संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज | Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj | Kavita
संत शिरोमणि गणिनाथ जी महाराज
( Sant Shiromani Ganinath Ji Maharaj )
जय जय जय हे संत शिरोमणि,गणिनाथ महाराज।
योग क्षेम कल्याण शिरोमणि, गणिनाथ महाराज।
महादेव के मानस पुत्र हो, तुम जन कल्याणी हो।
मंशाराम के दत्तक पुत्र हो, धर्म रक्षक अवतारी हो।
राग द्वेष तम दूर करे प्रभु, सत्य धर्म अधिकारी हो।
काम क्रोध मद् मुक्त करे जो,परहित जग कल्यागी हो।
जन्मसंगिनी देवी क्षेमा पाँच पुत्र की जो माता।
करूणा भक्ति त्याग की देवी विधि से बनी विधाता।
वैशाली के धर्मपाल जो, राजा थे शिष्य बने थे।
पलवैया की पूर्ण भूमि को, संत को दान दिये थे।
उसी भूमि पर लिया समाधि,नाथ जी संग सती क्षेमा।
पलवैया धाम जो महनार में है लगता है बडा सा मेला।
यवनो से लड युद्ध विजेता, भारत मे धर्म बचाया।
मद्धेशिया कुल के राजगुरू ने, जब ”हुंकार” लगाया।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )