सनातन नववर्ष | Sanatan nav varsh par kavita
सनातन नववर्ष
( Sanatan nav varsh )
वर्ष नया हो हर्ष नया हो
घटा प्रेम की छाई हो
जीवन का उत्कर्ष नववर्ष
मधुर बजे शहनाई हो
सनातन संस्कृति हमारी
केसरिया बाना लहराये
राज तिलक राम का हुआ
राममय माहौल हो जाए
मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा
आकर हर ले कष्ट सारे
चैत्र नवमी को जन्मे थे
आराध्य श्री राम हमारे
रामनवमी जन्मदिवस के
हर्ष को दर्शाता है
होली दिवाली तीज गणगौर
हिंदू त्योहार मनाता है
नैनों में चमक चांदी सी
अधरों पे सुहानी बातें हैं
सनातन नववर्ष हमारा
हम मिलकर खूब मनाते हैं
उमंगों की घटा उमड़े
बरसाते चांद सितारों की
मधुर मुस्कानों का आंगन
आहट हो नई बहारों की
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )