श्रीनिवास यन की कविताएं | Srinivas N Hindi Poetry
मैं मजबूर हो गया हूं
मैं सुबह से शाम तक कार्य करता
इस के कारण से थकावट बढ़ता
थकावट से मेरे दिल नीरस होता
इसे जीवन में अशांत पैदा होता
इससे मैं मजबूर हो गया हूं।
निरंतर खूब खाने से पीड़ा होता
अनवरत खेलों से घायल होता
हमेशा पढ़ाई से दिमाग खराब होता
अचानक एक दिन बीमारी बढ़ाता
इससे मैं मजबूर हो गया हूं।
परीक्षा में अंक कम होने से
जीवन में प्रेम विफल होने से
जीवन में नौकरी नहीं मिलने से
संघ में गौरव कीर्ति न मिलने से
इससे मैं मजबूर हो गया हूं।
मां का मोहब्बत
मां बच्चों को प्यार करती है
इन्हें पालन पोषण करती है
स्नेह और प्रेम दिखाती है
और अल्पाहार खिलाती है
मां का प्रेम बेमिसाल होती है।
मां बच्चों का पहला गुरु है
अच्छी आदत की सिखाती है
कई नीति कथाएं बताती है
कुभावनाएं को दूर करती है
मां का प्रेम अनोखा होती है।
माता से मिला प्यार सुंदर
मां से मिला प्रेरणा समझदार
जननी से मिला शक्ति हथियार
अम्बा से मिला ज्ञान अपार
मां का प्रेम अतुलनीय होती है
डा. भीमराव अंबेडकर (संविधान निर्माता)
दलित कुटुंब में जन्म लिए थे
वे कई क्लेशों से पीड़ित थे
क्लेशों को हल कर आगे बढ़े थे
और कई डिग्रियों को प्राप्त थे
वे दलित नेता अम्बेडकर हैं।
दलित लोगों का भगवान
सब केलिए आदर्शवान
संघ में छुआ छूत को निर्मूलन
दलित लोगों केलिए विद्वान
समाज सुधारक बने थे।
वे विश्व मेधावी बने थे
न्यायवादी मैं प्रसिद्द थे
ड्रॉपिंग कमिटी के नेता थे
संविधान के रूपकर्ता थे
भारत के पहले न्याय मंत्री।
पहले शिक्षक का काम किए
कई शास्त्रों में संशोधन किए
बौद्ध धर्म को भी अपनाए
मृत्यु के बाद भारत रत्न पाए
एक महान रत्न अंबेडकर थे।
प्यार का बाजार
बच्चों केलिए
बाजार प्यार होता
कई चीजों से।
रंग बिरंगी
खिलौने को पसंद
होता बच्चों ने।
सस्ता महंगा से
मिला बाजार प्यार
से आकर्षित।
मन पसंद
की चीजों मिलने का
प्यार बाजार।
मनोरंजन
होता प्यार बाजार
सब केलिए।
प्यार बाजार
सब को प्यार होता
है जीवन में।
हर दिन से
प्यार होता बाजार
भीड़ से नित।
वीर हनुमान
हिंदू धर्म के
लोक प्रिय ईश्वर
हनुमान जी।
चैत्र शुद्ध की
पूर्णिमा दिन पैदा
हुवा वानर।
अंजना देवी
केसरी के पुत्र है
आंज नेया थे ।
भक्त लोगों ने
हनुमान की पूजा
करता नित।
राम के भक्त
हनुमान सच्चाई
रूप में होता l
लंका दहन
से सीता की रक्षण
किए वानर।
सीता राम के
विश्वास भक्त होता
हनुमान जी।
शक्ति शाली के
साथ धैर्य दिखाता
हनुमान ने।
पैटर्न रूप
से बच्चों को आदर्श
होता है नित।
राम के बंटू
हनुमान जी बल
शाली होता है
राम सुग्रीव
के मैत्री के रूप में
होता वानर।
वाय पुत्र ने
समुद्र पारता है
अति वेग से।
लोगों भक्ति से
हनुमान चालीसा
को पढ़ता है।
धैर्य सहन
मिलता हनुमान
चालीसा से है।
भगवान महावीर और उनका जीवन दर्शन
श्री महावीर
अहिंसा के पुजारी
वे महान थे।
जैन धर्म के
प्रचारक होते थे
श्री महावीर।
सिद्धार्थ,रानी
अपने मां बाप थे
वीर श्रेष्ठ थे।
यशोधरा की
शादी किए थे,बाद
में संन्यासी थे।
बारह साल
तप से महावीर
से प्रसिद्द थे।
चौबीस वीर
तीर्थंकर सत्य के
साधक होते।
वे संसार को
नित अहिंसा सत्य
को हित देते।
अपने सुखों
को त्याग करते हैं
सत्य केलिए।
श्री महावीर
प्रतिमा को जल से
शुद्ध किए थे।
श्री महावीर
प्रतिमा को लेकर
मेला किए थे।
जैन धर्म ने
हिंसा को दूर करो
यही नियम।
सच बोलना
जैन धर्मों का रीति
रिवाज होती।
शुभात्मिका
दूसरों की सहायता करना
गरीब लोग की मदद देना
अनाथों को सेवा करना
रोग पीड़ितों की मदद करना
शुभात्मिका व्यक्ति श्रेष्ठ है श्रीनिवास!
पेड़ पौधों को खूब लगाना
इनकी परि रक्षण करना
धरती पर हरियाली बनाना
नित पर्यावरण को बचाना
शुभात्मिका व्यक्ति महान है श्रीनिवास!
संघ की सहायता करना है
सुख दुखों को समझना है
सब लोग की भलाई करना है
किसी समस्या को हल करना है
शुभात्मिका व्यक्ति आदर्श होता श्रीनिवास!
मंजिल नजदीक
जीवन में एक लक्ष्य होना है
इसे नित अभ्यास करना है
शासन को पालन करना है
अनजानी विषय को जानना है
ये सभी से मंजिल समीप होते श्रीनिवास!
आत्म विश्वास को बढ़ाना
आत्म निग्रह से रह जाना
सहन शक्ति और धैर्य होना
कर्तव्य निष्ठा से कार्य करना
इससे मंजिल संभव होता श्रीनिवास!
अनवरत श्रम करने से
अच्छा बुरा ज्ञान जानने से
कुभावनाएं को दूर करने से
अच्छी आदत को सीखने से
मंजिल को पहुंचना आसान हैं श्रीनिवास!
शृंगार
स्त्री अलंकार करती
इससे शोभा बढ़ती
ये रूप सुंदर होती
ये जिंदा में श्रेष्ठ थे।
मेहंदी को भी लगाती
यह खूब कला होती
और आकर्षित होती
शृंगार प्रतीक थे।
मेहंदी की लगाती है
कर, पैर, शोभित है
रंगों से भी सजाता है
शृंगार संस्कार थे।
स्वस्थ व खुशहाल का जीवन
सुबह जल्दी
उठो व्यायाम करो
निरोग बनो।
नित स्नान से
मन उल्लास होता
है जीवन में।
स्वस्थ शरीर
से मन निर्मल होता
है मानव को।
पेयजल को
पीवो स्वस्थ होता
जीवन भर।
आरोग्य से ही
होता है महाभाग्य
स्वस्थ जिंदा में।
स्वास्थ केलिए
पौष्टिक भोजन को
खाना जरूरी।
रोगों को दूर
करो स्वास्थ शरीर
खुश होता है।
तंदुरुस्त से
कार्य को उत्साह से
कर सकता।
श्रीराम
त्रेता युग में
जन्म लिए श्रीराम
सूर्यवंश थे।
सूर्य वंश के
राजा राम की कीर्ति
अनंत होते।
पिता के आज्ञा
को पालन करते
है श्रीराम जी।
दशरथ के
पुत्र श्रीराम धर्म
को पालन थे।
जनता खुश
होता राम पालन
से अनु नित्य।
कण कण में
राम कीर्तन गाते
भक्त लोग थे।
श्रीराम जी ने
रावण को वध थे
वे धैर्य होते।
अहल्या को मुक्त
किए और सीता की
शादी किए थे।
राम लक्ष्मण
सीता हनुमान ने
चित्र कूट में।
चौदह साल
वनवास किए थे
सीता राम ने।
विश्वामित्र के
साथ गए,सुग्रीव
से मैत्री बने।
रघुनाम से
आदर्श सुपुत्र से
कीर्ति पाते थे।
खट्टी मीठी चॉकलेट
बच्चों पसंद करते हैं
इसके प्रति जिद करते हैं
स्कूल को भी ले जाते हैं
मित्रों को भेंट करते हैं।
विभिन्न रंगों में मिलते हैं
सस्ता अधित दाम होते हैं
खट्टी मीठी रूपों मिलती हैं
इसकी रुचि मधुर होती हैं।
चाकलेट छोटे, बड़े होती है
बच्चे और बूढ़े तक खाती है
सब की आकर्षित होती है
कच्चा चाकलेट स्वादिष्ट होता।
जीवन में जीने दो
जग में कई धर्म के लोग रहते
सब केलिए एक अधिकार होते
अमीर और गरीब भी रहते
जीवन में जीने के भेद न होते
जियो और जीने दो जिंदा में।
कुटुंब में प्रजा रहते हैं
वे मंद बुद्धि और मूर्ख होते हैं
नास्तिक और आस्तिक होते हैं
रोग और निरोग भी रहते हैं
जियो और जीने दो जिंदा में।
विश्व में नर के साथ पशु रहता है
मनुष्य गृह में सब के साथ रहता है
इसी तरह पशुओं के गृह होना है
हम पशुओं की संरक्षण करना है
जियो और जीने दो जिंदा में।
जिंदगी एक कथा
जीवन में जीना एक कला
विभिन्न लोग रहता निराला
मूर्ख,प्रेम,स्नेह से जीना विला
अकेला और मिलना भला
जिंदगी एक कहानी होती।
जीवन कष्टों से गुजरता
सुखों से आलसीपन होता
धुवां,ड्रग्स को सेवन करता
मानसिक दुख बढ़ जाता
जिंदगी में होता एक कथा।
स्वस्थ और अस्वस्थ से
अशांति और अविश्वास से
घमंड और मूर्खत्व से
कई किस्में के लोग होने से
जिंदगी होती एक कहानी।
अंतिम समय
बच्चों समय को व्यर्थ करते
जीवन का मूल्य नहीं जानते
अपने कर्तव्य को न पहुंचते
परीक्षा अच्छी तरह न लिखते
अंतिम समय बच्चों दुख होंगे।
खुशी उत्साह के साथ जीना
सुख पूर्ण जीवन बिताना
बच्चों के साथ खेलना
रिश्तों के साथ गुजरना
अंतिम समय बड़ों की चाह है।
खाने की चीजों को नियंत्रण नहीं
साफ सुथरा के प्रति श्रद्ध नहीं
अच्छी आदत को सीख नहीं
रात के समय में सोते नहीं
अंतिम समय जिंदा कष्ट होंगे।
भारत के लोग
भारत अविभाज्य देश है
भारत की शान अखंड है
भारत की संस्कृति निर्मल है
भारत की संपदा अनोखा है
भारत बढ़िया देश होता है।
हम भारत के नागरिक हैं
देश भक्ति को बढ़ाते हैं
प्रजा में जागरूक लाते हैं
विभिन्न कार्यों में शामिल होते हैं
अग्र राज्य के यत्न करता हैं।
विभिन्न जाति धर्म के प्रजा
मिलजुलकर कार्य करता
भाई चारे से जिंदा बिताता
सभी धर्म को समान मानता
यही हम सब का कर्तव्य हैं।
हम सब भारत के जनता
इसकेलिए नित सेवा करता
और कीर्ति प्रतिष्ठा को बढ़ाता
भारत को उन्नति देश बनाता
इस केलिए हम श्रम करते हैं।
हिंदू देश
भारत प्राचीन विशाल देश
कई धर्मों का संगम देश
हमारे भारत पवित्र देश
संस्कृति सभ्यता का श्रेष्ठ देश
भारत की शान अखंड है श्रीनिवास!
भारत बनेगा हिन्दू देश
और होता है सुसंपन्न देश
संपदों का निलय हिंदू देश
जल स्त्रोतों की निधि हिन्दू देश
भारत की शक्ति हिन्दू है श्रीनिवास!
प्यार होता शक्ति हिन्दू देश से
अपार होता भक्ति हिन्दू देश से
खूब प्रेम होता हिन्दू देश से
एकता होता है हिन्दू देश से
भारत की शक्ति हिन्दू धर्म है श्रीनिवास!
सहनशीलता
तुम जल्दी से कार्य मत करो
निराशा से जीवित मत करो
ड्रग्स पदार्थ सेवन मत करो
स्वार्थ भाव से हानि मत करो
जिंदा में सहनशीलता होना है श्रीनिवास!
गौरव और प्रतिष्ठा बढ़ता है
आत्म विश्वास भी बढ़ता है
कार्य करने में उत्साह होता है
जीवन सार्थक बन जाता है
ये सभी सहन से मिला है श्रीनिवास!
सहनशीलता है एक शक्ति
सब को चाहिए अद्भुत शक्ति
लडाने केलिए धैर्य एक शक्ति
जिंदा में चाहिए अमोघ शक्ति
सहनशीलता से शक्ति बढ़ती श्रीनिवास!
खुशियां बांटो आपस में मिलकर
हाथ में हाथ डालकर
अपने आप समझकर
आपस में मिलजुलकर
हर दिन खुशियां बांटकर
जीवन में एकता से रहेंगे श्रीनिवास!
सच्च मित्र की तरह होता
संघ की सेवा में शामिल होता
देश भक्ति भाव को बढ़ाता
ऊंच नीच का भेद मिटाता
दूसरों की खुशियां बांटना श्रेष्ठ श्रीनिवास!
गरीब की सहायता करता
अनाथों को बचा सकता
बच्चों का विद्या सिखाता
विकारों को काम दिखाता
गर्व की बात खुशियां बांटना श्रीनिवास!
उदास चेहरे
बच्चों के चेहरे मुग्ध होते हैं
युवकों के चेहरे संदर होते हैं
बड़ों के चेहरे गंभीर होते हैं
वृद्धों के चेहरे कुरूप होते हैं
चेहरे विभिन्न रूप में होते हैं ।
रिश्तों को देखने से आता है
शत्रुओं को देखने से आता है
अनाथों को देखने से आता है
बीमारियों में देखने से आता है
इसे चेहरे में उदास पैदा है।
निरंतर क्रोध से रहता है
अविश्वास से डर होता है
दुखों को देखकर रोता है
जीवन में निराशा से रहता है
इससे चेहरे में उदास दिखाता।
यादें लहराती हुई
यादें लहराती हुई
पुरजोर करती है
मनमीत हर सुबह
तुम्हें लिए नई भोर करती है
उम्मीद ए किरण
और श्योर करती है
कहां हो तुम
पुकारती दिल दौड़ करती है
अभिनय के लिए
वंदन और करती है
नित नवेली किरण
वसुधा में हिलोर करती है
कंचन कमल काया
नाचती मनमोर करती है
उड़ती हुई गगन में
जीवन शोर करती है
मूरत पत्थर खूबसूरत
तरासती शब्द गौर करती है
प्रिय जीवन जीवनी
खुशियां पुरजोर करती है
शौक ए वफ़ाए
गुलजार गगन और करती है
जिज्ञासा की उड़ान
चोटियों की दौड़ करती है
शिशक्ति हुई
लहराती जवान तेरी ओर करती है
आई हूं वसुधा की रागनी
तेरी कथा प्योर करती है
झाकती हुई पथ की आशा
आंखें पठ पर गौर करती है
जीवन प्रियदर्शनी
आभास कि ओर करती है
उड़ती हुई हवा
सोती हुई स्वप्न जिज्ञासा की ओर करती है
कल कल बहती हुई जलधारा
तेरीवतन की ओर करती है
पंछी अर्थ गगन अभिलाषा
जीवन तेरी और हरती है
तू कहां हो दिखती नहीं
मन तेरी और दौड़ करती है
यादें लहराती हुई,,,,,
सपना
मुझ को सपना आता है
इसको सामना करता है
इससे अच्छा विचार आता है
और साकार के यत्न करता है
सपना को सार्थक बनता है
जीवन में सपना आता है
इसे साकार करना कला है
इन्हें लड़ाना बेमिसाल है
इस से मिला शक्ति अनोखा है
स्वप्न जिंदा में भूमिका निभाती
छोटे बड़ों को सपना आता
सपनों केलिए समय न होता
कुछ सपनों सार्थक होता
और कुछ बे समझ होता
सपना को भेद नहीं होता है
पेड़ की छांव
पेड़ बड़े और छोटे होते है
इसके नीचे ठंडा होता है
और तेज से हवा बहता है
इसलिए छाया अच्छा है
प्रकृति में पेड़ संजीवनी होती श्रीनिवास!
रास्ते में चलने वालों को
खेत में कार्य करने वालों को
गर्मी मौसम में घूमने वालों को
बाजार में फल भेजनेवालों को
पेड़ की छांव से थकान दूर है श्रीनिवास!
थकावट को दूर हो जाता है
हृदय तेज से रह सकता है
स्वच्छ प्राणवायु मिलता है
पसीना को रोक सकता है
ये सभी मिला है पेड़ की छांव से श्रीनिवास!
गलतियों से सीखना
जीवन में गलती करना
छोटे या बड़े भी होना
जानी ,अनजानी होना
बच्चों,वृद्धों तक करना
गलती करना सर्व साधारण।
गलतियों से सावधान होना
गलतियों के प्रति सचेत होना
गलतियों को सुलझ करना
गलतियों को घ्यान देना
गलती से मनोबल घटता।
कसूर से दिल परेशान होता
किसी कार्य अस्थिर से करता
जीवन में सफल नहीं बनता
और मनोदशा भी घट सकता
कसूर को तुरन्त समझाना।
जिंदा की स्थिति
जीवन होता एक मधुवन
क्लेश और सुखों का मिलन
दुखों का सार होता असहन
सुखों का सार होता है सहन
जिंदा में सुख दुख अनिवार्य है
जीवन एक सागर जैसे हैं
इसमें लहरें आते जाते हैं
तेजी लहरों से भय होते है
धीमी लहरों से निर्भय होते है
जिंदा में लहरों को भेद समझे
जिंदा की तरह बगीचा है
यहां कई वृक्ष दिखाई देती है
वृक्षों से हवा ध्वनि करता है
और डालियां भी कॉप रहा है
जिंदा और बगीचा पर ध्यान दे
जीवन एक कल्पवृक्ष हैं
फूलों और फलों से भरे हैं
और डालियां ऊंचे होते हैं
इसे हवा ,छाया कम होते हैं
जिंदा में वृक्ष की रक्षा करो
शहीद दिवस
धैर्य के साथ
नित युद्ध करता
है कि सैनिक।
देश की रक्षा
करता प्रतिदिन
वीर सैनिक।
राष्ट्र की शान
वतन की भलाई
वीर कंधे में।
वीरों की गाथा
आगे पीढ़ी को खूब
प्रेरण होता।
वीरों की मृत्यु
नहीं होता अपने
ही जीवन में।
वीरों की स्तुति
करना है हमारा
लक्ष्य होता है।
परिवार को
त्याग कर देश के
प्राण देता है।
इतिहास में
होता अपने नाम
अमर वीर।
जल का महत्व
जल से ही जीवन होता है
जल में जीवन बसता है
जल के बिना जीवन नहीं है
जल कलुषित मत करना है
जल को सदुपयोग करो।
बिना जल से पेड़ सूख जाते हैं
नदियों का पानी को रोकना है
वर्षित जल को भी बचाना है
पानी को व्यर्थ नहीं करना है
जल संकट कठिन समस्या है।
आबादी को नियंत्रण करना
पेड़ पौधों को खूब लगाना
भूगर्भ जल को बचाना
सभी नदियों पर बांध बनाना
इससे हाल संकट दूर होता।
भाई बहन के रिश्ते का महत्व
( हाइकु )
भाई बहन
के रिश्ता अमूल्य है
इतिहास में।
प्यार होता है
भाई बहन जिंदा
में अनोखा है।
भाई बहन
का प्रति रूप होता है
रक्त संबंध।
बचपन में
खेलता लड़ता है
और प्यार से।
बहिन प्यार
भाई का वरदान
यही संस्कार।
भाई का प्यार
बहिन का अमूल्य
होता है रिश्ता।
राखी पर्व का
चिह्न भाई बहन
का प्यार होता।
भाई दूज है
यह भाई बहन
का पर्व होता।
परिवार में
दोनों का प्यार होता
बेमिसाल है।
होली के रंगों का मुझ पर चढ़ा है
रंगों का पर्व होली आयी
अलग अलग रंगों लायी
ये मिलकर कई रंग हो गयी
गली गली में रंग फैल गयी
होली के रंगों मुझ पर चढ़ा है।
सप्त रंगों की होली आयी
वे रंग बिखर बिखर हो गयी
इसे हवा में रंगों व्याप्त हो गयी
और लोक का दिल खुश गयी
होली के रंगों मुझ पर चढ़ा है।
एक दूसरों से रंग लगाता है
खुश से आलिंगन करता है
स्नेह, प्रेम को व्यक्त करता है
इसे होली पर्व को मनाता है
होली के रंगों मुझ पर चढ़ा है।
होली
रंगों का पर्व होती होली
विभिन्न रंगों का मेल होली
बसंत ऋतु में आती होली
सभी मन में मजा लाती होली
फाल्गुन माह में मनाता है श्रीनिवास!
अनेकता में एकता है होली
भाईचारे पैदा करती है होली
रंगों को पिचकारी करती होली
उत्सव, रीति का चिह्न है होली।
धूम धाम से मनाती होली है श्रीनिवास!
हिरण्यकश्य एक राक्षस होंगे
वे प्रह्लाद को मृत्यु के यत्न करेंगे
विष्णु ने प्रहलाद को बचाएंगे
राक्षस को अहंकार दूर करेंगे
और बुराई पर विजय पाएंगे श्रीनिवास!
युवकों करता है कोलाहल
छोटे,बड़े करता है हलचल
रंगों से मिला सूंघ है परिमल
बिना भेद से मना है होली निर्मल
होली से जीवन में उत्सव बढ़ता श्रीनिवास!
भक्त प्रहलाद
प्रहलाद नामक मर्द थे
वे महान विष्णु भक्त थे
हिरण्यकशिपु एक राक्षस थे
उनके पुत्र प्रहलाद थे।
होलिका एक राक्षसी थी
प्रहलाद की बुआ होलिका थी
प्रहलाद को मारने के कई यत्न किए थे
उनको आग में बिठा दिए थे
लेकिन विष्णु की कृपा से बच गए थे।
अस्तित्व
जिंदा में गौरव को बचाना
सपनों को साकार करना
लक्ष्य प्राप्त को पहुंचना
यह मेरा अस्तित्व है जीवन में।
अच्छा और बुरा ज्ञान को
शांत और अशांत विषय को
क्रोध और हंसना की बात को
यही विषय से होता अस्तित्व।
जीवन में धन को कमाना
नित्यं खूब परिश्रम करना
दूसरों का पीड़ा समझना
इसे जिंदा में होता अस्तित्व।
जिंदा में खुशी से रहता
सुख दुखों को बांटना
मोक्ष और पुण्य को पाना
इसे जिंदगी में होता अस्तित्व।
महिला का महत्व
उनकी रूप
स्नेहशीली होती
है जन्मधात्री।
उनकी प्रेम
अपार है जिंदा में
बेमिसाल है।
मां शक्ति शाली
दयामयी होती है
और श्रमिक।
स्त्री की पढ़ाई
घर की हित और
गृह मंत्री हो।
उनकी दिल
होती निर्मल भाव
सदा जिंदा में।
महिला होती
साहसनारी और
शक्ति रूपिणी।
मां के रूप में
पत्नी,बहिन रूप में
दैव शक्ति स्त्री।
सरसो के फूल खिलने लगे है
सरसो के फूल खिलने लगे है
आम के बोर आने लगे है
सुहाने दिन की ये आहट है
फाल्गुन के रंग मस्ताने लगे है
प्रकृति आवरण बदल रही है
पत्तियां वृक्षों से झड़ रही है
नई कोंपल वृक्षों में आ रही है
खुशबू महुए की छा रही है
गीत होली के गुनगुनाने लगे है
बासंती रंग नज़र आने लगे है
भक्त प्रहलाद की परीक्षा घड़ी है
होलिका आज चौराहे पर सजी है
हिरण्यकश्यप इतिहास दोहराने लगे
खुद को असुर भी देवता बताने लगे
पर सच किसी से छिपता नही है
झूठ उसके सामने टिकता नही है
सदा परमात्म याद में रहते है जो
उनका बालबांका कभी होता नही है।
फागुन का अंदाज निराला
फागुन माने फाल्गुन
संस्कृत रूप फागुन
जाड़ धीरे कम होना
गरम धीरे बढ़ होना।
फाल्गुन मास में आया
होली रंगों को लाया
भेद भाव नहीं लाया
सब जन रंगों में डूब गया।
श्रीकृष्ण गोपिका से खेल गया
शिव पार्वती का ब्याह आया
रंगों और फूलों से उत्सव मनाया
फागुन में अंदाज निराला हो गया।
अपने अंदाज में रहो मस्त
अपने अंदाज में रहो मस्त
जीवन में साधना करो नित
प्रतिपल को पाओ अनुनित
कामयाब केलिए श्रमित।
जिंदगी में अच्छी विषय सीखो
बुरी आदतों को मत सीखो
जीवन में एक तरीका बनालो
आगे बढ़ने की उपयोग करो।
प्रकृति शोभा देखे तो मस्त है
हिम से बरसते पर्वत सुंदर है
झरने से बहते पानी निर्मल है
सैलानी इस क्षेत्र से मुग्ध होता है।
खेल से मनोरंजन होता मस्त
गीतों से मनोबल बढ़ता मस्त
पौष्टिक भोजन खाना मस्त
दिनभर सोना होता है मस्त।
कोई फर्क नहीं पड़ता
मुझ को स्वस्थ बिगड़ता
जीवन में मनोबल घटता
और उत्साह कम होता
शारीरिक शक्ति क्षीण होता
इसे कोई फर्क नहीं पड़ता ।
मेरे दिल में द्वेष पैदा होता है
और कुभावनाए बढ़ता है
वैसे ही धैर्य भी घटता है
मानसिक शक्ति घटता है
इसे कोई फर्क नहीं पड़ता ।
मेरी प्रेमिका अदृश्य होती
उस केलिए मैं प्रतीक्षा करती
हूं और प्रति क्षण याद आती
वैसे तन मन का तनाव बढ़ती
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता ।
तुम बिन अधूरे हैं हम ( वर्णीक छंद )
विश्वास से
प्यार करता
जीवन में
तेरे लिए
मेरा हृदय
अर्पित है
तेरा प्यार
याद आता है
हर क्षण
सपनों में
स्तुति करता
तेरी प्यार
मेरी आशा
तुम को प्यार
करना है
अधूरे हैं
मेरे जिंदा में
तुम बिन
सेवा का महत्व
सेवा कार्यक्रम में भाग लेता
जनता की सहायता करता
और ऊंच नीच भेद मिटाता
एकत्व केलिए यत्न करता
सेवा से स्नेहभाव बढ़ता है
दूसरों की मदद करना
अनाथों को आश्रय देना
अंधे की राह दिखाना
और आत्मविश्वास को बढ़ाना
दूसरों की सेवा प्रभू के समान
पेड़ पौधों को लग जाता है
पर्यावरण को बचा सकता है
प्रदूषण को दूर करता है
भूमि को साफ सुथरा करता है
पर्यावरण रक्षा कवच है
नमः शिवाय
यह कैलाश मंदिर है
हिम से भरा पुण्य स्थल है
शिव भक्तों के पवित्र क्षेत्र है
शिवरात्री पर्व सब का पर्व है।
यह मनोहर का दृश्य है।
लिंगाकार के रूप होता दर्शन है
फूलों से इसकी सजाती है
भक्त दर्शन करके मोक्ष पाते हैं।
नमः शिवाय: मंत्र स्तुति करते
जाते हैं भक्त और यात्रियों
शिव दर्शन से पाप हरते हैं
इसे सबका दिल निर्मल होते हैं।
पूरी
यह आटा से बनी पूरी है
यह गोलाकार में होती है
मेहनत करने से बनती है
इसको तेल में जलाते हैं
पूरी से शक्ति मिलती है श्रीनिवास!
अल्पाहार के रूप लेते हैं
घर घर में बनाई जाती है
सुबह नाश्ता के रूप खाते हैं
गरम पूरी अच्छी होती है
पूरी खाने से उत्साह बढ़ता है श्रीनिवास!
पूरी प्यारी होती है सबको
स्वादिष्ट लगती है सबको
आकर्षित दिखती है सबको
पूरी से बल मिलता सबको
यह एक स्वादिष्ट नाश्ता है श्रीनिवास!
