Siddhidatri maan Aarti
Siddhidatri maan Aarti

सिद्धिदात्री मां

( Siddhidatri maan )

 

सिंह सवार मां जगदंबे कमलासन विराजित मां
सुख समृद्धि यश की दाता सारे संकट हरती मां

 

सिद्धिदात्री गुण दाता मां भक्तों के भंडार भरे
विजय का दे वरदान माता सिर पर हाथ धरे

 

जगमग दीप जले मां अंबे भक्त खड़े जयकार करें
सजा है दरबार तुम्हारा मां सब का बेड़ा पार करे

 

योगी तपस्वी साधक सारे शरण आपकी आते हैं
सच्चे मन से पूजा करते सकल मनोरथ पाते हैं

 

विंध्यवासिनी  भवानी  सब  सिद्धियों की दाता हो
करती कल्याण जगत का भक्तन भाग्य विधाता हो

 

वरदायिनी  वरदहस्त से सबकी झोली भर देती
हर लेती संताप सारे खुशियां जीवन में कर देती

    ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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