श्याम रंग में | Hindi Poetry
श्याम रंग में
( Shyaam rang me )
मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया श्याम रंग में।
मेरी वाणी को अविराम सुनो मोहन के रंग में।
जिसके रंग में राधा रंग गई,
लोक लाज को भी जो तंज गई।
ऐसा ही रंग डाल चुनरिया श्याम रंग में…
मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया श्याम रंग में।
मेरी वाणी को अविराम सुनो मोहन के रंग में।
जिसके रंग मे मीरा रंग गई,
मोह त्याग के जोगन बन गई।
ऐसा ही रंग डाल चुनरिया श्याम रंग में…
मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया श्याम रंग में।
मेरी वाणी को अविराम सुनो मोहन के रंग में।
सूरदास जिस रंग में रंग गए,
योगेश्वर को बालक समझे।
ऐसा ही रंग डाल चुनरिया श्याम रंग में…..
मोरी रंग दे ओ रंगरेज चुनरिया श्याम रंग में।
मेरी वाणी को अविराम सुनो मोहन के रंग में।
हुंकार हृदय श्याम रज राखे,
पिताम्बर मन हरि हरि जापे।
भगवा रंग रग डाल चुनरिया श्याम रंग में…
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )