Srinivas N Hindi Poetry

श्रीनिवास यन की कविताएं | Srinivas N Hindi Poetry

विषय सूची

क्रिसमस

ईसाई का प्रमुख मास होता
सुबह से शाम शीतल बनता
साल भर में एक बार आता
पच्चीस दिसंबर को आता
यह क्रिसमस त्यौहार है श्रीनिवास!

ईसाईयों का प्रमुख पर्व
एकत्व से मना गया पर्व
धूम धाम से मनाया पर्व
शीत ऋतु में आया पर्व
यह क्रिसमस पर्व है श्रीनिवास!

गांव में एक बालक होता है
यह गरीब,अनजानी होता है
उसके पास कोई वस्तु नहीं है
भविष्य में क्या होना न पता है
यह बालक की स्थिति है श्रीनिवास!

अपने घर के पास पेड़ होता
मटके में पेड़ को रखता
और चर्च को ले जाता
इसे देखकर मजाक करता
येसु शक्ति से पेड़ बड़े होते है श्रीनिवास!

घरों को सजावट करता है
क्रिसमस पेड़ को श्रृंगार है
रंगीन स्टार को सुसज्जित है
चर्च को अलंकार करता है
इस दिन ईसाई का पवित्र है श्रीनिवास!

इसदिन गिरिजाघर जाते
सामूहिक रूप से पार्थना करते
भक्ति से बैबिल ग्रंथ पढ़ते
येसु क्रीस्तू से बधाई पाते
यह पर्व की विशेषता है श्रीनिवास!

टरकी प्रांत में एक चर्च थे
वहाँ एक बिशप रहते थे
प्रति दिन घुडसवारी किये थे
वे गरीबों की मदद किये थे
उनके स्वभाव उदार थे श्रीनिवास!

बच्चों को कई पुरस्कार देता
वह लाल टोपी धारण करता
उनके दाड़ी सफेद रंग होता
उनको शान्ता कलाज कहता
वे निकोलस से प्रसिद्द होता हैं श्रीनिवास!

प्रेम का खास

मोहब्बत बेमिसाल होता है
रसिक प्रिया में होता मार्मिक है
प्रेम में मधुर भाव लगता है
दोनों अलग न कर सकता है
जीवन में प्रेम मिठास है श्रीनिवास !

गांव के बीच कुएं होता है
मटका से जल ले जाता है
कुएं के पास प्रेमिका आता है
दोनों अपने मुँह देख जाता है
यह प्रेम अमर हो होता है श्रीनिवास!

जीवन में इश्क एक शक्ति
प्रेम में तल्लीन होना अनुरक्ति
अंत तक होता है दैवभक्ति
दोनों में प्यार अद्भुत शक्ति
प्रेम के बिना जीवन व्यर्थ श्रीनिवास!

घूंघट

सिख स्त्री अपने मुख़ ढकती है
जैन महिला मुख को ढकती है
मुस्लिम स्त्री मुँह को ढकती है
कुछ हिन्दु स्त्री मुख को ढकती है
अपने धर्मो की रीति रिवाज़ है श्रीनिवास!

धूप अधिक होने के कारण
चेहरा कोमल होने के कारण
बिमारी पीड़ित होने के कारण
बुजर्ग लोग होने के कारण
मुख को घूंघट से ढकता है श्रीनिवास!

पूर्वजों से संस्कार आता
आगे पीढ़ी के आदर्श होता
अपने संप्रदाय निभाता
धर्म के प्रति विश्वास होता
संप्रदाय से मुख को ढकता श्रीनिवास!

घूंघट

सिख स्त्री अपने मुख़ ढकती है
जैन महिला मुख को ढकती है
मुस्लिम स्त्री मुँह को ढकती है
कुछ हिन्दु स्त्री मुख को ढकती है
अपने धर्मो की रीति रिवाज़ है श्रीनिवास!

धूप अधिक होने के कारण
चेहरा कोमल होने के कारण
बिमारी पीड़ित होने के कारण
बुजर्ग लोग होने के कारण
मुख को घूंघट से ढकता है श्रीनिवास!

पूर्वजों से संस्कार आता
आगे पीढ़ी के आदर्श होता
अपने संप्रदाय निभाता
धर्म के प्रति विश्वास होता

न्याय/अन्याय

जाति प्रांत के
भेद नहीं होता है
यह न्याय है।

मूर्ख भाव से
हलचल करता
यह अन्याय।

संघ की सेवा
देश की भलाई है
यह न्याय है

धोखा करना
और शत्रु बनना
अन्याय होता।

भष्टाचार को
निर्मूलन करना
न्याय होता है।

भोर भई पनघट पर

सुबह प्रकृति खूब सुंदर
ठंडा हवा बहता निरंतर
कसरत करना जरूर
स्वास्थ केलिए अवसर
भोर पनघटपर सुंदर है श्रीनिवास!

पक्षियों भी हलचल करता है
वातावरण रमनीय होता है
मनुष्य इधर उधर घूमता है
फूलों से आकर्षित होता है
सुबह शोभा दिल की लुभाती है श्रीनिवास!

पढ़ने केलिए शौक होता
एकाग्रता से कार्य करता
ध्वनि प्रदूूषण नहीं होता
हर विषय समझ सकता
भोर पनघटपर निर्मल होता श्रीनिवास!

घरों में काम काज करता
घर के आंगन रंग डालता
प्रातः काल मनोहर लगता
भगवान की सेवा करता

शीशे के आगे भविष्य दिखाई देता है

हमारे प्रतिबिंब शीशे में देखते
निरंतर श्रृंगार करते रहते
छोटे से बड़े को आदत होते
अपने मुँह को देखते रहते
घर में दर्पण एक साधन है श्रीनिवास!

हरदिन ग्लामर कैसे होते
अपने हावभाव को देखते
बालो को निरंतर काट करते
इसे देख मुँह को क्रीम लगाते
आगे भविष्य इसमें दिखता श्रीनिवास!

मुँह अच्छा है बचपन में
देख खुश करता दर्पण में
मुख बुरा है वृद्दाप्य में
देख उदास करता दर्पण में
हमारे भविष्य इसमें दिखता श्रीनिवास!

जीवन मे ढलती शाम है

नित्यम काम काज करना
थकान से नीरस होना
लगातार बातचीत करना
मन में उत्साह कम होना
जीवन की ढ़लती श्याम है श्रीनिवास!

निरंतर पढ़ लिखता है
मन में ऊब हो जाता है
अविराम से काम होता है
अस्वस्थ से दुखित होता है
जीवन की ढ़लती श्याम है श्रीनिवास!

प्रातः काल अंधकार हो तो
जोर से बारिश पड़ जाए तो
तेज ठंडा हवा बह लगे तो
आना जाना कष्ट होते तो
जीवन की ढ़लती श्याम है श्रीनिवास!

सुख दुख

मर्द जिंदा में सुख दुख,से भर हो जाता।
दुखों से लड़ाई करो,चिंता भी दूर होता।।

ईश्वर को स्मरण करो,दुख को मिटावो।
अभ्यास से कार्य करो,पीड़ा को भगावो।।

सुख दुख एक हिस्सा ह,जीवन में आता।
दुख के बाद दुख आता, जिंदा कष्ट होता।।

रिश्तों में मिठास

रिश्तों से गहरा प्रभाव होता
क्लेश के समय मदद करता
अच्छा,बुरा विषय में भाग लेता
जीवन में सही मार्ग दिखाता
रिश्तेदार एक दोस्त है श्रीनिवास!

मानवतवादी का रूप होता
प्रेम और स्नेह भाव बाँटता
रिश्तेदार कर्तव्य निभाता
सदा नीति विषय बताता
रिश्तेदार आदर्शवान होता श्रीनिवास!

रिश्तेदार से सुझाव लेना है
भविष्य केलिये उपयोग है
इससे कीर्ति गौरव मिलता है
इससे संबंध पक्का होना है
रिश्तेदार परोपकारी है श्रीनिवास!

अटल बिहारी वाजपेयी : हाइकू

वाजपेयी ने
भारत प्रधानी थे
कुछ साल है ।

वाजपेयी ने
एक अध्यापक थे
और कवि थे।

वाजपेयी ने
जनता पार्टी नेता
के प्रमुख थे।

वाजपेयी ने
ब्रह्माचारी के रूप
जीवन जीता।

वाजपेयी को
मिला भारत रत्न
गर्व होता है।

वाजपेयी को
मनाली प्यार और
प्रकृति प्रेमी।

मन की हार

मेरा मन में एक लक्ष्य है
इसे सार्थक के निमग्न है
और निरंतर श्रम करता है
लेकिन लक्ष्य सफल नहीं है
मेरा दिल हार होता है श्रीनिवास!

मुझे खेल खेलना पसंद है
इसलिये कसरत करता है
प्रतियोगिता में भाग लेता है
लेकिन इनाम नहीं आता है
मेरा दिल फिर हार होता है श्रीनिवास!

मुझे पढ़ना लिखना भला
ज्ञान विज्ञान पाना फार्मूला
निरंतर ध्यन से पढ़ना कला
लेकिन अच्छी अंक नहीं मिला
मेरा दिल हार होता है श्रीनिवास!

संगीत मधुर हो जाता है
मुझे सीखना पसंद होता है
अनवरत सीखना चाहता है
मेरा गला सूख हो जाता है
मेरा दिल एक बार हार होता श्रीनिवास!

बड़ों की सेवा करना चाहता है
उनकी बात सुनना चाहती है
प्रेम, स्नेह से देखना चाहता है
मेरा स्वास्थ एकदम खराब है
इसलिए मेरा दिल हार है श्रीनिवास!

सपनों की लाश

मर्द का जीवन जटिल
आगे बढ़ना अनुकूल
निरंतर कार्यरत मुश्किल
कर्तव्य निभाना प्रतिकूल
कष्टों से मुकाबला करना श्रीनिवास!

प्रति दिन कसरत करना
आरोग्य को ही बचाना
दिल भर आराम लेना
जीवन में सपना करना
बिना सपना जीवन में लाश है श्रीनिवास!

छोटों से लेकर बडों तक आता
सार्थक बनने के यत्न होता
सपना एक निर्जीव हो जाता
सजीव केलिए प्रयत्न होता
सपनों की लाश नहीं होना है श्रीनिवास!

तल्लीन

गुरु शिष्य पढ़ाई में लीन
माँ बाप सेवा में निमग्न
पति पत्नी प्रेम में तल्लीन
राशिक प्रियावों स्वप्न में मग्न
निमग्न में मन शांत होता श्रीनिवास!

प्रजा भक्ति में लीन होता
इससे मोक्ष,पुण्य मिलता
किसान खेती में तल्लीन होता
इसे अच्छी फसल उगाता
निमग्न एक अद्भुत शक्ति है श्रीनिवास!

प्रकृति के प्रति आकर्षित होता
इसे दिल में प्रफुल्लित होता
बर्फ कस पर्वत सुंदर लगता
इसे दिल में प्रेम पिघल जाता
प्रकृति के प्रति मन खुश है श्रीनिवास!

प्रेम क्या क्यों और कैसे

मोहब्बत माने क्या होता
प्रेम कैसे उत्पन्न हो जाता
प्यार को कैसे पहचानता
इश्क को कैसे बांटता
प्रेम किसी को मालूम न होता श्रीनिवास!

व्यक्तियों के बीच प्रेम होता है
यह प्रेम चिरस्मरनीय है
प्रेम एक अद्भुत शक्ति है
बिना प्रेम से जीवन व्यर्थ है
जिंदा में प्रेम अनोखा है श्रीनिवास!

मन में भावना प्रकट करना
जीवन भर प्रेम से रहना
रसिक प्रियावों मे प्रेम भरना
प्रेम केलिए भेद न होना
प्रेम से जीवन सुखमय होता श्रीनिवास!

इकट्टा का महत्व

पर्व समय एकत्रित्र होता
समारोह समय इकट्टा होता
वीकेंड समय जमा होता
उत्सव में एक साथ बैठता
मन में भावनाएं व्यक्त करता श्रीनिवास!

बाधावो का विषय कहेंगी
समस्यावों को बताएंगी
कुटुंब स्थिति की चर्चा करेंगी
आर्थिक स्थिति भी चर्चा करेंगी
मन में दुख का भार घटता श्रीनिवास!

मिलझुलकर भोजन करता
आपस में बातचीत करता
समस्यावों को बांट करता
दूसरों की सहायता लेता
मितृत्व की भावना बढ़ता श्रीनिवास!

भागती जिंदगी का ठिकाना कहाँ होता है

हवा तेज गति से चलता
जीवन भी तेज से चलता
दुःख, रोग वेग से आता
स्वास्थ भी तेज से बिगड़ता
आज जीवन की परिस्थिति है श्रीनिवास!

मानव जल्दी से कार्य करता
यह कार्य असंपूर्ण बनता
अति शीघ्र से भोजन करता
पाचक शक्ति गड़बड़ होता
जल्दी से कार्य मत करना श्रीनिवास!

नित किसी न किसी समस्या
हल केलिए भी एक समस्या
आगे बढ़ना एक समस्या
मंजिल पहुंचना भी समस्या
तेजी जीवन में ठिकाना कहाँ है श्रीनिवास!

मेरा विचार मेरा समाज

भ्रष्टाचार को दूर करना
ऊंच, नीच अंतर मिटाना
जाति, धर्म भेद हटाना
प्रेम,द्वेष भेद भगाता
इसे समाज बदलाव होता श्रीनिवास!

दूसरों की सहायता करना
परोपकार भाव से रहना
भाई को मित्र जैसे समझना
मिलजुलकर के साथ रहना
सच्चाई से निवास होना है श्रीनिवास!

विकास के कोशिश करो
समस्यावों को दूर करो
कुभावनाये को इंकार करो
सुविधावों को प्रबंध करो
देश की प्रगति समाज है श्रीनिवास!

सीत ऋतु

शीत ऋतु का मास आता
ज्यादा से शीतल होता
हर दिन हिम बढ़ता जाता
आना जाना मुश्किल होता
बर्फीली से सावधान होना श्रीनिवास!

सुबह उठना कष्ट होता
देर से काम काज करता
पाचक शक्ति भी घटता
चर्म शीतल से सूख जाता
ठंडी हवा से अनारोग्य होता श्रीनिवास!

खांसी और छींक आती है
बुखार सिर दर्द भी आता है
रक्त प्रसरण कम हो जाता
तेज से स्वास्थ बिगड़ जाता
स्वास्थ की रक्षा करो श्रीनिवास

जब दिल पत्थर हो जाता है

मानसिक समस्या को
शारीरिक समस्या को
अनारोग्य समस्या को
खूब थकान समस्या को
ह्रदय में हलचल बढ़ता श्रीनिवास!

क्रोध,घमंड की बातें मना
अशांति,द्वेष की बातें मना
असहन,दबाव की बातें मना
संवेदन,तेजी की बातें मना
इसे ह्रदय मजभूत बनता श्रीनिवास!

नित्यम व्यायाम करने से
पौष्टिक भोजन खाने से
स्वच्छ जल को पीने से
दैनिक योगाभ्यास करने से
ह्रदय के प्रति दर्द न होता श्रीनिवास!

ह्रदय पत्थर की तरह होता
इससे दिमाग खराब होता
और रक्त प्रसारण घटता
ह्रदय दर्द से पीड़ित होता
ह्रदय के प्रति सावधान होना श्रीनिवास!

इंदिरागाँधी

प्रथम महिला प्रधानमंत्री
पंडित नेहरू जी की पुत्री
गांधीजी के प्रति परम मैत्री
असाधारण साहसयात्री
इंधिरा गांधी शक्तिशाली महिला श्रीनिवास!

देश की खूब सेवा करती
अंग्रेजियों को इंकार करती
धैर्य और साहस से लड़ती
कार्य दीक्षा से कर सकती
इंदिरागाँधी साहसनारी श्रीनिवास!

सबरमती आश्रम गयी थी
गरीब हटावो नारा की थी
बीस सूत्रों की अमल की थी
गरीब प्रजा की सेवा करती थी
भारत रत्न पुरस्कार पाती श्रीनिवास!

ह्रदय

सिगरेट पीना एक व्यसन
निरंतर बैठना आलसीपन
वैसे वजन बढ़ना असहन
अधिक तनाव से परेशान
इसे हमारे दिल दुखित होते

ह्रदय में कई समस्य होते हैं
इससे उलझन पैदा होते हैं
क्लेश की बात सुनते हैं
तो सावधान से रहना हैं
दिल नियंत्रण होना जरूरी

रक्त संचार ठीक होने से
हररोज व्यायाम करने से
संतुलित भोजन लेने से
सही समय पर नींद होने से
ह्रदय संबंधी रोग दूर होता श्रीनिवास!

राष्ट्र का वैभव

हमारा राष्ट्र वैभव महान
सभी केलिए वरदान
रंग,रूप,भाषा सर्वसाधारण
एकत्व और बंधुत्व की शान
राष्ट्र का भग्य अति श्रेष्ठ है श्रीनिवास!

सब केलिए मान मिला
राष्ट्र की शान होता भला
सबका वस्त्रधारण कला
संस्क्रुति,सभ्यता निराला
राष्ट्र के प्रति भक्ति होना है श्रीनिवास!

राष्ट्रीय गान जनगणमन है
राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम है
राष्ट्रीय पक्षी मयूर भी है
राष्ट्रीय पशु बाघ होता है
राष्ट्र का इतिहास बेमिसाल है श्रीनिवास!

ड्रग्स पदार्थ

ड्रग्स पदार्थ को दूर करो
स्वास्थ की रक्षा करो
पहले एकबार सोच करो
इस से हानि समझ करो
ड्रग्स का व्यसन एक बिमारी है श्रीनिवास!

भेद के बिना सेवन करता
अनारोग्य से पीड़ित होता
जिंदा में अपने लक्ष्य खो जाता
अशांति,अचंचल से रहता
ड्रग्स से मनोबल घटता है श्रीनिवास!

ड्रग्स को निषेध करना
और दिल को साफ करना
इसके प्रति सतर्क होना
इससे मृत्यु को दूर होना
ड्रग्स नहीं से जिंदा सुख होता श्रीनिवास!

संविधान

संविधान एक विधान
यह पवित्र ग्रंध महान
निम्न जाति के वरदान
नियमों का पालन अनुशासन
अम्बेडकर ने लिखा था ग्रंध श्रीनिवास!

अधिकार और कर्तव्य है
निभाना हमारा सिद्दांत है
कानून का पालन करना है
यह हमारी जिम्मेदारी है
संविधान के प्रति सतर्क होना श्रीनिवास!

छब्बीस नवम्बर को
संविधान दिवस रूप को
छब्बीस जनावरी को
गणतंत्र दिवस रूप को
मनाया गया संविधान पर्व श्रीनिवास!

इतिहास में संविधान श्रेष्ठ
नागरिकों के सर्व श्रेष्ठ
इसे अमल किया बहुत श्रेष्ठ
सब को मिला मान अति श्रेष्ठ
संविधान को जानना जरूरी है श्रीनिवास!

संविधान से कानून चला
इससे मिला उन्नति भला
सत्य,धर्म का पालन विला
देश के प्रति भक्तिभाव कला
संविधान की संरक्षण करना श्रीनिवास!

महेन्द्रसिंग धोनी

धोनी रांची में जन्म लिए थे
पूर्व भारत क्रिकेट खिलाड़ी थे
पूर्व भारत टीम कप्तान भी थे
वे कीपर और बल्लेबाजी थे
वे अच्छी क्रिकेट खिलाड़ी श्रीनिवास!

धोनी तेजी से खेलते थे
वे हर मैच जीतने के यत्न थे
वे प्रमुख कप्तान में एक थे
वे नये खिलाडी के प्रेरक थे
उनको कई रिकार्ड होते है श्रीनिवास!

वे नेतृत्व में वर्ल्ड कप जीते
टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप भी जीते
अनेक टॉर्नमेंट को जीते
उनको अनेक पुरस्कार पाते
वे सचमुच भला कप्तान श्रीनिवास!

अनुराग

माँ के प्रति प्रेम होना है
बाप के प्रति प्रेम होना है
भाई के प्रति प्रेम होना है
बहिन के प्रति प्रेम होना है
प्रेम से जीवन उत्साह होता श्रीनिवास!

माँ – बाप के बीच प्रेम होना है
पति – पत्नी के बीच प्रेम होना है
प्रभू -भक्त के बीच प्रेम होना है
गुरु – शिष्य के बीच प्रेम होना है
प्रेम से जीवन मधुर होता श्रीनिवास!

दीनों के प्रति प्रेम होना है
मजदूरों के प्रति प्रेम होना है
निम्न जाति के प्रति प्रेम होना है
अनाथों के प्रति प्रेम होना है
जीवन में प्रेम बढ़िया है श्रीनिवास!

नारी की प्रभावशीलता

सृष्टि का मूल रूपी – स्त्री है
जननी के रूप में
हरी के जन्मदात्री के रूप में
पृत्वी के रूप में
पैदाईश के बाद बच्चों के गुरु के रूप में
मित्र के रूप में
करुणामयी के रूप में
पति की सहचरी के रूप में
युद्द कला में साहसीनारी के रूप में
पुरुषों के समान के रूप में
जहाँ नारी की अर्चना होती है
वहाँ अजर का रूप प्रत्यक्ष होता है
अतः भारतीय शिष्टाचार में स्त्री अद्वितीय प्रभावशीली है

कैसा है मेरा गांव

मेरा गांव खूब सूरत है
रमनीय स्थल भी है
और जीवन शैली सहज है
सब का खान पान एक है
गांव में पर्यावरण अच्छा है श्रीनिवास!

गांव इतिहास बेमिसाल है
और संस्क्रुति सराहनीय है
सब की भाषा मधुर भी है
उनके व्यवसाय खेतीबाड़ी है
गांव में मनोरंजन होता है श्रीनिवास!

यहाँ कई पवित्र मंदिर है
और बाग बगीचा भी है
पुण्य क्षेत्र ज्यादा प्रसिद्ध है
प्रकृति की शोभा आकर्षित है
गांव का जीवन अच्छा होता है श्रीनिवास!

सेल्फोन

आज का युग सेल्फोन
छोटे बडों तक निमग्न
निरंतर होता प्रसारण
यह मनोरंजक साधन
मार्टिन कपूर ने निर्माण किया श्रीनिवास!

सेल्फोन के रूप अनेक
इसको खरीदता है हरेक
इसका फीचर्स भी अनेक
रंग बिरंगी सेल्फोन प्रत्येक
सेल्फोन आकर्षक साधन श्रीनिवास!

निरंतर कई विषय प्रसारण
अच्छा और बुरा साधारण
ज्ञान से संबंध भला गुण
अज्ञान से संबंध बुरा गुण
सेल्फोन से सावधान होना श्रीनिवास!

सेल्फोन में सिनेमा देखता
धारावाहिक भी देखता
गीत और संगीत देखता
समाचार,खेल भी देखता
यह मनोरंजन का साधन श्रीनिवास!

सेल्फोन को ज्यादा न देखना
समय के अनुसार देखना
अच्छी विषय को देखना
बुरी विषय को मत देखना
इससे लाभ और नष्ट होता श्रीनिवास!

अच्छा वेबसाइट को देखना
ज्ञान विषय को समझना
नकली वेबसाइट न देखना
इससे व्यवहार अच्छा होना
सेल्फोन के प्रति सचेत होना श्रीनिवास!

जन्मदिन

जन्मदिन को मनाता
संस्कार को पहचानता
बडों से आशीश लेता
निष्ठा प्राचीन काल से आता
जीवन में जन्मदिन भला है श्रीनिवास!

साल में एक बार आता
धुूमधाम से मनाता
मित्रों, रिश्तें केसाथ मनाता
अतिथियों से बधाई पाता
जीवन में जन्मदिन अनोखा है श्रीनिवास!

गरीब,अमीर का भेद न होता
जात,प्रांत का फरक न होता
छोटे,बड़े का अंतर न होता
मिलजुलकर मनाया जाता
जिंदा में जन्मदिन पवित्र है श्रीनिवास!

झाँसी लक्ष्मी बाई

उनके पिता मोरोपंत ताम्बे है
उनकी मटवभागीरथी बाई है
उनके मित्र नाना साहेब है
उनके पति गंगाधर राव है
यह झाँसी लक्ष्मी बाई है श्रीनिवास!

मणिकर्निका नाम से प्रसिद्द थी
ब्राह्मण वंश मे जन्म हुई थी
बाल्य में स्वतत्र से रहती थी
घुड्सवारी में निपुण होती थी
यह एक वीराम्गना है श्रीनिवास!

झाँसी राजा से विवाह होती
झाँसी नाम से प्रसिद्द होती
यह अकेली से युद्द करती
अंग्रेजियों को दूर भगाती
यह महारानी सबला है श्रीनिवास!

स्वतंत्र संग्राम में भाग लेती
अंग्रेजियों के विरोध करती
धैर्य,साहस से लड़ाई करती
असाधारण प्रतिभा दिखाती
देश के अपनी प्राण अर्पित है श्रीनिवास!

आहार विहार

स्वास्थ अनमोल रत्न है
इसके व्यायाम करना है
पौष्टिक भोजन अनिवार्य है
इसे स्वास्थ सुंतुलित होता है
सुख जिंदा का आधार स्वास्थ श्रीनिवास!

सही समय पर खाना है
और विश्रांत लेना है
हरदिन समय पर सोना है
सुबह कसरत करना है
इसे स्वास्थ मजबूत बनता श्रीनिवास!

हरदिन अंडा खावो
तंदुरुस्ती को बचावो
प्रोटीन,विटामिन लेलो
शक्ति और वाल पावो
स्वस्थ केलिए अनिवार्य श्रीनिवास!

हरी सब्जी को खावो
माम्स और मछली खावो
फल और दूध पीवो
जूश और छाछ पीवो
इसे स्वस्थ बढ़ता है श्रीनिवास!

स्वच्छ हवा के पेड़ लगाना
पर्यावरण कलूषित न करना
आसपास सफाई रखना
कूड़े कचरे डिब्बा में डालना
इसे बिमारी दूर होता है श्रीनिवास!

क्रोध से दूर रहना
घमंड को छोड़ देना
कठिन वचन मत बोलना
मानसिक समस्या को हटाना
इसे स्वस्थ बैलेंस होता श्रीनिवास!

काश ऐसा होता

काश ऐसा होता
प्रकृति सुंदर लगता
हर दिन हराभरा होता
इसे बिमारी दूर होता
जीवन भर सुखमय से रहता।

काश ऐसा होता
स्वच्छ जल पीता
पौस्टिक भोजन खाता
स्वच्छ प्राणवायु लेता
सुख संतोष से जीता।

काश ऐसा होता
सचाई से रहता
ईमानदारी से रहता
भक्ति भावना से रहता
अपना कर्तव्य जानता।

गुरुनानक

सिख मत के मूल थे
पूर्णिमा के दिन जन्म लिए थे
गुरुनानक जयंती पवित्र थे
प्रसिद्द गुरुवों में एक थे
प्रथम गुरुनानक होता है श्रीनिवास!

सुबह से उत्सव होता
चार बजे शुरु करता
यह काल अमृतवेला होता
प्रार्थना से यह पर्व मनाता
इसे गुरु पर्व कहता है श्रीनिवास!

सत्य मार्ग पर चलना
सब को प्यार से रहना
खूब परिश्रम करना
लालच को दूर भगाना
वे गुरुनानक सिद्धांत हैं श्रीनिवास!

महिलावों को गौरव देना
विनय से जीवन बिताना
न्याय से धन को कमाना
अहमकार को छोड़ देना
वे गुरुनानक के वचन हैं श्रीनिवास!

वे भक्ति में लीन होते थे
गुरुद्वार मे प्रार्थना किये थे
वे एकता के पक्षपात थे
लिंग भेद के विरोध थे
उनकी महिमा अपार है श्रीनिवास!

बिखरी बिखरी रंगत सी है

कुटुंब में प्रलय होने से
बिखरी सी रंगत होने से
नुक्सान होता है।

प्रकृति में प्रदूूषण होने से
बिखरी सी रंगत होने से
पर्यावरण कलूषित होता है।

सागर में तूफ़ान होने से
बिखरी सी रंगत होने से
मछलियां मृत्यु होती है ।

लगातार बारिश पड़ने से
बिखरी सी रंगत होने से
सड़क भी खराब होता है।

स्वास्थ बिगड़ होने से
बिखरी सी रंगत होने से
समस्या से दुख होता है।

कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक मास आता
हर दिन त्यौहार होता
कार्तिक पूर्णिमा पवित्र होता
शिवपार्वती की पूजा करता
यह संप्रदाय का प्रतीक है श्रीनिवास!

प्रातः काल जल्दी उठकर
नदी में पवित्र स्नान कर
नये नये वस्त्र धारण कर
घर के आंगन रंग डालकर
शिवपार्वती को आह्वान करता श्रीनिवास!

इस दिन सूर्योदय के पहले
तुलसी किला के आगे
घी से दीपों को जलाते
मंदिर जाकर पूजा करते
यह पवित्र मास होता है श्रीनिवास!

ब्राह्मण को दान देता
उनसे आशीर्वाद पाता
निष्ठा से उपवास होता
चाँद को दीप समर्पित होता
इसे सुख शांति मिलता है श्रीनिवास!

शिव ने त्रिपुरासुर को वध थे
इसे त्रिपुरा पूर्णिमा कहा थे
इस दिन दीप दान किया थे
विष्णु की पूजा भी किया थे
हिंदुवों का निर्मल दिवस है श्रीनिवास!

बाल दिवस


बच्चों का पर्व
खास का पर्व
उल्लास पर्व
अनोखा पर्व
राष्ट्रीय पर्व श्रीनिवास!

आज का दिन
शुभ का दिन
पवित्र दिन
यादों का दिन
नेता महान श्रीनिवास!

जन्मदिन है
चाचाजी का है
मना रहा है
वैभव से है
बाल पर्व है श्रीनिवास!

चौदह आता
नवम्बर का
फोटो बनाता
फूल सजाता
नेहरूजी का श्रीनिवास!

नाच करता
खेल खेलता
भाषण देता
इनाम पाता
आदर्श होता श्रीनिवास!

बालदिवस

पर्व आया पर्व आया
बच्चों का प्रिय पर्व आया
पर्व आया पर्व आया
बच्चों का दिल में मजा लाया

पर्व आया पर्व आया
नेहरू जी का जन्म दिन आया
पर्व आया पर्व आया
बाल दिवस का पर्व आया

पर्व आया पर्व आया
नेहरूजी तस्वीर को सजाया
पर्व आया पर आय
नेहरूजी को नमन किया

पर्व आया पर्व आया
सब मिलकर गीत गाया
पर्व आया पर्व आया
साल में एक बार आया

पर्व आया पर्व आया
धूम धाम से मनाया
पर्व आया पर्व आया
बच्चों ने चाचाजी कहलाया

पर्व आया पर्व आया
प्रतियोगिता में भाग लिया
पर्व आया पर्व आया
बहुमूल्य पुरस्कार पाया

पर्व आया पर्व आया
समारोह पूरा हो गया
पर्व आया पर्व आया
अपने कर्तव्य निभाया

पर्व आया पर्व आया
आदर्शनेता बन गया
पर्व आया पर्व आया
इतिहास में याद हो गया

विद्यार्थी फैशन

विद्यार्थी सीखना फार्मूला
अच्छी आदत सीखना भला
साफ कपड़ा धारण कला
सच्चाई से कार्य करना भला
विद्यार्थी विवेक से रहना है श्रीनिवास!

फैशन का अर्थ कला
हमारी संस्क्रुति निराला
सुंदर वस्त्रधारण कला
हमारा सभ्यता भला
सन्दर्भ से ही धारण करना श्रीनिवास!

चमकीले वस्त्र मत धारण
मलिन पोशाक नहीं पहन
फटी कमीज मत धारण
आधा पेंट को नही पहन
इसे संस्क्रुति खराब होता श्रीनिवास!

जीवन में बैलेंस

विधाता सृष्टि किया गया
क्लेश,सुखो से भर गया
सुख, संरुद्दी को प्यार किया
दुख,निराशा को द्वेष किया
दोनों के प्रति बैलेंस होना है श्रीनिवास!

सूखे पेड़, पत्तों बुरा लगता
हरे पेड़,पत्तों अच्छा लगता
रंग बिरंगी फूल सुंदर लगता
सूखे फूल बदबू लगता
प्रकृति बैलेंस के पेड़ लगाना श्रीनिवास!

जिंदा में धन कमाता है
इसे भाग्यवान बनता है
वैसे धन को न कमाता है
इसे दुर्भाग्यवान बनता है
दोनों के प्रति बैलेंस होना है श्रीनिवास!

कार्तिक मास का महत्व

अय्यप्प भक्तों के शुभ मास
भवानी भक्तों के पवित्र मास
शिव भक्तों के हित का मास
भक्त जनों के व्रत का मास
कार्तिक मास में पुण्य मिलता श्रीनिवास!

सूर्योदय के पहले होना
नदी में सिरो स्नान करना
दीपों की ज्योती जलाना
मंदिर में जाकर पूजा करना
इस महीना की विशेषता है श्रीनिवास!

मकान को साफ करता
ईश्वर को अलंकार करता
और फूलों से अर्चन करता
स्त्री और पुरुष व्रत करता
निष्ठा नियम से उपवास होता श्रीनिवास!

मित्रों के साथ भोजन करता
रिश्तेदार के साथ खाता
परिवार के साथ चलता
सब विहारयात्र जाता
इसे खुश,एकत्व मिलता श्रीनिवास!

सुबह से शाम रोजा करता
कई पकवान बनाता
शाम को अर्चन करता
इसे सुख समरुद्दी मिलता
कार्तिक मास की महिमा है श्रीनिवास!

कार्तिक सोमवार पूजा करता
प्रभू दर्शन से मन खुश होता
कईप्रकार फूल,फल चढ़ाता
मंदिरों को सुसज्जित करता
भगवान दर्शन से मुग्ध होता श्रीनिवास!

दीपों की उत्सव मनाता
संप्रदाय से व्रत करता
बंधुत्व को भोजन करता
मित्रों से वनभोजन करता
इस मास में प्रकृति सुंदर है श्रीनिवास!

गंवाना

बच्चों पढ़ाई खो जाते हैं
वे दूसरों के प्रेम खो जाते हैं
वे अच्छी आदत खो जाते हैं
वे शांति को भी खो जाते हैं
वे सब खोने से मूर्ख बनते हैं श्रीनिवास!

बच्चों अनुशासन खो जाते हैं
वे ईमानदारी खो जाते हैं
वे अपने कर्तव्य खो जाते हैं
वे सच्चाई भी खो जाते हैं
ये सब खोने से चरित्र बेकार है श्रीनिवास!

बच्चों स्वास्थ खो जाते हैं
वे स्वयं प्रवृती खो जाते हैं
वे अपने ख्याल खो जाते हैं
वे मंजल को खो जाते हैं
ये खोने से आगे बढ़ते नहीं हैं श्रीनिवास

मजा पाना

चिड़िया को पंख होते हैं
वे आसानी से उड़ रहे हैं
सभी पक्षिया ध्वनि करते हैं
वे स्वतंत्रता से घूम रहे हैं
पक्षी को बंधन न करना श्रीनुवास!

पक्षी घेरा से मुझे मजा आता
कांति तारे से मुझे मजा आता
इंद्रधनुष से मुझे मजा आता
काले बदलों से मुझे मजा आता
ये सब हम को आनंद देते है श्रीनिवास!

अंतरिक्ष में राकेट भेजते हैं
इस के द्वारा रहस्य जानते हैं
मानव कृत्रिम उपग्रह बनते हैं
ऋतु संबंध विषय जानते हैं
इससे मानव संतोष पाता है श्रीनिवास!

श्रीकृष्ण

श्रीकृष्ण बलराम दोनों भाई थे
वे खेतिबारी करते थे
बलराम हल से खेत जोतते थे
श्रीकृष्ण गायों को चराते थे
वे खेतिबाड़ी का महत्व दिये श्रीनिवास!

हिंदु धर्म के पूजनीया प्रभू थे
अर्जुन को गीताबोध किये थे
द्रौपती का लाज भी बचा थे
महाभारत में पांडव पक्ष थे
उनको गोपालकृष्ण कहते थे श्रीनिवास!

मधुरा में बालाकृष्ण रूप में
राजस्थान में श्रीनाथ रूप में
उडीपी में श्रीकृष्ण रूप में
महाराष्ट्र में विठोभा रूप में
वे कई रूप से प्रसिद्द हैं श्रीनिवास!

छठ महा पर्व

कार्तिक मास में आता
शुक्ल पक्ष दिन में होता
षष्ठी तिथि में मनाता
सूर्य की पूजा से शुरु होता
यह छठ पूजा पर्व है श्रीनिवास!

प्रकृति की पूजन करता
संप्रदाय से रोजा रखता
इस दिन पानी नहीं पीता
यह पर्व को लिंग भेद न होता
कुटुंब सुख संतोष से होता श्रीनिवा!

बिहार,झारखंड में मनाता
विविध देशों में भी मनाता
यह लोक पसंद पर्व होता
इसे बिहार की रीति झलकता
परंपरा के अनुसार मनाता श्रीनिवास!

सुबह जल में स्नान करता
खड़े होकर आग्रह करता है
सूर्य को लंबे समय देखता
शाम को प्रसाद चढ़ाता
यह पर्व परिवार की सुरक्षा श्रीनिवास!

सजावट

फूलों से सजावट करते हैं
पत्तों से सजावट करते हैं
फलों से सजावट करते हैं
सुपारी से सजावट करते हैं
ये सभी सजावट के चीजें है श्रीनिवास!

बगीचा को सजावट करो
मंदिर को सजावट करो
नये घर को सजाकट करो
वाहनों को सजावट करो
सजावट सुंदर का प्रतीक है श्रीनिवास!

मेहंदी से सजावट करता
कागज से सजावट करता
रंगों से सजावट करता
पैसों से सजावट करता
सजावट करना संस्कृति है श्रीनिवास!

कला

अभिनय करना कला भी है
चित्र खींचना एक कला है
नाच करना कला भी है
जादू करना एक कला है
जिंदगी मेंं कला वरदान है श्रीनिवास!

पाठ पदाना एक कला है
काफ़ी लिखाना एक कला है
कथा सुनाना एक कला है
नाटक प्रदर्शन एक कला है
ये सभी कला अनिवार्य हैं श्रीनिवास!

चीजों बनाना एक कला है
कपडे बुनाना एक कला है
जेवर बनाना एक कला है
बर्तन बनाना एक कला है
कला से प्रवीण बनता है श्रीनिवास!

दूरदर्शन

टीवी को दूरदर्शन कहते हैं
यह ग्रीक भाषा का शब्द है
यह बिजली से प्रसार होता है
इसमें कई चैनल भी होते हैं
टीवी एक पेटी जैसा होता श्रीनिवास!

यह कई नमूना में होते हैं
इससे खबरें सुन,देखते हैं
इसमें सिनेमा प्रसार होता है
छोटे बड़े भी पसंद करते हैं
टीवी की कीमत ज्यादा होता श्रीनिवास!

शिक्षा विषय प्रसार होता है
नौकरी विषय प्रसार होता है
इससे मनोविनोद मिलता है
धारावाहिक प्रसार भी होता है
तुम नियमित रूप से देखो श्रीनिवास!

विवाह

दो व्यक्तियों के बीच शादी होती हैं
रीति – रिवाज के साथ होती है
शादी में दोस्त परिचित होती है
शादी दो कुटुंभो से संबन्धित है
समाज में गौरव से जीना है श्रीनिवास!

वर वधू को देखता है
वधू वर को भी देखती है
दोनों कुटुंभ पसंद करते हैं
तो शादी का निर्णय लेता है
शादि जिंदगी मे प्रमुख है श्रीनिवास!

वेद मंत्रों से विवाह होता है
बड़ो की समक्ष में होता है
वे वर , वधू की बधाई देते हैं
शादि नया जीवन का प्रतीक है
जिंदगी में शादी अनिवार्य होता श्रीनिवास!

दिवाली पर्व मनाओ

दिवाली पर्व मनाओ
अपने कर्तव्य निभाओ
रीति रिवाज से मनाओ
बड़ों से आशीष पाओ।
दीवाली धार्मिक पर्व है श्रीनिवास!

पकवान,खीर बनाओं
एक साथ मिलजुलकर खाओ
दीपों को जलाओ
अन्धकार को मिटा़ओ
दीवाली आनंदायक पर्व है श्रीनिवास!

बम और पटाखे जलाओ
कीटाणु, मच्छर को भगाओ
लक्ष्मी देवी की पूजा करो
दिलभर सुख, समृद्धि पाओ
दिवाली प्रकाश पर्व है श्रीनिवास!

धनतेरस

कार्तिक मास में आता
त्रयोदशी तिथि में आता
दीवाली का प्रथम दिन आता
इसे धनतेरस कहता
घनतेरस बढ़िया पर्व है श्रीनिवास!

बारह द्वार पर दीप जलाना
चांदी और सोना को खरीदना
यह चंद्रमा का प्रतीक माना
परंपरा से यह पर्व मनाना
इसे आयुर्वेद दिन भी कहता श्रीनिवास!

सब धन्वन्तरी पूजा करते
स्वास्थ के प्रार्थना करते
गणेश,लक्ष्मी के भोग चढ़ाते
देवता के प्रति व्रत रखते
इस पर्व से उत्साह बढ़ता श्रीनिवा

लोकहित

दुखों से नहीं डरना है
फल में आशा न होना है
विपत्ति से दूर न होना है
क्रोध,गर्व गुणों को छोड़ना है
तुम लोकहित की सेवा करो श्रीनिवास!

ऊंच नीच का भेद न होना है
गांव ,नगर का भेद न होना है
छोटा,बड़ा का भेद न होना है
प्रेम,द्वेष का भेद न होना है
विश्व में हम सब एक है श्रीनिवास!

दिन,रात काम करो
समय को बेकार न करो
महान नेतावों को याद करो
आदर्श लोगों से प्रेम करो
तुम विवेक से कार्य करो श्रीनिवास!

रेलगाडी

रेल छुक छुक कर चलती है
यह कोयला से चलती है
इससे तेज धुवा निकलते हैं
रेल बिजली से भी चलती है
इसे धूम शकटम कहते हैं श्रीनिवास!

रेल में कई डिब्बें होती है
वे कई प्रकार के होती है
रेल को कई नाम होती है
वे कई रंगों में होती है
यह पटरी पर चलती है श्रीनिवास!

रेल,माल को ले जाती है
इसमें एसी,नानएसी होती है
रेल मेंं पंका भी होती है
इसमें शौचालय होती है
जनता के बहुत सुविधा है श्रीनिवास!

अमीर,गरीब का भेद नहीं हैं
इसमें कई सीटें भी होती है
नए मित्रों परिचय होते हैं
स्टेशन आने पर रूकती है
रेल में सावधानी से चढ़ना है श्रीनिवास!

खाने- पीने की सुविधा होते हैं
रेल में कभी कभी भीड़ होती है
सिग्नल से काम करता है
लोक बैठते और सोते जाते हैं
रेल की यात्रा मुश्किल नहीं है श्रीनिवास!

दूध

दूध मानव को श्रेष्ट आहार है
इसे शरीर विकास होता है
दूध में प्रोटीन भी मिलता हैं
दुध से हड्डियां पुख्ता बनता है
दूध मानव का वरदान है श्रीनिवास!

दूध कई प्रकार होते हैं
दूध से अधिक शक्ति होता है
दूध मेंं विटामिन भी होता है
दूध से कई पदार्थ बनते हैं
दूध सहज सिद्द आहार है श्रीनिवास!

गाय का दूध पूजा करती है
गाय का दूध श्रेष्ट होती है
स्वास संबंधी रोगों दूर होता है
तन के अंगों का विकास होता है
हर दिन दूध पीना चाहिए श्रीनिवास!

धूमपान

तुम धूमपान को दूर करो
दिल,फेफडा रोगों को दूर करो
धुवा में निकोटिन को दूर करो
सिगरेट,बीड़ी को भी दूर करो
धुवा से दूर रहना चाहिए श्रीनिवास!

धुवा से पर्यावरण बिगड़ता है
धुवा से जीवन भी नष्ट होता है
धुवा से बच्चा प्रभावित होता है
धुवा से परिवार भी नुष्ट होता है
धुवा से प्राण को रक्षा करो श्रीनिवास!

यह मानसिक व्यसन है
इसे शारीर दुर्बल पडता है
इसे पीने से कई रोग होते हैं
मृत्यु भी संभव हो सकता है
धुवा के प्रति सावधान होना है श्रीनिवास!

गोवा

गोवा की राजधानी पनाजी था
यह मांडोवि नदी तट पर था
यह अत्यंत सुंदर प्रदेश था
पर्याटकों का शीतल प्रांत था
यह पर्याटकों के प्रसिद्द श्रीनिवास!

फरिवरी में कार्नवाल मेला था
गली गली में रंगों से भरा था
मिरमीर समीप में बीच था
विश्व विख्यात गिरिजाघर था
गोवा बीचों के प्रसिद्द है श्रीनिवास!

गोवा में तीन प्रसिद्द बीच हैं
दो नदियाँ सागर मे मिलती हैं
प्रसिद्द माल और महल भी हैं
साल भर पर्याटकों से भरते हैं
गोवा केसिनों के प्रसिद्द है श्रीनिवास!

बुखार

ज्वर से सिरदर्द बढ़ता है
ज्वर से बदन दर्द बढ़ता है
ज्वर से मनोबल घटता है
ज्वर से जीभ रुचि न होता है
बुखार एक बिमारी है श्रीनिवास!

ज्वर से शरीर गरम होता है
ज्वर से तापमान बढ़ता है
कुछ ज्वर दवा से कम होता है
कुछ ज्वर सुई से कम होता है
बुखार से सावधान होना है श्रीनिवास!

गरीब, अमीर को आता है
बुखार से मन नीरस होता है
ज्वर से तन शक्ति कम होता है
बुखार से परेशान होता है
कुछ संदर्भ में मृत्यु होता श्रीनिवास!

दहेज़ प्रथा

दहेज़ प्रथा से कुटुंब नाश है
घर घर में एक उलझन है
और खूब तनाव बढ़ता है
इसे दूसरों से उधार लेता है
दहेज़ प्रथा एक दुर्भाग्य श्रीनिवास!

लड़की का उम्र बढ़ता
माँ -बाप का तनाव बढ़ता
इससे बिमारी आता
और मनोबल घटता
माँ -बाप का एक कसौटी है श्रीनिवास!

कुछ कुटुंब विभिन्न होता
ब्याह के दहेज़ प्रथा लेता
विवाह के बाद भी लेता
इसे- स्त्रियों की स्थिति क्षीण होता
दहेज़ प्रथा एक स्वार्थ है श्रीनिवास!

उच्च वर्गों के वरदान
पिछड़े वर्गों के बलिदान
स्त्रियों केलिए निरभिमान
कुटुंब केलिए अपमान
दहेजप्रथा से सचेत होना श्रीनिवास!

तितर बितर होता जीवन
आगे बढ़ता नही गमन
कुटुंब की स्थिति होता मरण
कोई नहीं करता अभिमान
दहेजप्रथा एक अभिशाप श्रीनिवास!

सीखो

वैज्ञानिक से विज्ञान सीखो
इतिहास से ज्ञान सीखो
विद्वान से साहित्य सीखो
खिलाड़ी से खेलना सीखो
जीवन में सीखना एक आदत है श्रीनिवास!

पुष्पों से हँसना सीखो
भँवरे से गाना सीखो
तितली से उड़ना सीखो
कोयल से मधुर स्वर सीखो
जीवन मे कुछ न कुछ सीखो श्रीनिवास!

जननी से मीठी बातें सीखो
पिता से जिम्मदारी सीखो
बुज़ुर्गों से नैतिक मूल्य सीखो
मुनि, ऋषी से उपाय सीखो
जीवन में सीखना वरदान है श्रीनिवास!

पाठशाला

पाठशाला बच्चों का घर है
बच्चों के साथ गुरु भी होते हैं
वे ज्ञान,शिक्षा,दीक्ष भी देते हैं
बच्चों को सही मार्ग दिखाते हैं
पाठशाला एक देवालय है श्रीनिवास!

पाठशाला एक बगीचा है
यहाँ अनेक पौधे होते हैं
अमीर,निर्धन बच्चे पढ़ते हैं
यहाँ भेद भाव नहीं होता है
पाठशाला सबको समान है श्रीनिवास!

देवालय में ईश्वर रहते हैं
प्रभू भक्तों को पुण्य देते हैं
पाठशाला मे गुरुजन होते हैं
गुरु बच्चों को ज्ञान देते हैं
गुरु भगवान के समान है श्रीनिवास!

दिवाली

यह हिंदुवों का प्रमुख पर्व है
आशिवन अमावास्य को मनाते है
यह बच्चों का प्रिय त्यौहार है
बड़ा आनंददायक पर भी है
बच्चों को बहुत खुश होता श्रीनिवास!

इस दिन लोग जल्दी उठते है
वे अभ्यांग स्नान करते है
नये नये कपडे पहनते है
कई तरह पकवान बनाते है
इस दिन घरों मे खुशियां होते श्रीनिवास!

दिवाली संबंध कई कथाएं थे
इसदिन राम अयोध्य लौटे थे
श्रीकृष्ण राक्षस को वध किये थे
इस कारण पटाखे जलाते थे
यह पर्व देश भर मनाते श्रीनिवास!

करवा चौथा व्रत का महत्व

हिन्दुवों के मुख्य त्यौहार है
पूर्णिमा के बाद आता पर्व है
सुबह से उपवास रखता है
करवा चौथा भक्ति पर्व है
यह स्त्रियों का पवित्र पर्व श्रीनिवास!

उत्तर भारत में मनाता है
दक्षिण भारत में भी मनाता है
स्नेह भाव के रूप मनाता है
पति पत्नी प्रेम रूपी मनाता है
विवाहित स्त्रियों के खास पर्व श्रीनिवास!

मिट्टी घड़ों को शोभा करती है
अपने घर में व्रत रखती है
स्त्रियों वृत्ताकर में बैठती है
शायमकाल पूजा करती है
इससे स्त्रियों को पुण्य मिलता श्रीनिवास!

महिलाये मेहंदी लगती है
नये आभूूषण पहनती है
लाल,पीले रंग सुभकारी है
दूसरों को घड़े देना रीति है
इस दिन सूर्य को पानी अर्पित है श्रीनिवास!

किफायत

शक्ति की बचत करें
समय आने पर उपयोग करें
तेजी से बोलना बंद करें
अपने गले की रक्षा करें
बिना बचत के विकास ही नहीं श्रीनिवास।

बिजली की बचत करनी है
अपनी संपत्ति की भी करनी है
अपने खर्चों को कम करना है
पेयजल की बचत करनी है
जिंदगी में बचत अनिवार्य है श्रीनिवास।

मोबाइल देखना कम करो
अपने मनोबल की रक्षा करो
पर्यावरण की रक्षा करो
अपने स्वास्थ्य की रक्षा करो
तभी हम सुरक्षित रहते हैं श्रीनिवास।

अनुमान

तुम धैर्य,बल से काम करो
दिल मे अविश्वास दूर करो
गौरव,आत्माभिमान से करो
अनुमान से कार्य मत करो
इससे मनोबल घटता श्रीनिवास!

अनुमान से कई समस्याएं हैं
जीवन में आगे नहीं बढ़ते हैं
लक्ष्य को नहीं पहुंच सकते हैं
कार्य स्थिर से न कर सकते हैं
अनुमान दूर करना चाहिए श्रीनिवास!

कोई कार्य सफल न होता है
जिंदगी में विकास रोकता है
अनुमान से मान न मिलता है
मनासिक स्थिति बुरी होती है
अनुमान एक बिमारी है श्रीनिवास!

स्वयं

तुम स्वयं अच्छा कार्य करो
कभी भी बुरा कार्य मत करो
अनुनित्य श्रम,अभ्यास करो
सभी परिणाम स्वीकार करो
स्वयंकृषि से जीवन बिताओ श्रीनिवास!

उत्तीर्णता केलिए श्रम करो
अंकों केलिए नकल मत करो
कभी कभी विहार यात्रा करो
ज्ञान,विज्ञान को प्राप्त करो
दूसरों पर निर्भर न होना श्रीनिवास!

स्वयं पर भरोसा रखना
ईमानदारी से काम करना
अपने बातों पर ध्यान देना
दूसरों केलिए आदर्श बनना
ये सब स्वयं प्राप्त करना श्रीनिवास!

सूर्य की तपन

गर्मी में अधिक धूप लगता है
हर प्राणी धूप से थक जाता है
गर्मी में चलें तो थकान होती है
पेड़ के नीचे आराम लेना है
पेड़ पौधों से धूप घटता है श्रीनिवास!

धूप से तन का खाज मिटावो
गर्मी से अपना शरीर बचावो
अधिक से अधिक पानी पीवो
शरीर का मलिन को मिटावो
तन का ताप समतुल्य बनता श्रीनिवास!

ज्यादा धूप से पेड़ सूख जाते हैं
मानव को आघात लगता है
सूर्यरश्मी से लाभ,नष्ट होते हैं
हम कड़ी धूप से बचना है
हरियाली से धूप कम होता श्रीनिवास!

पेड़ पौधे से लाभ

पेड़ के अनेक नाम होते हैं
इनसे कई फायदे होते हैं
वे बड़े और छोटे भी होते हैं
इनसे आक्सीजन मिलता है
पेड़ पौधों की रक्षा करो श्रीनिवास!

कुछ पेड़ सुगंध से भरे होते
वे नित्य हरा भरा रहते
वे पथिक को छाया देते
लोग पेड़ों को पूजा करते
पेड़ पौधों को रोपणा चाहिए श्रीनिवास!

फूलों से माला बनाते हैं
पत्तों से कई उपयोग होते है
लकड़ी से कई चीजें बनती है
जड़ों से कई दवाये बनते हैं
पेड़ परोपकारी है श्रीनिवास!

मानवता

मानव सामजिक प्राणी है
जीवन मे परिश्रम करता है
दूसरों की भलाई करता है
समाज में गौरव से रहता है
मानव सेवा ही माधव सेवा श्रीनिवास!

कष्टों से सामना करता है
समस्यावों से लड़ता है
धैर्य से जीवन बिताता है
कमाने केलिए श्रम करता है
मानव आत्मा निर्भर से जीना श्रीनिवास!

मानव स्नेह भाव से रहना
दूसरों के प्रति दया होना
ऊंच नीच भेद भाव मिटाना
निस्वार्थ भावना से रहना
मानव जीवन पवित्र है श्रीनिवास!

कसूर

जीवन में गलती साधारण है
वे बड़े,छोटे भी हो सकते हैं
इसे बुध्दि से सुलझ करना है
इससे उलझन पैदा होता है
अपनी गलती,सुधार करो श्रीनिवास!

जिंदगी में रूकावट होता है
लक्ष्य प्राप्त न हो सकता है
तुम आगे नहीं बढ़ सकते हैं
इससे बुरा प्रभाव पडता है
कसूर से सावधान रहो श्रीनिवास!

परीक्षा में कसूर से लिखते हैं
कभी कभी अंक कम मिलते हैं
जानी अनजानी से हो सकता है
अपनी गलती को समझना है
जिंदगी में कसूर मत करो श्रीनिवास!

जीवन सरल नहीं

जीवन गहरा निलयम है
जैसे सुख, दुख से पीड़ित है
वैसे रोग,निरोग से भरा है
आशा, निराशा भी होता है
ये सभी को धैर्य से लड़ना है श्रीनिवास!

भय से कांप हो जाता
विरह से आक्रोश होता
क्रोध से अनारोग्य होता
तनाव से दुखित होता
ये सभी से सावधान होना श्रीनिवास!

कुटुंब में अशान्ति होता है
उलझन से सामना करता है
विरह,मिलन से रहता है
मनोबल भी क्षीण होता है
इसे जीना मुश्किल होता श्रीनिवास!

बचपन में क्लेशों से
टीनेज में अचंचल से
बूढ़ापा में मंदमति से
मृत्यु तक हम जीवन से
नित्यं सामना करेंगे

धन दौलत कमी होने से
जनसंख्या बढ़ने से
चीजों का मूल्य अधिक से
कई बीमाऱी फैलने से
ये सभी जिंदा में उलझन है श्रीनिवास!

अलग रहना पसंद करता
मिलजुलकर नहीं रहता
अहम्कार भाव से रहता
मूर्खात्व से वाद विवाद करता
इससे जीवन सरल नहीं श्रीनिवास!

मंजिल

दुढ संकल्प से मेहनत करो
अपना लक्ष्य को प्राप्त करो
शास्त्रों को अध्ययन करो
जीवन मे मंजिल प्राप्त करो
ज्ञानी,प्रतिभावान बनावो श्रीनिवास!

कभी कभी विहारयात्रा करो
रमणीय दृश्यों का आनंद पावो
रिश्तेदार,मित्र को मिलावो
अपना सारा दुख को मिटावो
जिंदगी में आनंद प्राप्त करो श्रीनिवास!

नौकरी मानव का जिम्मेदारी है
इस केलिए अनुभव जरूरी है
पार्वतो को चढ़ना मुश्किल है
तुम्हें विजय पाना अनिवार्य है
जिंदगी मे लक्ष्य को निभावो श्रीनिवास!

दुर्गदेवी का महत्व

दुर्गा देवी के नौ रूप होती है
शैलपुत्री पहला रूप है
यह हिमवंत की बेटी है
ब्रह्माचारिणी दूसरा रूप है
गायत्री,सावित्री,सरस्वती के
रूपों में दर्शिन देती है
चंद्र घंटा तीसरी रूप है
इस देवी के सर पर चंद्र घंटा होती है
भक्त पीले वस्त्र चढ़ाते है
कुश्मांडा चौथा रूप है
अष्टभुजाये के रूप माँ दर्शन होती है
यह दुर्गा माँ सब की कल्याणकारिणी है
सकंदमाता पंचावा रूप है
इस देवी को पूजा से शांति,समरुद्दी मिलता है
कात्यानी छठवा रूप है
यह देवी महिषासुर को वध
किया था
कालरात्रि की मां सातवा रूप है
यह देवी त्रिनेत्री रूपों से दर्शन देती है
महागौरी आठवा रूप है
यह देवी को पूजा से भक्तों को
क्लेश दूर हो जाती है
सिद्दीदात्री नौवा रूप है
यह अंतिम देवी का रूप भी है
सभी भक्तों का सपना साकार
देनेवाली देवी माँ है।

शक्ति की पूजा

माँ दुर्गा की अर्चना करो
अपार शक्ति और पुण्य पावो
माँ लक्ष्मी की पूजा करो
धन संपत्ति की रक्षा करो

माँ सरस्वती की स्तुति करो
विद्या में कीर्ति प्रतिष्ठ पावो
माँ वरलक्ष्मी को पूजन करो
अपनी इच्छा को सार्थक बनो

माँ की सेवा करो
जीवन में सुख समरुद्दी से रहो
माँ सिद्दीदात्री को वंदना करो
इस देवी से आशीर्वाद पावो

रतन टाटा जी

मुंबई के निवासी
सब के प्रियवासी
निरंतर कार्यशीली
हमारे लिए आदर्शवासी
बढ़िया महान रतन टाटा!

नावल टाटा के बेटा
टाटा ग्रुप के अधिनेता
नानो कार के निर्माता
पद्माभूषण पुरस्कार ग्रहीता
ओउद्योगिक क्षेत्र के विधाता

कई वाणिज्य केंद्र स्थापित थे
गरीब,अमीर के सेवा किये थे
वैद्या,विद्या में मदद किये थे
निस्वार्थ भावना से रहते थे
रतन टाटा एक ध्रुवतारा है!

श्रमिक

मई एक श्रमिक दिवस है
श्रम करनेवाले ही श्रमिक है
श्रम करने का फल मीठा है
श्रम से जीवन सफल होता है
श्रम एव विजयते श्रीनिवास!

श्रम करके पैसे कमावो
श्रम करके जीवन बितावो
श्रम से आलसीपन मिटावो
श्रम के प्रति कर्त्तव्य निभावो
जिंदगी मे मेहनत करो श्रीनिवास!

उन्नती के लिए श्रम करना
उत्तीर्णता के लिए श्रम करना
खेल में जीत के लिए भी करना
कामयाब के लिए श्रम करना
श्रम का मूल्य जानना श्रीनिवास!

नागपंचमी

नागपंचमी पवित्र पर्व हैं
इस दिन में व्रत रखते हैं
और फूलों से सजाते हैं
नागदेवता की सेवा करती हैं
यह हिन्दुओं का त्यौहार है श्रीनिवास!

रीति से नागों की पूजा करती हैं
इस दिन भक्तितों का विश्वास हैं
इससे पुण्य , मोक्ष मिलते हैं
इसे शिष्ठ से अर्चना करते हैं
नागदेवता की पूजा अनिवार्य श्रीनिवास!

सर्प जंगल में रहते हैं
वे इधर से उधर जाते हैं
यह जहरीली प्राणी हैं
और काटने का स्वभाव हैं
इसे श्रद्धा से अर्चन करना है श्रीनिवास!

चाय का महत्व

माँ का चाय अत्यंत रुचि होता
पत्नी का चाय प्रेम भरा होता
रिश्तेदार का चाय मधुर होता
दूसरो का चाय बहुरुचि होता
चाय कई रुचियों मे होता श्रीनिवास!

चाय से सिरदर्द कम होता है
चाय कई प्रकार में मिलता हैं
चाय कई रूपों में मिलता है
चाय से थकान दूर होता है
चाय पीते से उत्साह बढ़ता श्रीनिवास!

चाय पीने से नींद कम आती है
खाली पेट से चाय पीना नहीं है
ज्यादा चाय पीने से रोग होती है
कम चाय को पीना अच्छा है
दुनिया भर चाय पसंद है श्रीनिवास!

कालिरात्रि की माता

दुर्गा देवी नौ रूपों से सजाता है
प्रत्येक रूप शोभायमान है
इस रूप से भक्त मुग्ध होता है
भक्तजन माँ को शरण लेता है
भक्तों का विश्वास माँ करुणामयी श्रीनिवास!

देवी का शरीर काला होती है
बिखरे बाल गले तक होती है
त्रिनेत्र रूपों से दर्शन होती है
और चार भुजाएं होती है
यह देवी के रूप भयानक है श्रीनिवास!

माँ देवी का सातवा रूप है
माँ देवी का वाहन गर्धव है
माँ दर्शन से मुक्ति मिलती है
माँ भक्तो की मोक्षदायनी है
कालिरात्रि की माता महिमा है श्रीनिवास!

गांव का विकास

हम मिलजुलकर चलेंगे
एकता की बल बदाएंगे
जाति,प्रांत का भेद मिटाएंगे
गांव को फिर निर्माण करेंगे
यह हमारा प्रतिज्ञा हैं श्रीनिवास!

पेड़ पौधों को लगाएंगे
पर्यावरण को बचाएंगे
प्रकृति शोभा को बढ़ायेंगे
प्रदूूषण को दूर करेंगे
यह हमारा कर्तव्य है श्रीनिवास!

गांव को साफ सुथरा करेंगे
बिमारियों को मिटाएंगे
ग्राम विकास में भागलेंगे
प्रजा में सचेत लाएंगे
गांव उन्नति देश उन्नति है श्रीनिवास!

बुनियादी शिक्षा

बालक का मन निर्मल है
अच्छी आदतों को सिखाना है
सेवा की भाव जगाना है
अच्छा,बुरा के भेद समझाना है
बच्चे भविष्य के नीव हैं श्रीनिवास!

विध्या से सर्वांगीण वृद्धि होता है
इससे बुध्दि विकास होता है
और कौशल भी बढ़ता है
क्योंकि वे कल के नागरिक है
विद्या के द्वारा यश बढ़ता है श्रीनिवास!

देश के प्रति भक्ति बदाएंगे
सभी विकास के यत्न करेंगे
समाज में मिलजुलकर रहेंगे
प्रगति के कार्य में भाग लेंगे
हम देश के प्राण देंगे श्रीनिवास!

नारी का सम्मान सभ्यता की पहचान

जगत का मूल रूप नारी
जन्म देनेवाली ही नारी
कुटुंब गौरव बचाती नारी
संस्क्रुति बढ़ाती नारी
नारी को गौरव से देखना श्रीनिवास!

लक्ष्मीबाई धैर्य से लड़ाई थी
कल्पना अंतरिक्ष शैर की थी
बचेंन्द्री एवरेस्ट चढ़ाई थी
टेसीथामस वैज्ञानिक बनी थी
नारी में धैर्य,साहस होती श्रीनिवास!

नारी एक शक्तिवान होती है
नारी एक धैर्यबवान होती है
नारी एक वीरांगना होती है
नारी एक करुणामई होती है
नारी को अर्चना करना श्रीनिवास!

माँ दुर्गा देवी का रूप कुश्मांडा

माँ दुर्गा का रूप कुश्मांडा है
सूर्य कांति रूप देह होती है
माँ देवी की शक्ति अद्वितीय है
इस देवी का वाहन् सिंह् है
यह रूप देवी का चौथा है श्रीनिवास!

माँ देवी को अष्ट भुजाए होती है
शंख,धनुष,त्रिशूल हाथ में है
और जपमाला भी होती है
अष्टभुजा देवी से दर्शन होती है
भक्त वैभव से पूजा करता है श्रीनिवास!

इस देवी को आराधना करो
सभी रोगों से दूर करो
और पीड़ावों को दूर करो
आरोग्य ही वृद्धि पावो
यह देवी की महिमा है श्रीनिवास!

चंद्र घंटा

माँ का एक रूप चंद्र घंटा है
इसलिए यह रूप मनोहर है
दुर्गा माँ की तीसरी रूप है
यह दुर्गा की वाहन सिंह है
भक्त देवी दर्शन से मुग्ध होता श्रीनिवास!

माँ शरीर सोने जैसा होती है
माँ दस हाथ से दर्शन होती है
माँ सिर पर चंद्र घंटा होती है
माँ को पीले पुष्प अर्पित है
यह माँ देवी का स्वरुप है श्रीनिवास!

माँ देवी की पूजा करो
मन में शांति,भाग्य पावो
धैर्य और मुक्ति,पुण्य पावो
निर्मल भक्ति से आराधना करो
इससे मन निश्चल होता श्रीनिवास!

ब्रह्मचारिणी के रूप

गायत्री देवी के रूप में
सावित्री के रूप में
सरस्वती के रूप में
ब्रह्मचारिणी के रूप में
माँ कई रूप में दर्शन होती है श्रीनिवास!

एक हाथ में तुलसीमाला है
दूसरे हाथ में कमंडल है
यह तप करने के प्रतीक है
इस रूप में दर्शन होता है
यह शोभायमान अलंकार है श्रीनिवास!

इस दिन गायत्री मंत्र पढ़ता
इससे मन तेज बनता
माँ देवी से मोक्ष मिलता
सकल पीड़ावों दूर होता
यह मंत्र का बढ़िया महिमा है श्रीनिवास!

