शौक | Shauk
शौक
( Shauk )
जले हैं हाथ हमारे चिरागों से
आग की लपटों से खेलने का शौक नहीं
उठे हैं सवाल नजरों पर भी हमारे
जज्बातों से खेलने का हमे शौक नहीं
यकीनन होने लगी है दिल से दिल्लगी
किसी के ख्वाबों से खेलने का हमें शौक नहीं
जहां बिकने लगी हो चाहतें अब बाजार में
उस गली से भी गुजरने का हमें शौक नहीं
होंगे मतलब कहीं वफा या बेवफाई के
गैर के चमन की महक का हमें शौक नहीं
कांटों से भी मिलता है सुकून जो जख्म गहरा हो
जख्म औरों के कुरेदने का हमें कोई शौक नहीं
मुबारक हो शहर के उजालों की शाम तुम्हें
लड़खड़ाते हुए चलने का हमें कोई शौक नहीं
( मुंबई )