श्रीगंगा-स्तुति
श्रीगंगा-स्तुति
(गंगा दशहरे के शुभ अवसर पर)
जगत् पावनी जय गंगे।
चारों युग त्रिलोक वाहनी त्रिकाल-विहारिणी जय गंगे।।
महा वेगवति, निर्मल धारा, सुधा तरंगिनी जय गंगे।
महातीर्था, तीर्थ माता , सर्व मानिनी जय गंगे।।
अपारा, अनंता, अक्षुण्ण शक्ति, अघ-हारिणी जय गंगे।
पुण्य-मोक्ष-इष्ट प्रदायिनि, भव-तारिणी जय गंगे।।
“कुमार”मन पावन करो ,शिव जटा विहारिणी जय गंगे।
लेकर के निज शरण में मैया पार लगाओ जय गंगे।।