शिक्षक

शिक्षा सिखाने वाला ही गुरु
अंधेरा मिटानेवाला ही गुरु
दीपक जलानेवाला ही गुरु
सही मार्ग दिखानेवाला ही गुरु

आदत सिखानेवाला ही गुरु
भला बतानेवाला ही गुरु
सु पौर बनानेवाला ही गुरु
क्रोध दूर करनेवाला ही गुरु

देश भक्ति बढ़ानेवाला ही गुरु
नीति कहनेवाला ही गुरु
विश्वाश भरनेवाला ही गुरु
प्रेरणा देनेवाला ही गुरु

सृष्टि कर्ता भगवान थे
बच्चों के मूल गुरु थे
गुरु से जीवन सार्थक थे
वैसे गुरु प्रभू के समान थे

दिलों के दर्द

तीव्र तनाव से चुस्ती न होता
इससे दिल में निराशा होता
अतिभय से धैर्य कम होता
इसे दिल में दर्द पैदा होता
दिल में आत्माविश्वास होना है श्रीनिवास!

क्रोध से बदन कांपते हैं
दिल में भयांदोलन होते हैं
अशांति से मन अस्थिर होती हैं
इससे दिल में दर्द बढ़ते हैं
ह्रदय को नियंत्रण होना है श्रीनिवास!

बिगरी बातों को सुनती है
इससे दिल खराब होता है
प्यार विफल हो जाता है
इसे दिल में हलचल होता है
ह्रदय के प्रति सतर्क होना श्रीनिवास!

दुर्गा देवी का पहला रूप

दुर्गा माँ नौ अलंकार का रूप है
एक एक अलंकार निराला है
प्रथम माँ का रूप शैलपुत्री है
शैलपुत्री हिमवंत की बेटी है

दुर्गा माँ सभी को अधिष्ठात्री है
उसकी एक हाथ मेंं त्रिशूल है
दूसरे हाथ में कमल फूल है
बैल वाहन पर चढ़ी रही है

भक्त लोग श्वेत वस्त्र चढ़ाते हैं
और श्वेत फूल से सजाते हैं
भक्ति,श्रद्दा से पूजा करते हैं
सुख,शांति से खुश पाते हैं

लाल बहादुर शास्त्री

कांग्रेस पार्टी सीनियर नेता थे
गांधी के परम अनुयायी थे
नेहरूजी को वफादार थे
स्वतंत्र आंदोलन में प्रमुख थे
भारत के द्वितीय प्रधानी थे श्रीनिवास!

नमक सत्याग्रह में शामिल थे
कई उद्यामों में भाग लिए थे
इसे जेल जेवन बिताते थे
और पुस्तक पठन किये थे
जाति संघर्ष निर्मूलन किये थे श्रीनिवास!

हमारे लिए आदर्शा नेता थे
सज्जन,ईमानदारी नेता थे
वे प्रवास के आश्रय लिए थे
हरित कांति की शुरु किये थे
उनके समाधी विजय घाट थे श्रीनिवास!

महात्मा गांधी

गांधी गुजरात में जन्म लिए थे
लंदन में वकालत किये थे
जाति ,धर्म खंड को विरोधी थे
अहिंसा मार्ग में स्वराज्य लाये थे
वे जाति पिता नाम से प्रसिद्द थे

स्वतंत्र लाने के प्रमुख नेता थे
उनका आयुध सत्याग्रह थे
संग में भेदभाव दूर किये थे
उनके सिद्दांत सत्य,अहिंसा थे
उनको महात्मा कहते थे

विदेशी वस्त्रों को बहिष्कार थे
खादी वस्त्रों को धारण किये थे
कई आंधोलन में भाग लिए थे
जेल जीवन भी बिताते थे
सच्चाई के प्रति रूप गांधी थे

ह्रदय

सिगरेट पीना एक व्यसन
निरंतर बैठना आलसीपन
वैसे वजन बढ़ना असहन
अधिक तनाव से परेशान
इसे हमारे दिल दुखित होते

ह्रदय में कई समस्य होते हैं
इससे उलझन पैदा होते हैं
क्लेश की बात सुनते हैं
तो सावधान से रहना हैं
दिल नियंत्रण होना जरूरी

रक्त संचार ठीक होने से
हररोज व्यायाम करने से
संतुलित भोजन लेने से
सही समय पर नींद होने से
ह्रदय संबंधी रोग दूर होता!

पर्यटक प्रांत का महत्व

सृष्टि का मूल आधार प्रकृति
अति रमानीय प्रांत प्रकृति
हमारे लिए वरदान प्रकृति
सबको आकर्षित होता प्रकृति
कुदरत अमूल्य निधि है!

विश्व में कई पर्यटक प्रांत है
यह प्रांत देखे तो खुशी होता है
जैसे सांस्कृतिक के प्रसिद्द है
वैसे शोभा से अनुभूती होता है
प्रकृति से मनोरंजन होता है!

संपदा मिलता प्रकृति से
स्थल पुराण बोध है प्रकृति से
आर्थिक स्थिति बढ़ता प्रकृति से
नयी चीजों बोध होता प्रकृति से
यात्रिकों के प्रसिद्द स्थान है!

काश कोई होता जो बिन कहे सब समझ लेता

गुरु सबक न पढ़ाते तो
कोई भी मुद्दा समझते नहीं
पूजारी मंत्र,जप न करते तो
किसी भी मोक्ष प्राप्त नहीं

माँ अच्छी आदत न सिखाती तो
हमारे जीवन में बदलाव नहीं
पिता अच्छी विषय न बताते तो
हमारे चरित्र में उन्नति नहीं

जिंदगी में क्लेश,सुख
और पुण्य,दया,निर्दया
भ्रष्टाचार और सच्चाई को
ये सभी विषय ईश्वर को नहीं
कहने पर भी समझ सकते है।

मेरी जिंदगी का संगीत

मुझ को संगीत पसंद है
इससे मन खुश होता है।
दुखों से भरा जीवन है
संगीत से दुःख दूर होता है।

सुबह संगीत सुनना अच्छा है
इस से उल्लास बढ़ता है
जैसे संगीत मधुर होता है
इसे मानसिक दुख मिटाता है

संगीत को सीखना एक कला है
यह अभ्यास से साध्य होता है।
संगीत शिशु पसंद करता है
इससे मनोविनोद मिलता है।

संगीत से बीमारी दूर होता है
इससे दिल उत्साह बढ़ता है।
हरदिन संगीत को सुनता है
इसे मेरा मन जोश बनता है।

जीवन चक्र

जीवन गहरा निलयम है
जैसे सुख, दुख से भरा है
वैसे रोग,निरोग से भरा है
आशा, निराशा भी होता है
ये सभी को धैर्य से लड़ना है

भय से कांप हो जाता
विरह से आक्रोश होता
क्रोध से अनारोग्य होता
तनाव से दुखित होता
ये सभी से सावधान होना

स्नेह से मिला संतोषम
मान से मिला भाग्यम
दया से मिला बंधम
पुण्य से मिला मोक्षम
जिंदगी में ये सभी जरूरी है

रिश्तों में गहरी उलझन

हमारा देश बड़ा विशाल है
प्रकृति सुन्दर और मलिन है
परिवार छोटा और बड़ा है
रिश्तेदार मित्र और शत्रु है
रिश्तेदार से सावधान होना श्रीनिवास!

दौलत से लड़ाई करता है
गुस्सा से बात नहीं करता है
समस्या को देर से समझता है
स्वजन की समस्या साधारण है
रिश्तेदार का स्वभाव विभिन्न है श्रीनिवास!

क्लेश में सुझाव न देता
सहायता नही करता
प्रेमभाव नही दिखता
रक्त संबंध नही बढ़ाता
कुछ रिश्तेदार वैसा होता श्रीनिवास!

मैं कही भी रहूँ

जन्म और मृत्यु तक
अंदर और बाहर तक
श्रम और अभ्यास तक
गौरव और प्रतिष्ठ तक
मै कही भी रहूँ एक जैसा होता

झोंपड़ी में निवास होने से
भवन में निवास होने से
महल में निवास होने से
बंगला में निवास होने से
मै कही भी रहूँ एक जैसा होता

गांव में व्यापारी करे तो
शहर में नौकरी करे तो
इलाका में सेवा करे तो
प्रांत में मदद करे तो
मै कही भी रहूँ एक जैसा होता

पर्यावरण से संघर्ष

वृक्षों को ज्यादा लगावो
इसे स्वच्छ प्राणवायु को पावो
पृथ्वी को हरा भरा बनावो
प्रकृति से मनोरंजक पावो
पेड़ पौधों को रक्षा करो

वृक्षों को देखभाल करो
भूमि पर प्रदूूषण दूर करो
मातृभूमि का संरक्षण करो
जीव जंतुवों की सुरक्षा करो
जीवन का आधार पर्यावरण

जंगलों को काटने से
वैसे मिट्टी को खोदने से
पहाड़ को फोड़ सकने से
वैसे प्रदूूषण बढ़ सकने से
इसे नित्यम संघर्ष करते हैं

मानव मन विकृति

मानव जीवन जटिल है
जैसे उलझनों से पीड़ित है
इसे दिल में हलचल होता है
वैसे स्थिरभाव से दिल् नही है
हमें मन को नियंत्रण करना

पराए बच्चों के प्रति
बाह्य वस्तुवो के प्रति
अच्छी परिवार के प्रति
अच्छी मित्रों के प्रति
मानव का दिल में ईर्ष्या होता

अमीर व्यक्ति को देखे तो
याचक व्यक्ति को देखे तो
बिमारी व्यक्ति को देखे तो
गरीब व्यक्ति को देखे तो
मानव का मन विकृत होता

बेटी का महत्व

घर घर में बेटी होती है
लक्ष्मी के समान होती है
बेटी की पदाई घर की हित् है
सदा बेटी की रक्षा करना है
बेटी घर की आशा है

चेहरे में हंसना देखना है
पढ़ाई के प्रेरणा देना है
संघ में बिना भय से रहना है
बेटी को गौरव से देखना है
बेटी की रक्षा करो

बेटी के प्रति प्रेम दिखाना है
इसे स्नेह भाव बढ़ता है
बेटी के प्रति दया दिखाना है
इसे यकीन,कर्तव्य बढ़ता है
बेटी घर की भविष्य है

नित

हर दिन प्रभू की पूजा करो
वैसे माँ बॉप की सेवा करो
हर दिन गुरु की बातें सुनो
वैसे सुनागरिक बनो
तुम अपना कर्तव्य निभावो

ईश्वर को स्मरण करो
नेतावों को याद करो
पंडित को आदर करो
विश्वास से जीवित करो
ये सब हरेक का कर्तव्य हैं

दूसरों की मदद करो
दूसरों की भलाई करो
दूसरों की सेवा करो
दूसरों की रक्षा करो
ये सब जिंदगी में याद करो

पितृ पक्ष में पूर्वजों की याद

जनम लिए
सुखित हुए
मरण हुए
दुखित हुए
जिंदा में होता श्रीनिवास!

पितृ देवता
जन्म की दाता
सेवा करता
भूल न जाता
आशीश पावो श्रीनिवास!

पिंड प्रदान
से मोक्षदान
पितृ सम्मान
से वरदान
शांति मिलता श्रीनिवास!

पूजा करता
सेवा करता
मान करता
याद करता
ये भूल नही श्रीनिवास!

पितृ भक्ति
से मिला शक्ति
ईश्वर की भक्ति
से मिला मुक्ति
पितृ प्रभू है श्रीनिवास!

छटपटाहट

भूख के कारण बच्चों
सिरदर्द के कारण बच्चों
बुखार के कारण बच्चों
घाव के कारण बच्चों
इस से छटपटाहट होते हैं

बुजर्गो बीमारी के कारण
बुजर्गो पेट दर्द के कारण
बुजर्गो शीतल के कारण
बुजर्गों धुूप के कारण
जीवन में सावधान से रहना

कुछ लोक शैतान को देखकर
कुछ लोक संताप को देखकर
कुछ लोक चोर को देखकर
कुछ लोक सराफ को देखकर
धैर्य से जीवन में जीना श्रीनिवास!

मन को नहीं उदास करो

जीवन कठिन निलय है
दुख से भरा सागर है
रोग से पीड़ा बन्धम है
निराशा से अंधकारमय है
दिल में घायल नही करना है श्रीनुवास!

द्वेषभाव् से लड़े तो
विरह से जागते तो
क्रोध से भागते तो
न खुशी से रहते तो
दिल साफ के यत्न करो श्रीनिवास!

शत्रु से वैराग्य है
अपमान से दुर्भाग्य है
निर्दया से मूर्खत्व है
पाप से विनाश है
दिल में दुख को दूर करो श्रीनिवास!

दिल ही तो है

दिल निर्मल जैसा होना है
इस में प्रेम भरा होना है
दिल में दया गुण होना है
इस में कोमल भाव होना है
हमारे दिल मजभूत होना है

दूसरों के दिल समझना है
इससे स्नेह भाव बढ़ता है
विश्वास से रहना जरूरी है
इसे गौरव,प्रतिष्ठ मिलता है
दिल में अच्छे गुण होना है

हमारी वाणी मधुर होना है
इसे पराये लोग खुश होता है
दिल मेंं सहानुभूती होना है
इससे सेवा भाव बढ़ता है
अच्छे गुण को अपनाना है

बुदापा

जीवन में बुदापा बुरी दशा है
वैसे बचपन सुंदर लगता है
किशोर दशा अचंचल होता है
बुदापा एक कठिन अवस्था है
जिंदा में यह अंतिम दशा है

बुदापा में कष्ट अनेक हैं
वे दूसरों पर निर्भर पड़ते हैं
और स्वस्थ भी बिगड़ जाते हैं
उनकी शक्ति कम होती हैं
बुढ़ापा कठिन दशा है

पैसे कमाना मुश्किल हैं
इसे जीवन पोषण दुर्लभ हैं
वे अकेले जीवन बिताते हैं
क्लेश को बाँटने में कोई नहीं हैं
बुदापा में सावधान होना है

धन की दौलत

जीवन बिताने के धन चाहिए
धन कमाने के बुध्दि चाहिए
सत्यता से धन कमाना चाहिए
धन का महत्व जानना चाहिए
जिंदगी में धन अनिवार्य है श्रीनिवास!

मेहनत का संपदा अच्छा है
संपदा से जीवन बदलता है
जीवन में धन मूल्यवान है
धन से जीवन सुख बनता है
धन कमाने के यत्न करो श्रीनिवास!

धोखे से धन पाना अच्छा नहीं
चोरी से धन पाना अच्छा नहीं
झूठे से धन पाना अच्छा नहीं
मूर्ख से धन पाना अच्छा नहीं
धन के प्रति सावधान होना है श्रीनिवास!

हिंदी हमारी

हिंदी हमारी
सब की प्यारी
सीख जरूरी
बने नौकरी
हिंदी की भाषा श्रीनिवास!

सरल भाषा
मधुर भाषा
सुबोध भाषा
सुंदर भाषा
हमारी हिंदी श्रीनिवास!

हिंदी से मिला
एकता भला
गौरव मिला
हम को भला
बढ़िया भाषा श्रीनिवास!

देश की शान
हम को मान
सब का प्राण
हिंदी का ज्ञान
गर्व की भाषा श्रीनिवास!

जन की भाषा
देश की भाषा
प्राचीन भाषा
प्रेम की भाषा
सांस की भाषा श्रीनिवास!

प्यारी की हिंदी
माथे की बिंदी
न्यारी की हिंदी
देश की हिंदी
श्रेष्ठ हिंदी श्रीनिवास!

स्वाभिमान है
अभिमान है
अखंडता है
अविभाज्य है
हिंदी से मिला श्रीनिवास!

हिंदी

हिंदी भाषा मधुर,सुबोध है
कई भाषाओं के शब्द मिलते हैं
यह भाषा महान,अविभाज्य है
हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है
देश में अधिक लोग बोलते श्रीनिवास!

एकता के सूत्र मे बांधती है
आपस मे मित्रता बढ़ती है
बोलने,समझनेवाले अधिक हैं
इससे रोजगार प्राप्त होता है
हिंदी जोड़नेवाला भाषा है श्रीनिवास!

देश विशाल पुष्प वन देश है
भाषाएँ रंग-बिरंगे फूल हैं
हिंदी में प्राचीन साहित्य है
यह संस्कृत गर्भित भाषा है
हिंदी देश की राजभाषा श्रीनिवास!

प्रयास

मानव निरंतर कार्यशील है
जीत के लिए प्रयास करता है
परीक्षा में पास होना चाहता है
उज्वल भविष्य भी अभिलाषा है
सफलता केलिए प्रयत्न करो श्रीनिवास!

नौकरी केलिए प्रयास करो
गीत गाने केलिए भी करो
अभिनय के लिए कोशिश करो
कला सीखने का यत्न करो
ये सब प्रयत्न से संभव होते श्रीनिवास!

ज्ञान केलिए प्रयास करो
अपना लक्ष्य को प्राप्त करो
आगे बढ़ने का प्रयत्न् करो
अपना कर्तव्य पालन करो
ढूढ संकल्प से प्रयत्न करो श्रीनिवास!

पर्वत चढ़ने का प्रयास करो
मंजिल पहुंचने का यत्न करो
स्वीय वृद्धि केलिए प्रयास करो
तुम निरंतर परिश्रम करो
सारी जिंदगी कोशिश करना श्रीनिवास !

मातृभूमि

हम भूमि पर खड़े होते हैं
इसे कई सुविधाएं पाते हैं
सुविधाएं पाकर खुश होते हैं
खुश से जीवन स्वस्थ होते हैं
भूमि से कई फायदा होते हैं श्रीनिवास!

हम भूमि को आभार करते हैं
क्योंकि मिट्टी में पौधा फूटते हैं
वे बड़े होकर सुंदर होते हैं
इसे प्रकृति हरा भरा होते हैं
भूमि पर कूड़ा मत डालना है श्रीनिवास!

माँ बच्चों का जन्म देती है
वैसे पालन पोषण करती है
वैसे भूमि में खनिज मिलता है
खनिज से भूमि अमूल्य होता है
क्योंकि भूमि माता के समान हैं श्रीनिवास!

पर्यावरण

पेड़ पौधों का देखबाल करो,
धर्ती पर प्रदूूषण दूर करो,
जन्मभूमि का संरक्षण करो,
जीव जंतुओ की सुरक्षा करो,
प्रकृति-पर्यावरन रक्षा करो श्रीनिवास!

पेड़ पौधों से वर्षा होता है
बीज अंकुरित होता है
इनसे हरियाली बढ़ती है
पर्यावरण शुद्ध होता है
इनका रक्षा करना चाहिए श्रीनिवास!

पेड़ के अनेक नाम होते हैं
इनसे कई फायदे होते हैं
वे बड़े और छोटे भी होते हैं
इनसे आक्सीजन मिलता है
पेड़ पौधों की रक्षा करो श्रीनिवास!

कुछ पेड़ सुगंध से भरे होते
वे नित्य हरा भरा रहते
वे पथिक को छाया देते
लोग पेड़ों को पूजा करते
पेड़ पौधों को रोपणा चाहिए श्रीनिवास!

फूलों से माला बनाते हैं
पत्तों से कई उपयोग होते है
लकड़ी से कई चीजें बनती है
जड़ों से कई दवाये बनते हैं
पेड़ परोपकारी है श्रीनिवास!

वृक्षों को अधिक लगावो,
स्वच्छ प्राणवायु को पावो,
धरती को हरा भरा बनावो,
कुदरत,मनोरंजन को पावो,
विश्व वन महोत्सव मनावो।

कफ़न

चेहरे पर मुस्कराहट का
कफ़न ओढ़कर चलते हैं
हताशा और निराशा को चलो आज
मन के संदूक में ताला लगाकर बंद करते हैं
सपने क्या हैं ?
पानी का बुलबुला
इन पानी के बुलबुलों को
आज मिट्टी में दफन करते हैं
हताशा और निराशा को चलो आज
मन के संदूक में
ताला लगाकर बंद करते हैं
कफ़न हो
सफेद मोतियों सा
मिट जायें जिसमें
सांसारिकता के सारे भेदों का
घनघोर अंधेरा
जीवन के इस रंगमंच को
ह्दय के भाव अभिनय और कला के द्वारा अभिव्यक्त करतें हैं
हताशा और निराशा को आज
मन के संदूक में
ताला लगाकर बंद करतें हैं
चेहरे पर मुस्कराहट का
कफ़न ओढ़कर चलते हैं
हताशा और निराशा को
मन के संदूक में आज ताला लगाकर बंद करतें हैं
चेहरे पर कफ़न
मुस्कुराहट का ओढ़कर चलतें हैं …
कफ़न ओढ़कर चलतें हैं
मुस्कुराहट का…

गुमसुम जब दिल तड़पे

प्रकृति को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

पर्वत को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

नदियाँ को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

झरना को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

मित्रों को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

प्रेमिका को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

ईश्वर को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

इंद्रधनुश को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

पत्नी को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

हवा को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।

अपमान

संघ की सेवा करता नहीं है
सेवा के लिए आशक्ति नहीं है
जिंदा में श्रेष्ठ बनता नही है
और गौरव से जीवित नही है
इसे तुम अपमानित होता है श्रीनिवास!

सच्चाई से बोलना नहीं तो
आत्मबल से जीना नही तो
विश्वास से रहना नही तो
भ्रष्टाचार को दूर नही तो
इससे अपमान बढ़ते हैं श्रीनिवास !

समाज की बुराई करना
दूसरों से धोखा देना
गुरु से झूठ बोलना
मित्रों से मजाक उड़ाना
ये सब से अपमान होते हैं श्रीनिवास!

धिक्कार है तुम पर

संघ की सेवा करता नहीं है
सेवा के लिए आशक्ति नहीं है
जिंदा में श्रेष्ठ बनता नही है
और गौरव से जीवित नही है
इसे तुम अपमानित होता है श्रीनिवास!

सच्चाई से बोलना नहीं तो
आत्मबल से जीना नही तो
विश्वास से रहना नही तो
भ्रष्टाचार को दूर नही तो
इससे अपमान बढ़ते हैं श्रीनिवास !

समाज की बुराई करना
दूसरों से धोखा देना
गुरु से झूठ बोलना
मित्रों से मजाक उड़ाना
ये सब से अपमान होते हैं श्रीनिवास!

गणेश

गणेश आया
खुश हो गया
आशीश दिया
विघ्न हटाया
भक्तों की इच्छा श्रीनिवास!

लंबे पेट है
बड़े कान है
मुख खूब है
सिर हाथी है
गणेश रूप श्रीनिवास!

क्लेश मिटाता
मोक्ष प्रधाता
विद्या विधाता
पुण्य का दाता
भक्तों का प्यार श्रीनिवास!

श्रीनिवास यन
आँध्रप्रदेश

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