा रहे हो,
अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिरगिरा रहे हो!
जल्द ही हार मानोगे,
राफेल का लोहा मानोगे।
गिराएंगे जब बीजींग पर बम,
निकल ही जाएगा तुम्हरा दम।
बातचीत को आओगे,
शांति समझौते की दुहाई दोगे।
फिर दुस्साहस करना ही छोड़ दोगे,
आंख उठाकर भी न देखोगे ।
राम जब युद्ध करते हैं,
तो रावण जैसे कितने जमींदोज होते हैं।
अभी भी समय है-
सुधर जाओ,
हरकतों से अपनी बाज आओ।
वरना विनाश तय है,
भारत और भारतीय सेना की जय है।
जय हिन्द की सेना,
नेस्तनाबूद किए बिना न सोना।

 

?

नवाब मंजूर

लेखक– मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार ।

यह भी पढ़ें :

चौखट | Chaukhat Kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here