रंगों का पर्व होली
फाल्गुन मास
में आता होली पर्व
रंगों का पर्व।
त्यौहार आया
रंगों लेकर आया
होली पर्व है।
कई रंगों का
मिलन रंगोत्सव
मनाता होली।
होली है आग
कई कथाएं होते
होली पर्व को।
हिरण्यकश्य
की बहिन होलिका
एक राक्षसी।
खिलौने रूप
में बनकर आग
में जलाते हैं।
सखी के साथ
रंगों से खेलते हैं
श्रीकृष्ण जी ने।
भेद नहीं है
पवित्र होली पर्व
को संसार में।
जीवन जीने की कला
( हाइकु )
समस्याओं से
सम्मुख करता है
जीवन भर।
परिश्रम से
मिलता परिणाम
सौभाग्यवान।
संघर्षमय
जिंदा से हर दिन
मुश्किल होता।
जिंदा में हास
स्वस्थ का प्रतीक है
और बल भी।
जिंदा में जीना
एक कला है और
निभाना श्रेष्ठ।
प्रेम होता है
सुख दुख मिलन
से जीवन में।
कष्ट से रोना
शांत का रुकावट
हो जीवन में।
आनंद होता
मनोबल बढ़ता है
जिंदा है भला।
तूफान आता
इसे जिंदा व्याकुल
होता है नित्य।
भक्ति भावना अड गई
प्रातः काल पूजा करता
दिमाग निर्मल बनता
उत्साह से कार्य करता
जिंदा में अच्छी आदतें होती।
मेरे दिल में भक्ति बढ़ता जाता
नित्यं भक्ति में लीन होता
ईश्वर की प्रतीक्षा करता
प्रभू दर्शन से मेरा जन्म धन्य होता।
समुद्र की लहरें
समुद्र में पानी नित्य होता
इसमें लहर आता जाता
जल भ्रम भी आता जाता
कष्ट और भयानक होता।
मात्यकारों की असुविधा है
मछलियां मृत्यु हो जाती है
तूफान और सुनामी आता है
सागर में जल बिखर जाता है।
समुद्र की लहर भला होता
पार करना मुश्किल होता
सब अचरज हो सकता
उमड़ने से प्राण नष्ट होता।
पितृ देवता की याद
जनम लिए
सुखित हुए
मरण हुए
दुखित हुए
जिंदा में होता श्रीनिवास!
पितृ देवता
जन्म की दाता
याद करता
भूल न जाता
आशीश पाओ श्रीनिवास!
पिंड प्रदान
से मोक्ष दान
पितृ सम्मान
से वरदान
शांति मिला है श्रीनिवास!
पितृ भक्ति
से मिला शक्ति
ईश्वर की भक्ति
से मिला मुक्ति
पितृ प्रभू है श्रीनिवास!
डंका इंसानियत फिर से बाजेगा
मानव सामाजिक प्राणी
दूसरों से बोलना मधुरवाणी
संघ की सेवा करना कल्याणी
मानवत्व को निभाना शुभवाणी
डंका इंसानियत फिर बाजेगा श्रीनिवास!
तू इंसान है भूलना मत
दिखाओ सब की अच्छी राहत
अपने कर्तव्य को भूलना मत
आदर्श बना है देश के हित
डंका इंसानियत फिर बाजेगा श्रीनिवास!
तू इंसान होता है संसार में
विवेक से रहना है समाज में
प्रिय नेता बना है जीवन में
सब से एकत्व होना संघ में
डंका इंसानियत फिर बाजेगा श्रीनिवास!
तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी
तुम मेरी आशा दीप है
तुम मेरी आशा शक्ति है
तुम मेरी प्रेम पुजारी है
तुम मेरी मार्मिक शक्ति है
तुम नही तो जिंदा कष्ट होता है श्रीनिवास!
तुम को दिल भर प्यार करता
तुम को मेरे दिल में छिपाता
तुम मेरे जीवन ज्योति होता
तुम मेरी दिव्य देवता होता
तुम के बिना जिंदा कड़ुवा होता श्रीनिवास!
मेरी प्रेमी तुम हो मधुर
मेरी आशा तुम हो अपार
मेरे प्राण तुम हो कृपार
मेरी शक्ति तुम हो प्यार
तुम के बिना मेरा जिंदा नहीं है श्रीनिवास!
धागा बाँधा प्रीत का
ह्रदय कोमल भाव से होता
चोट लगे तो पत्थर बनता
गुस्सा, असहन् भी बढ़ता
मूर्खत्व की तरह हो जाता
तुम दिल को शीतल करो श्रीनिवास!
मानसिक स्थिरता कम होता
लक्ष्य को पहुंचना कष्ट होता
जिंदा में सार्थक अपूर्ण होता
साधना करे तो अस्थिर होता
दिल को मधुर वाणी चाहिए श्रीनिवास!
धागा पतला रूप होता है
खींचने से टूट पड़ जाता है
प्रेम सुकुमार रूप होता है
दुख से खराब हो जाता है
प्रेम और धागा सावधान होना श्रीनिवास!
भीड़ से हटकर चलो
भीड़ से बल मिलता
अभ्यास सरल होता
भीड़ से दूर चलता
श्रम होता तीक्ष्ण।
तुम भीड़ से हटाओ
कुशलता को दिखाओ
अकेले से आगे बढ़ो
साबित करो श्रेष्ठ।
नेताओं से प्रेरणा लो
सही मूल्य ग्रहण लो
जिंदा सार्थक बना लो
पाओ कीर्ति प्रतिष्ठा।
प्रेम की शक्ति
प्रेम में तल्लीन होता
प्रेमिका का चित्र खींचता
इस चित्र को रंग डालता
प्रेमिका को नित्यं देख सकता।
प्रेमिका का सुंदर चित्र बनता
अपने प्रतिभा को देखता
चित्र मुझ को मोहक होता
मेरे दिल प्रेम से धड़कन होता।
जन्मदिन
साल में एकबार आता
जन्म दिन को याद करता
धूमधाम से मनाया जाता
बड़ों से आशीर्वाद पाता।
नया कपड़ा पहनता
कई पकवान बनाता
प्रभू की अर्चन करता
मित्रों को मिठाई बांटता।
जन्म दिन से मिला अशीश है
इसे पाने केलिए कोशिश है
सार्थक केलिए प्रयास है
दूसरों से होता है आदर्श है।
प्रेम
छिपी हुई चाहत को
दे दिया खूब मोहब्बत को
दिल में धड़कन होता प्रेमी को
मुझे दिल में होता मीठा प्रेम को
जीवन में प्यार अनोखा है श्रीनिवास!
छिपी हुई चाहत को
दे दिया एक गुलाब को
प्रेमी बधाई देती मुझ को
दिल में याद रखता प्रेमी को
इसे प्रेम बेमिसाल होता है श्रीनिवास!
छिपी हुई चाहत को
प्रेमी से कहता मेरी प्रेम को
प्रेमी पुलकित होता प्रेम को
दिलभर प्रेम से होता आप को
प्रेम से जीवन मधुर होता श्रीनिवास!
समाज
संघ में छुआछूत को मिटाओ,
मिलजुलकर जीवन बिताओ।
हर प्रांत में साफ सुथरा करो,
सभी प्रदूषण को दूर करो।
पेड़ पौधों को लगाओ,
पर्यावण को बचाओ।
भ्रष्टाचार को मिटाओ,
ईमानदारी से पालन करो।
बड़ों को गौरव देना,
अपने कर्तव्य को निभाना।
निरंतर अभ्यास करो,
जिंदगी में कामयाब बनो।
निहारना
प्रकृति को निहारता जाता
इसे दिल में मनोरंजन होता
रंग बिरंगी फूलों को देखता
इसे मन प्रफुल्लित होता
निहारना एक कला है श्रीनिवास!
पूर्णिमा प्रकाश देती है
अंधकार को मिटाता है
नभ में नक्षत्र चमकता है
जग शोभायमान होता है
ये देखने से आनंद मिला है श्रीनिवास!
पिघलता हुआ पर्वत को
बहता हुआ शुद्ध जल को
समुद्र में आने वाले लहरों को
अंबर में घने बादलों को
देखने से मेरा मन खुश होता श्रीनिवास!
दुराग्रह
बचपन से ही दुराग्रह होना
इसे पढ़ाई में आगे बढ़ना
नौकर मिलने का संभव होना
सार्थक केलिए श्रम करना
दुराग्रह से जीवन बदलता श्रीनिवास!
हरदिन दुराग्रह से खेलना
मलिन बाहर निकालता
तन मन स्वच्छ बनता
इसे स्वास्थ मजबूत होता
दुराग्रह से एक कदम बढ़े श्रीनिवास!
दुराग्रह से पेड़ पौधों लगाना
और इनकी संरक्षण करना
पेड़ों की आराधना करना
हम अपने कर्तव्य निभाना
दुराग्रह से जिंदा में फल मिला श्रीनिवास!
जीवन एक रंगमंच
जीवन एक रंगमंच होता है
इसमें कई पात्रधार होता हैं
पिता गृह के अधिपति होता है
मां अधिष्ठात्री देवी होती है
मां बच्चों को सबक सिखाती है
बाप आत्मविश्वास बढ़ाता है
बच्चों नैतिक मूल्य को जानते है
वृद्धों सब को उपदेश देता है
बड़ों से सहायता लेता
अपने दुखों को दूर करता
आगे बढ़ने का यत्न करता
अपने आप पात्र को निभाता
प्रकृति का मानवीकरण
सृष्टि का आधार प्रकृति है
नित्यं हर भरा से शोभित है
पर्वत प्रांत शोभायमान है
झरना से शुद्ध जल बहता है
प्रकृति में रमणीय प्रांत होता श्रीनिवास!
प्रकृति में कई चीज मिलेंगे
इसे हम सब संरक्षण करेंगे
आनेवाली पीढ़ियों को देंगे
प्रकृति को नष्ट नहीं करेंगे
प्रकृति बहुमूल्य संपदा है श्रीनिवास!
हिम से कुदरत मनोहर होता
ठंडा वायु से दिल खुश होता
फूल की लद विकसित होता
देखने केलिए रोचक होता
सृष्टि में प्रकृति अदभुत है श्रीनिवास!
बाढ़ से हलचल करता
तेज हवा से सम्मुख करता
तूफान से बिखर हो जाता
भूकंप से सर्वनाश होता
इसे प्रकृति की पूजा करो श्रीनिवास!
सुकृति
नित्यं जल्दी उठना
प्रभू की पूजा करना
भक्ति भावना को बढ़ाना
मोक्षज्ञान को प्राप्त करना
ये सब जीवन में सुकृत है श्रीनिवास!
समय को सदुपयोग करना
सामान्य ज्ञान प्राप्त करना
श्रम केलिए अभ्यास करना
परिणाम के हासिल करना
ये सब जीवन में सुकृत है श्रीनिवास!
अच्छी आदत को सीखना
अच्छा बुरा ज्ञान को समझना
समाज की भलाई करना
दूसरों के प्रति प्रेम से रहना
ये सब जीवन में सुकृत है श्रीनिवास!
मेहनत से काम करना
दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ना
कार्य सफल के यत्न करना
अपने कर्तव्य को निभाना
ये सब जीवन में सुकृत है श्रीनिवास!
वसंत पंचमी
माघ मास शुरू होता
शुक्ल पक्ष में यह होता
पंचमी तिथि को मनाता
सीत काल अंत होता
यह पर्व बसंत पंचमी है श्रीनिवास!
बसंत पंचमी प्रारंभ होता है
विष्णु की पूजा करता है
सरस्वती की अर्चन करती है
रति मनमद की पूजा करता है
बसंत को मदन पंचमी कहे श्रीनिवास!
सरस्वती विद्या का प्रतिरूप
संगीत कलाकारों का मूर्तिरूप
ज्ञान प्राप्त देने की स्वरूप
मां शारदा बच्चों की शक्तिरूप
बसंत को ऋषि पंचमी कहे श्रीनिवास!
मां सरस्वती के पास सिखाती
बच्चों अच्छी बुद्धि को पाती
अज्ञान रूपी अंधेरा हटाती
ज्ञान रूपी प्रकाश बढ़ाती
मां सरस्वती देवी महिमा है श्रीनिवास!
भक्त पीले वस्त्र पहनते हैं
पीले फूलों को चढ़ाते हैं
पुस्तकें मां के पास रखते हैं
इससे बुद्धि की शक्ति बढ़ते हैं
सरस्वती ज्ञान का प्रतीक श्रीनिवास!
मां सरस्वती वीणावादिनी
विद्या और ज्ञान वादिनी
अहिंसा रूप प्रतिवादिनी
करुण रूप प्रत्यक्षवादिनी
स्वरश्वती कांति का प्रतीक है श्रीनिवास!
वसंत ऋतु
बसंत आया बसंत आया
प्रकृति में खूब सूरत लाया
उत्साह आया उत्साह आया
बसंत में नव विकास आया
इस ऋतु में कुदरत अनोखा है श्रीनिवास!
पेड़ पौधों हरा भरा होता
प्रकृति सुन्दरमय होता
कोयल मधुर ध्वनि से गाता
इसे देखकर पक्षी शोर मचाता
बसंत में प्रकृति सुंदर है श्रीनिवास!
प्रकृति देखे तो मोर नाचते हैं
तितली फूलों से रस लेती हैं
भंवरा फूलों से मंडराते हैं
सारा दृश्य मनोहर होते हैं
बसंत ऋतु मन मोहक होता श्रीनिवास!
अधिक सीत,ठंडा न होता
वृद्धों केलिए चिंता न होता
युवक के रूप काम करता
उन्हें तन मन उत्साह से रहता
बसंत ऋतुओं का राजा है श्रीनिवास!
आत्म संयम
हमारे दिल कोमल होना
दूसरों के प्रति शीतल होना
दोनों को आत्म नियंत्रण होना
इससे शांत वातावरण होना
आत्म नियंत्रण के योग करो श्रीनिवास!
गुस्सा को नियंत्रण करना
नफरत को निर्मूलन करना
अनुमान को संयम करना
अहंकार को दमन करना
जीवन में आत्म नियंत्रण होना श्रीनिवास!
आत्म संयम से शांत होता
आत्म संयम से निर्मल होता
आत्म संयम से सुख होता
आत्म संयम से आगे बढ़ता
आत्म संयम से सार्थक बनता श्रीनिवास!
जीव हत्या पाप है
प्रकृति अनमोल है
उसमें जीव होता है
हमें वरदान भी है
बचाना आवश्यक।
जीव प्राणी रहता है
सुख दुखों से जीता है
हानि नही करता है
कुदरत में छिपा है।
हरेला से शोभित है
इसे प्रसन्न होता है
फिरता चलता है
जीव को हत्या नही।
नेताजी सुबास चंद्रबोस
कटक प्रांत में जन्म हुवा था
स्वतंत्र संग्राम मे भागलिया था
जेल जीवन भी बिताता था
कांग्रेस युवा नायक होता था
वे धैर्यवान होते थे श्रीनिवास!
बोस सिविलस परीक्षा लिखी
चौथा रैंक को प्राप्त हुई थी
अंग्रेजी भाषा में निपुण होती
ओउर नौकर को त्याग देती
वे आदर्श नेता होते थे श्रीनिवास!
गाँधी अहिंसा का नारा किये
तब आजादी को प्राप्त आये
बोस कहा कि संघर्ष से आये
ब्रिटिशों को भाग जाने किये
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने श्रीनिवास!
प्रपंच व्याप्त से मदद मिली है
तेजी सद अपने भाषण देते है
साहस्, धैर्य प्रकट करता है
आजाद हिंदु फौज निर्मित है
जयहिंद नारा से आगे बढ़ते है श्रीनिवास!
पढ़ाई
जीवन में पढ़ना एक फार्मूला
दूसरों की सिखाना कला
समाज की सेवा करना भला
अपने कर्तव्य निभाना विला
जीवन में पढ़ना अनिवार्य श्रीनिवास!
अच्छा,बुरा की बात बोध होता
इसके द्वारा विवेक बन जाता
समाज में गौरव,यश बढ़ता
उन्नत शिखर को प्राप्त होता
इससे जीवन सार्थक बनता श्रीनिवास!
किसी कार्य आसान से करता
स्वयं से जीना संभव होता
समस्यावों को परिष्कार करता
दूसरों की मार्गदर्शन होता
पढ़ाई के प्रति ध्यान देना है श्रीनिवास!
कृतज्ञ
जीवन में कृतज्ञ कहना अछा
इससे व्यक्तित्व होता है निराला
दूसरों पर दया से रहना भला
अपने कर्तव्य को निभाना कला
कृतज्ञ मर्यादा का प्रतीक है श्रीनिवास!
सद् गुरु से ज्ञान पाने वाला
परायों से ऋण लेनेवाला
दूसरों से सहायता लेनेवाला
दुखों में धैर्य बतानेवाला
ये सभी को कृतज्ञ करना है श्रीनिवास!
कृतज्ञ अच्छा शौक होता
इसे निभाना कर्तव्य होता
स्नेह,प्यार का गुण बढ़ता
इसे मानवत्व पक्का बनता
कृतज्ञ से चरित्र निर्मल होता श्रीनिवास!
मोहब्बत
मोहब्बत आकर्षित होता है
प्रेमी में होता खूब प्यार है
प्रेम में मधुर भाव लगता है
दोनों भी अलग नहीं होता है
जीवन में प्रेम मिठास होता श्रीनिवास!
प्रेमी प्रकृति को देखती है
प्रिय प्रेमी को ही देखता है
अचानक बारिश पड़ जाता है
दोनों अपने मुंह देख जाता है
यह प्रेम अमर हो जाता है श्रीनिवास!
जीवन में इश्क एक शक्ति
प्रेम में तल्लीन होना अनुरक्ति
अंत तक होता है प्रेम भक्ति
दोनों में प्यार अद्भुत शक्ति
प्रेम के बिना जीवन व्यर्थ श्रीनिवास
जनवरी जान से प्यारी है
जनवरी मास आता है
नया साल शुरु होता है
जीवन में उमंग लाता है
शक्ति और शांत बढ़ता है
इसे जनवरी मुझे प्यार है श्रीनिवास!
सुख संव्रुद्दि केलिये निरीक्षा
खूब स्वास्थ केलिये आकांक्षा
भोग भाग्य केलिए प्रतीक्षा
दुख दूर केलिए सुभिक्षा
मेरी आशा जनवरी अच्छी हो श्रीनिवास!
इस माह में संक्रांति आता
सबका दिल प्रफुल्लित होता
सब मिलकर पर्व मनाता
इसे कुटुंब में एकता बढ़ता
जनवरि मुझे पसंद होता श्रीनिवास!
शीतल हवा तेज से आता
लगातार बरफ बरसता
पेड़ पौधे केलिए हित होता
मनावों केलिए कष्ट होता
लेकिन मुझे जनवरी प्यार है श्रीनिवास!
महा कुंभ मेला
भारत पुण्य क्षेत्रों के प्रसिद्द है
प्रयोगराज पवित्र विख्यात है
यज्ञनों केलिए अनुकूलित है
दान धर्मो केलिए शानदार है
शक्ति पीठों में प्रसिद्द है श्रीनिवास!
भरद्वाज महर्षि आश्रम थे
प्रयाग को सीताराम दर्शन थे
आश्रम समीप वटवृक्ष थे
कई राजावो प्राण अर्पित थे
प्रयाग पवित्र पुण्य स्थल है श्रीनिवास!
सूर्य सिंहराशि में प्रवेश होता
नासिक में कुंभ मेला मनाता
सूर्य मेशराशी में प्रवेश होता
हरिद्वार में कुंभ मेला मनाता
कुंभ मेला संप्रदाय से मनाता श्रीनिवास
सूर्य वृष्चिका राशि में होता
उज्जैन में कुंभ मेला मनाता
सूर्य मकररशि में प्रवेश होता
प्रयाग में कुंभ मेला मनाता
कुंभ जातरा शत्रों से मनाता
कुंभ जातरा मुख्य पर्व होता
नाग साधु पूजा शुरु करता
साधु, अघोरा स्नान करता
यह संप्रदाय का प्रतीक होता
यह त्रिवेणी संगम से प्रसिद्द श्रीनिवास!
देश विदेश से भक्त आता है
भक्ति से लोग स्नान करता है
पितृ देवतावों दान करता है
भक्तों का विश्वास बेमिसाल है
होता कि पुण्य ,मोक्ष मिलता श्रीनिवास!
हम बालक
हम सब नन्हें मुन्हें बालक
देश में रहनेवाला नागरिक
हमारे दिल में भक्ति मार्मिक
हम बने देश के सुनागरिक
हम मिलकर आगे चलेंगे श्रीनिवास!
देश के प्रति भक्ति गीत गाते हैं
सब का दिल प्रसन्न होते हैं
सदैव छुवाछूत को हटाते हैं
नित्यं मानवत्व को जगाते हैं
हम अपने कर्तव्य निभाते हैं श्रीनिवास!
मुख्य नेतावों को याद करते हैं
माँ बाप की मदद करते हैं
कानून का पालन करते हैं
पेड़ पौधों की रक्षा करते हैं
ये सब हमारी जिम्मेदारी है श्रीनिवास!
हम सफर
वर्षा ऋतु में सफर करेंगे
कई यातनाये सामना करेंगे
रुक रुक कर आगे चलेंगे
मंजिल केलिए श्रम करेंगे
वर्षा से हम सफर कष्ट होता श्रीनिवास!
सीत ऋतु में सफर करेंगे
हिम से हम सब बाधा पड़ेंगे
कांप कर फिर आगे चलेंगे
खूब बीमार से पीड़ित होंगे
सर्दी से हम सफर खराब है श्रीनिवास!
ग्रीष्म ऋतु में सफर करेंगे
ज्यादा धूप से बीमार होंगे
शरीर स्वेद,मलिन से भरेंगे
थकान से गले सूख होंगे
ग्रीष्म ऋतु से मृत्यु संभव होता श्रीनिवास!
संक्रांति
( मनहरण घनाक्षरी )
संक्रांति त्यौहार आया
संप्रदाय से मनाया
संस्कृति को भी सिखाया
दिव्य त्यौहार होता
घरों की शोभा कला है
प्रभू की पूजा भला है
रिश्तों से मिला विला है
अनोखा पर्व होता
पतंग को भी वुडाए
कई वस्तुवों को लाए
लड्डू अरसा बनाए
पर्व की रीति होता
सुभाष चंद्रबोस
कटक में जन्म लिए थे
सिविल्स में चौथा रैंक पाये थे
अंग्रेजी में खूब निपुण हुए थे
सबके आदर्श नेता बने थे
वे महान क्रांतिकारी थे श्रीनिवास!
भारत के स्वतंत्र सेनानी थे
विटिशो से विरोध किये थे
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने थे
इंडिया यूत लीग स्थापित थे
वे सुभाष चंद्रबोस थे श्रीनिवास!
आजाद हिंद संघ स्थापित थे
गाँधी आज्ञा से कलकत्ता गये थे
चित्तरंजन दास से मिले थे
बेंगाल आंदोलन में शामिल थे
वे कहा कि संघर्ष मार्ग मुख्य है श्रीनिवास!
ठिठुरता आसमान
आसमान में घन होते हैं
वे घुमड़ कर गर्जन करते हैं
चपला तेज से चमकते हैं
इससे खूब पावस बरसते हैँ
सहसा गगन ठिठुरता है श्रीनिवास!
सीत ऋतु में ठंडी आई
पेड़ पौधों की यह भलाई
प्रकृति की सुंदरता कलाई
हम सब केलिए यह बुराई
ठिठुरता नभ से सतर्क होना श्रीनिवास!
निरंतर गगन ठिठुरता नहीं
क्योंकि मेघ अस्थिर से रही
कभी कभी सूर्य,तारे छिपी
इसे अन्धकार छा जाता वही
ठिठुरता नभ से सुख ,दुख है श्रीनिवास!
स्वामी विवेकानंदा
कोलकत्ता में जन्म लिए थे
बाल्य में नरेन्द्रदत्ता कहते थे
रामकृष्ण परम हंस शिष्य थे
चिकागो में भाषण दिये थे
वे स्वामी विवेकानंदा जी थे श्रीनिवास!
प्रिय अमेरिका भाई बहन
इस प्रकार शरू हो भाषण
पाठक का दिल होता प्रसन्न
पत्रिकाए तारीफ़ किया महान
प्रचाश्य देश में चले संन्यासी श्रीनिवास!
स्त्रीशक्ति मतलब मातृत्वम
स्त्री,पुरुष दोनों समानत्वम
संघ विकास के दोनों एकत्वम
इसके श्रम किया सेवातत्वम
वे विवेकानंद की बात है श्रीनिवास!
जल्दी उठो लक्ष्य प्राप्त करो
जनता में भक्ति जागृत करो
धैर्य से तुम काम काज करो
जीतने तक रुक मत करो
देश की सोना युवा शक्ति है श्रीनिवास!
बल ही हमारे जीवन है
बलहीन मरण का प्रतिक है
सहन से होना अनिवार्य है
इससे मिला शांत जीवन है
युवकों में आत्मा विश्वास होना है श्रीनिवास!
किसी से डर नहीं होना
दुख के कारण मृत्यु होना
भय से जीवन रुक होना
विवेक , विज्ञान से जीना
धैर्य और शक्ति आवश्यक है श्रीनिवास!
परिणाम पर श्रद्दा दिखावो
वैसे ही पल में श्रद्दा दिखावो
भय से बलहीन मत बनावो
धैर्य से शक्तिवान बनावो
धैर्य और श्रद्दा से कार्य करो श्रीनिवास!
दिलकशी
माँ से बनी भोजन अमृत है
पत्नी से बनी भोजन मधुर है
मित्रों से बने भोजन रुचि है
रिश्तों से बने भोजन पसंद है
दिलकशी से भोजन खाना है श्रीनिवास!
घर में पकवान बनता है
इसे साधारण से खाता है
शादी में पकवान बनती है
इसे अति पसंद से खाता है
दिलकशी से बना आहार चाहिए श्रीनिवास!
खीर पदार्थ रुचि बेमिसाल है
लड्डू पदार्थ रुचि अनोखा है
हलवा पदार्थ रुचि अच्छा है
जिलेबी पदार्थ रुचि भला है
ये दिलकशी पदार्थ भले हैं श्रीनिवास!
मुक्कोटी एकादशी पर्व
मुक्कोटी एकादशी आता है
वैकुंठ को प्राप्त होता है
धनुष राशि में सूर्य प्रवेश है
इसे स्वर्ग द्वार खुला होता है
यह पर्व को वैभव से मनाता श्रीनिवास!
व्यास महर्षि लिखता है
भविष्य पुराण भी होता है
मार्ग शिर मास में आता है
शुक्ल पक्ष में मनाता है
यह मुक्कोटी एकादशी होता श्रीनिवास!
सभी भक्त प्रतीक्षा करता
वुष्णु भगवान केलिए होता
उत्तर द्वार दर्शन मुख्य होता
विष्णु गरुड़ वाहन में आता
इस दर्शन से मोक्ष पाता श्रीनिवास!
रात में जागरण करता है
इसे प्रभू की स्तुति करता है
इसदिन झूठ मत बोलता है
बुराई कार्य मत करता है
वैभव से अन्नदान करता है श्रीनिवास!
उपवास समय निष्ठा करता
इसदिन खाना नहीं खाता
नित्यं प्रभू को स्मरण करता
निष्ठा से व्रत पूजा करता
इससे मोक्ष,पुण्य मिलता श्रीनिवास!
वैकुंठ के द्वार खुला होता है
भक्तों की विश्वास से रहता है
भक्त लोग अर्चन करता है
प्रभू दर्शन को देख सकता है
इसदिन राक्षस को मुक्ति होता श्रीनिवास!
हलाहल,अमृत जन्म हुवा
इसे प्रभू शिव विष को पिया
देवतावो को अमृत दिया
कृष्ण अर्जुन को उपदेश किया
इसदिन पवित्र और पुण्य है श्रीनिवास!
मनमोहन सिंह
पंजाब प्रांत में जन्म लिए थे
कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे
डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त होते थे
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री थे
वे मनमोहन सिंह थे श्रीनिवास!
वे कर्तव्य निष्ठ व्यक्ति थे
विश्व में जनाधरन पाते थे
राजसभा के सदस्य भी थे
रिजर्व बैंक को निर्देशक थे
दो बार प्रधानमन्त्री बने थे श्रीनिवास!
पहले सिख प्रधान मंत्री थे
वे बढ़िया राजनीतिज्ञ भी थे
वित्त शाखा में कार्य किये थे
वे उत्तम आर्थिक मंत्री बने थे
संयुक्त राष्ट्र संघ में कार्य किये श्रीनिवास!
मनमोहन सिंह प्रतिभा थे
आर्थिक शाखा में बदलाव थे
विदेशी निवेश को प्रोस्ताहित थे
वे लगान को कम किये थे
पद्मविभूषण आवर्ड पाये थे श्रीनिवास!
आहार
मानव समाज में रहता है
जंतु घास केलिये चलता है
पक्षी बीज केलिये घूमता है
नर आहार के श्रम करता है
जीवन में खाना अनिवार्य है श्रीनिवास!
प्रातः काल नाश्ता खाता है
इसे शरीर को बल मिलता है
दोपहर चावल को खाता है
इसे पौस्टिक तत्व मिलता है
खाने से रोगों से बचाता है श्रीनिवास!
रात ज्यादा भोजन खाता है
इसे अधिक नींद आता है
दिन में कम भोजन खाता है
इससे ज्यादा थकान आता है
भोजन के प्रति सावधान होना श्रीनिवास!
हम सफर सही नहीं
हमसब मिलकर चले हैं
रास्ते कीचड़ से भर पड़े हैं
साफ करके चले जाते हैं
नए अनुभव मिल सकते हैं
मेरे सफर अनुकूल नहीं है श्रीनिवास!
फिर हम सब आगे बढ़ते हैं
बारिश जोर से बरसते हैं
ठंड हवाये तेज से आते हैं
यात्रा केलिए मुश्किल होते है
मेरे सफर फिर अनुकूल नहीं श्रीनिवास!
अंत में फिर सफर करता
हिम से रास्ता ढ़क लेता
मार्ग भी दिखाई नहीं देता
प्रतीक्षा करे तो अन्धकार होता
मेरे सफर फिर अच्छा नही है श्रीनिवास!
मेरी नजर
तुम पर मेरी नजर लगता
तेरेलिए मुहब्बत बरसता
प्रेम केलिए प्रतीक्षा करता
और देखकर जीवन बिताता
जीवन में तुम को देखते होते श्रीनिवास!
इधर उधर देखता रहता है
तेरी नयन विशाल होता है
मुझे निरंतर स्मरण आता है
यह भूल मत हो जाता है
तुम को न देखे तो सोता नहीं श्रीनिवास!
अनवरत से देखता रहता
तुम के प्रति विश्वास बढ़ता
यह प्रेम बेमिसाल होता
जिंदा में तुमको याद करता
देखते रहे तो प्रेम अनोखा है श्रीनिवास!
नयनों में चमक आशावो की है
बचपन से ही अंधा होता
पढ़ने की आशा बहुत होता
मेरा जीवन में एक लक्ष्य होता
इसे प्राप्त केलिए श्रम करता
मेरी आँखों में कांति कब आएगी श्रीनिवास!
संघ की सेवा करना चाहता
दूसरों की हित करना चाहता
सहपाठियों से मिलना चाहता
बड़ो से आशीर्वाद लेना चाहता
मेरी आँखों कब प्रकाश आती श्रीनिवास!
प्रकृति सुंदर देखना चाहता
पर्वतो पर चढ़ना चाहता
समुद्र पर तैरना चाहता
अंतरिक्ष मे गुजरना चाहता
मेरी आँखों में आशा कांति को श्रीनिवास!
माँ का आंचल
बच्चों खेलते कूदते हैं
गीत और संगीत सुनते हैं
मित्रों से ज्यादा समय बिताते हैं
देर से घर को वापस आते हैं
माँ प्रेम से स्वयं गोद में लेती है श्रीनिवास!
बच्चों के प्रति माँ का प्यार
उनकी चेष्टाए बहुत सुंदर
और कलाए खूब मनोहर
मुस्कान से रहता निरंतर।
माँ इसे देखकर मुग्ध होती श्रीनिवास!
माँ अपने बच्चों की गोद में लेती
गीत गाकर खाना खिलाती
पंचतंत्र कथाए सुनाती
अपनी आँचल में सो जाती
माँ का प्रेम अद्वितीय है श्रीनिवास!
नये साल
पुराना साल खो गया
इससे निराशा मिल गया
और प्रेम विफल हो गया
इसे दिल में द्वेष हो गया
आशा हैकि नये साल कनक है श्रीनिवास!
अलविदा पुराने वर्ष को
भूल गया सब इस वर्ष को
स्वागत नूतन वर्ष को
वैभव से मना इस वर्ष को
आशा हैकि नये साल रत्न है श्रीनिवास!
नये साल शुरु होता
नया जीवन अद्भुत होता
आत्मबल से जीवित होता
विश्वास से आगे बढ़ता
आशा हैकि नये साल मोती है श्रीनिवास!
नूतन वर्ष : हाइकु
नये साल में
आशा है नयी शक्ति
होती है भला
प्रभू कृपा से
मिला सुख संव्रुद्दि
नये साल में
मेरी आशा हो
सौभाग्य मिलता है
नये साल में
नये साल को
निरीक्षण करता
जन जन है
मेरी आशा है
स्वास्थ अच्छा भी होता
नये साल में
नये साल को
वैभव से मनाता
यह रीति है
प्रभू दया से
मिला है धन धान्य
नये साल में
आत्मबल से
मिला है वरदान
नये साल में
आशा से होता
सुख जीवन भर
नये साल में
मेरी 2024 खट्टी मीठी यादें
खट्टी मीठी से एक साल बीता
कई बाधावो से सामना करता
कुछ महीनों उत्साह से रहता
कुछ दिन स्वास्थ खराब होता
पिछले साल में कुछ लुप्त होता श्रीनिवास!
क्लेश जैसे होते हैं खट्टा
पीड़ा जैसे होते हैं मीठा
दुःखो से अनुभव है खट्टा
सुखों से अनुभव है मीठा
पिछले साल में दोनों से बीता श्रीनिवास!
पिछले साल में याद होता है
श्रेष्ठ कलाकार बन जाता है
इससे जिंदा में यश पाता है
इसलिए मीठी की बात होता है
पिछले साल में कुछ खुश होता श्रीनिवास!
सुनहरी यादे बीते साल की
पिछले साल चल गया
कष्ट,खुश से भर दिया
खट्टा,मीठा दूर किया
विश्वास से सार्थक किया
बीते साल से कर्तव्य सीखा श्रीनिवास!
नष्ट और लाभों से गुजरता
जीवन भर मुकाबला करता
रोग, निरोग से बाधा पड़ता
पैसे कमाने से मुश्किल होता
बीते साल से सबक सीखा श्रीनिवास!
सच्चे मित्र भी दूर होता है
पराये लोग परिचित होता है
कुटुंब में भी हलचल होता है
इसे सुलझ के यत्न करता है
बीते साल से ज्ञानोदय होता श्रीनिवास!
प्रेम की शक्ति प्रकृति है
सवेरा होता शोभायमान
प्रकृति होता मनोरंजन
इसके प्रति होता आकर्षण
इससे प्रेमियों प्रेम में तल्लीन
प्रेम केलिए प्रकृति खूब सूरत श्रीनिवास!
प्रेम के सामने पीड़ा दूर होता
प्रेम के बीच भेद नही होता
प्रेम के अंदर मार्मिक होता
प्रेम के लीन में जग भूल जाता
प्रेम के प्रति प्रेमियों मोहक है श्रीनिवास!
राधा कृष्ण जैसे होते प्रेम
शिव पार्वती जैसे होते प्रेम
राम सीता जैसे होते प्रेम
लैला मज्नू जैसे होते प्रेम
प्रेमियों के बीच प्रेम अनोखा है श्रीनिवास!
पुनः आगमन का भरोसा दिला दो
पर्वत पर चढ़ाने के गये थे
खूब पैसे लेकर चले थे
विहार यात्र कैसे बिताते थे
आप कैसे अनुभव पाते थे
वापस कब आएगा प्रण करो श्रीनिवास!
मुझे छोड़कर गये थे
बहुत दिन हो चुके थे
आप क्या कर सकते थे
मुझ को पता नहीं होते थे
वापस कब आएगा प्रण करो श्रीनिवास!
आप निरंतर याद आता है
घर में काम काज होता है
मेरी तबीयत बिगड़ती है
इसलिये प्रतीक्षा करती है
वापस कब आएगा प्रण करो श्रीनिवास!
बेगाने जग मे नर दिवाना है
भिन्न स्वाभाव वाला मर्द होता है
उच्च,निम्न वर्गों भी रहता है
उनके विचार में भेद होता है
उनकी स्तिथि विचित्र लगती है
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
रमनीय प्रांत दर्शन होता है
सुंदर से मुग्ध हो जाता है
मलिन प्रदेश दिख पडता है
इससे बदबू ज्यादा फैलता है
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
पेयजल निर्मल होता है
पीने केलिए भला होता है
कलूषित पानी भी होता है
पीने की स्तिथि बुरा होता है
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
पर्व को संप्रदाय से मनाता
सब की रीति रिवाज होता
संप्रदाय से कुछ न मनाता
वे पर्वो का महत्त्व न जानता
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
प्रांतों से भाषा बदलती है
रहन सहन निराला होता है
खान पान की समस्या होती है
मानसिक बल में भेद होता है
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाते
प्रदेश अनुकूल कर सकते
कम से कम रूपया कमाते
प्रांत अनुकूल नहीं कर सकते
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
तूफ़ान बार बार आता
प्राण हानि नष्ट हो जाता
अति स्वल्प से वर्षा बरसता
सूखे से फसल क्षीण होता
बेगाने जग में नर दिवाना है श्रीनिवास!
यादों की संदूक
चाचा दिया सत्तू खाने को
लकड़ी से बनी डिब्बा को
मिट्टी से बने वस्तुवो को
याद आया था दिमाग को
मुझे याद की संदूक की बात है श्रीनिवास!
नानी दिया एक रूपया
मै डिब्बा में डाल दिया
मामा दिया किताब नया
मै विद्यालय को ले गया
मुझे याद की संदूक की बात है श्रीनिवास!
पत्नी दिखाया खूब प्रेम
प्रेम बहता निरंतर क्रम
वह करता जिंदा भर श्रम
उसकी विश्वास अनुपम
मुझे याद की संदूक की बात है श्रीनिवास!
यादों की संदूक मूल्य होता
जीवन में कुछ अमूल्य होता
भूल जाने की संभव होता
याद रखना अवश्य होता
यादों की संदूक अनमोल है श्रीनिवास!
प्रेम में मार्मिक विषय छिपा
जिंदा में अद्भुत की बात छिपा
जग में असाधारण मुद्दा छिपा
प्रकृति में रमनीय दृश्य छिपा
यादों की संदूक अनोखा है श्रीनिवास्!
जीवन में कुछ मधुर बातें
खट्टी और मीठी की बातें
प्रेम में कुछ लीन की बातें
विरह और मिलन की बातें
यादों की संदूक बेमिसाल है श्रीनिवास!
स्वार्थ
प्रेमी-प्रेमिका के बीच स्वार्थ
पति-पत्नी के बीच स्वार्थ
भाई-बहन के बीच
गुरु-शिष्य के बीच स्वार्थ
स्वार्थ से जिंदगी नाश होती श्रीनिवास!
मन मे स्वार्थ को दूर करो
निस्वार्थ भावना से कार्य करो
आलसीपन को दूर करो
मेहनत,लगन को प्यार करो
निस्वार्थ जीवन सफल बनता श्रीनिवास!
