Manav adhikar par kavita
Manav adhikar par kavita

मानव के अधिकार समझें

( Manav ke adhikar samjhe ) 

 

देश-दुनिया के इतिहास में यह दिन भी है ख़ास,

जागरुक करें पूरे विश्व को ऐसी रखनी है आस।

१० दिसंबर को मनाता है यह दिवस हर इन्सान,

मानव के अधिकार समझाएं करें ऐसे ये प्रयास।।

 

जिसमे शामिल है सबको ये स्वतंत्रता अधिकार,

स्वास्थ्य आर्थिक जाति शिक्षा समान अधिकार।

किसे प्रताड़ित करना व नीचा कहना है अपराध,

स्वतंत्र सोच न्याय धर्म यह जीवन के अधिकार।।

 

देश या विदेश हो यह दिवस सब देशों ‌मे मनाते,

विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते‌।

लड़का लड़की दोनों को एक समान सब समझे,

लेख आलेख वाद-विवाद प्रतियोगिताएं कराते।।

 

हर व्यक्ति को एक समान मिलना चाहिए मौका,

ग्रामीण चाहें शहरी हो न देना किसी को धोखा।

मानव होने के नाते ये रखना मानवता का ध्यान,

रहता प्रभु के पास है ये कर्मो का लेखा-जोखा।।

 

स्त्री-पुरुष व बच्चों से मिलकर बनता ये समाज,

मानवाधिकार उल्लंघन पर उठाएं सब आवाज़।

दुनिया में हर इन्सान के पास है बहुत अधिकार,

जिसको जानना और समझना ज़रूरी है आज।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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