शबरी जीवन | Shabari Jeevan
शबरी जीवन
( Shabari Jeevan )
शबरी जीवन धन्य हुआ, राम नवधा भक्ति से
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अवतरण भव्य भील समुदाय,
मूल संज्ञा संबोधन श्रमणा ।
रक्त संबंध शबर जाति कारण,
शबरी नाम सृष्टि पट रमणा ।
बाल्यकाल परिणय भील कुमार,
पर विच्छेदन पशु बलि दृश विरक्ति से ।
शबरी जीवन धन्य हुआ, राम नवधा भक्ति से ।।
दंडकारण्य गमन अनुपमा,
ऋषि मातंग अप्रतिम शरण ।
संकोच निम्न कुल सीमाएं,
आश्रम बाहर सेवा वरण ।
स्वच्छ कंटक रहित पथ श्रृंगार,
उपासना श्रमनिष्ठ युक्ति से ।
शबरी जीवन धन्य हुआ, राम नवधा भक्ति से ।।
देख समर्पण पराकाष्ठा,
गुरु कृपा अविरल धार ।
वरदान प्रभु रामचंद्र दर्शन ,
आश्रम अंतर दर्शन साकार ।
ऋषिपाद अवसान पश्चात,
प्रतिपल प्रतीक्षा आसक्ति से ।
शबरी जीवन धन्य हुआ, राम नवधा भक्ति से ।।
अंत मंगल संजोग निर्मित,
राम लक्ष्मण संग पदार्पण ।
अद्भुत आदर सत्कार वंदना,
सहर्ष मधुर बेर प्रसाद अर्पण ।
निज रसज्ञा आस्वाद अहम,
प्रेम चरम बिंदु मनुहार स्तुति से ।
शबरी जीवन धन्य हुआ, राम नवधा भक्ति से ।।
नवलगढ़ (राजस्थान)