संघर्ष जीवन के | Sangharsh Jivan Shayari
संघर्ष जीवन के
( Sangharsh Jivan ke )
बचपन गुज़रा और जवानी ने दस्तक दिया,
बस तभी से संघर्ष जीवन का है शुरू हुआ,
इस संघर्ष का सिलसिला साँसों संग टूटता,
हयात-ए-सफ़र आज़माइशों के नज़र किया,
उम्र के साथ-साथ ये संघर्ष भी बढ़ता जाता,
ज़िन्दगी की ख़ुशियों को, हरपल मंद किया,
स्याह बालों में चाँदी यूँ ही तो नहीं है उतरती,
हर इक बाल संघर्ष की सुनाती है कहानियाँ,
ना घबरा मुश्किलों से यह जीना सिखाती हैं,
संघर्ष ने ही तो पत्थर को पारस है बना दिया!
आश हम्द
पटना ( बिहार )