देश की भलाई करो
स्वार्थ से हानि मत करो
देवतावों को स्मरण करो
स्वार्थ से विस्मरण मत करो
जीवन के पतन स्वार्थ है श्रीनिवास
कृषक
भारत गांवों का देश है
ज्यादा लोक कृषि पर निर्भर है
यहाँ पर्यावरण हरेला भी है
हरेला से दूषित न होता है
गाँव में खेत सुंदर लगता है।
किसान खेती बारी करता है
वह दिनभर श्रम करता है
वे कई फसल उगाते हैं
लोगों को भूख मिटाता है।
फसलों की सिंचाई व्यवस्था होना ।
हमें किसानों पर आधारित हैं
वे हम को खाद्य पदार्थ देते
वे अन्नदाता,सुखदाता भी हैं
उनको आभारी करना है
देश की रीद किसान है श्रीनिवास!
क्रिसमस
ईसाई का प्रमुख मास होता
सुबह से शाम शीतल बनता
साल भर में एक बार आता
पच्चीस दिसंबर को आता
यह क्रिसमस त्यौहार है श्रीनिवास!
ईसाईयों का प्रमुख पर्व
एकत्व से मना गया पर्व
धूम धाम से मनाया पर्व
शीत ऋतु में आया पर्व
यह क्रिसमस पर्व है श्रीनिवास!
गांव में एक बालक होता है
यह गरीब,अनजानी होता है
उसके पास कोई वस्तु नहीं है
भविष्य में क्या होना न पता है
यह बालक की स्थिति है श्रीनिवास!
अपने घर के पास पेड़ होता
मटके में पेड़ को रखता
और चर्च को ले जाता
इसे देखकर मजाक करता
येसु शक्ति से पेड़ बड़े होते है श्रीनिवास!
घरों को सजावट करता है
क्रिसमस पेड़ को श्रृंगार है
रंगीन स्टार को सुसज्जित है
चर्च को अलंकार करता है
इस दिन ईसाई का पवित्र है श्रीनिवास!
इसदिन गिरिजाघर जाते
सामूहिक रूप से पार्थना करते
भक्ति से बैबिल ग्रंथ पढ़ते
येसु क्रीस्तू से बधाई पाते
यह पर्व की विशेषता है श्रीनिवास!
टरकी प्रांत में एक चर्च थे
वहाँ एक बिशप रहते थे
प्रति दिन घुडसवारी किये थे
वे गरीबों की मदद किये थे
उनके स्वभाव उदार थे श्रीनिवास!
बच्चों को कई पुरस्कार देता
वह लाल टोपी धारण करता
उनके दाड़ी सफेद रंग होता
उनको शान्ता कलाज कहता
वे निकोलस से प्रसिद्द होता हैं श्रीनिवास!
प्रेम का खास
मोहब्बत बेमिसाल होता है
रसिक प्रिया में होता मार्मिक है
प्रेम में मधुर भाव लगता है
दोनों अलग न कर सकता है
जीवन में प्रेम मिठास है श्रीनिवास !
गांव के बीच कुएं होता है
मटका से जल ले जाता है
कुएं के पास प्रेमिका आता है
दोनों अपने मुँह देख जाता है
यह प्रेम अमर हो होता है श्रीनिवास!
जीवन में इश्क एक शक्ति
प्रेम में तल्लीन होना अनुरक्ति
अंत तक होता है दैवभक्ति
दोनों में प्यार अद्भुत शक्ति
प्रेम के बिना जीवन व्यर्थ श्रीनिवास!
घूंघट
सिख स्त्री अपने मुख़ ढकती है
जैन महिला मुख को ढकती है
मुस्लिम स्त्री मुँह को ढकती है
कुछ हिन्दु स्त्री मुख को ढकती है
अपने धर्मो की रीति रिवाज़ है श्रीनिवास!
धूप अधिक होने के कारण
चेहरा कोमल होने के कारण
बिमारी पीड़ित होने के कारण
बुजर्ग लोग होने के कारण
मुख को घूंघट से ढकता है श्रीनिवास!
पूर्वजों से संस्कार आता
आगे पीढ़ी के आदर्श होता
अपने संप्रदाय निभाता
धर्म के प्रति विश्वास होता
संप्रदाय से मुख को ढकता श्रीनिवास!
घूंघट
सिख स्त्री अपने मुख़ ढकती है
जैन महिला मुख को ढकती है
मुस्लिम स्त्री मुँह को ढकती है
कुछ हिन्दु स्त्री मुख को ढकती है
अपने धर्मो की रीति रिवाज़ है श्रीनिवास!
धूप अधिक होने के कारण
चेहरा कोमल होने के कारण
बिमारी पीड़ित होने के कारण
बुजर्ग लोग होने के कारण
मुख को घूंघट से ढकता है श्रीनिवास!
पूर्वजों से संस्कार आता
आगे पीढ़ी के आदर्श होता
अपने संप्रदाय निभाता
धर्म के प्रति विश्वास होता
न्याय/अन्याय
जाति प्रांत के
भेद नहीं होता है
यह न्याय है।
मूर्ख भाव से
हलचल करता
यह अन्याय।
संघ की सेवा
देश की भलाई है
यह न्याय है
धोखा करना
और शत्रु बनना
अन्याय होता।
भष्टाचार को
निर्मूलन करना
न्याय होता है।
भोर भई पनघट पर
सुबह प्रकृति खूब सुंदर
ठंडा हवा बहता निरंतर
कसरत करना जरूर
स्वास्थ केलिए अवसर
भोर पनघटपर सुंदर है श्रीनिवास!
पक्षियों भी हलचल करता है
वातावरण रमनीय होता है
मनुष्य इधर उधर घूमता है
फूलों से आकर्षित होता है
सुबह शोभा दिल की लुभाती है श्रीनिवास!
पढ़ने केलिए शौक होता
एकाग्रता से कार्य करता
ध्वनि प्रदूूषण नहीं होता
हर विषय समझ सकता
भोर पनघटपर निर्मल होता श्रीनिवास!
घरों में काम काज करता
घर के आंगन रंग डालता
प्रातः काल मनोहर लगता
भगवान की सेवा करता
शीशे के आगे भविष्य दिखाई देता है
हमारे प्रतिबिंब शीशे में देखते
निरंतर श्रृंगार करते रहते
छोटे से बड़े को आदत होते
अपने मुँह को देखते रहते
घर में दर्पण एक साधन है श्रीनिवास!
हरदिन ग्लामर कैसे होते
अपने हावभाव को देखते
बालो को निरंतर काट करते
इसे देख मुँह को क्रीम लगाते
आगे भविष्य इसमें दिखता श्रीनिवास!
मुँह अच्छा है बचपन में
देख खुश करता दर्पण में
मुख बुरा है वृद्दाप्य में
देख उदास करता दर्पण में
हमारे भविष्य इसमें दिखता श्रीनिवास!
जीवन मे ढलती शाम है
नित्यम काम काज करना
थकान से नीरस होना
लगातार बातचीत करना
मन में उत्साह कम होना
जीवन की ढ़लती श्याम है श्रीनिवास!
निरंतर पढ़ लिखता है
मन में ऊब हो जाता है
अविराम से काम होता है
अस्वस्थ से दुखित होता है
जीवन की ढ़लती श्याम है श्रीनिवास!
प्रातः काल अंधकार हो तो
जोर से बारिश पड़ जाए तो
तेज ठंडा हवा बह लगे तो
आना जाना कष्ट होते तो
जीवन की ढ़लती श्याम है श्रीनिवास!
सुख दुख
मर्द जिंदा में सुख दुख,से भर हो जाता।
दुखों से लड़ाई करो,चिंता भी दूर होता।।
ईश्वर को स्मरण करो,दुख को मिटावो।
अभ्यास से कार्य करो,पीड़ा को भगावो।।
सुख दुख एक हिस्सा ह,जीवन में आता।
दुख के बाद दुख आता, जिंदा कष्ट होता।।
रिश्तों में मिठास
रिश्तों से गहरा प्रभाव होता
क्लेश के समय मदद करता
अच्छा,बुरा विषय में भाग लेता
जीवन में सही मार्ग दिखाता
रिश्तेदार एक दोस्त है श्रीनिवास!
मानवतवादी का रूप होता
प्रेम और स्नेह भाव बाँटता
रिश्तेदार कर्तव्य निभाता
सदा नीति विषय बताता
रिश्तेदार आदर्शवान होता श्रीनिवास!
रिश्तेदार से सुझाव लेना है
भविष्य केलिये उपयोग है
इससे कीर्ति गौरव मिलता है
इससे संबंध पक्का होना है
रिश्तेदार परोपकारी है श्रीनिवास!
अटल बिहारी वाजपेयी : हाइकू
वाजपेयी ने
भारत प्रधानी थे
कुछ साल है ।
वाजपेयी ने
एक अध्यापक थे
और कवि थे।
वाजपेयी ने
जनता पार्टी नेता
के प्रमुख थे।
वाजपेयी ने
ब्रह्माचारी के रूप
जीवन जीता।
वाजपेयी को
मिला भारत रत्न
गर्व होता है।
वाजपेयी को
मनाली प्यार और
प्रकृति प्रेमी।
मन की हार
मेरा मन में एक लक्ष्य है
इसे सार्थक के निमग्न है
और निरंतर श्रम करता है
लेकिन लक्ष्य सफल नहीं है
मेरा दिल हार होता है श्रीनिवास!
मुझे खेल खेलना पसंद है
इसलिये कसरत करता है
प्रतियोगिता में भाग लेता है
लेकिन इनाम नहीं आता है
मेरा दिल फिर हार होता है श्रीनिवास!
मुझे पढ़ना लिखना भला
ज्ञान विज्ञान पाना फार्मूला
निरंतर ध्यन से पढ़ना कला
लेकिन अच्छी अंक नहीं मिला
मेरा दिल हार होता है श्रीनिवास!
संगीत मधुर हो जाता है
मुझे सीखना पसंद होता है
अनवरत सीखना चाहता है
मेरा गला सूख हो जाता है
मेरा दिल एक बार हार होता श्रीनिवास!
बड़ों की सेवा करना चाहता है
उनकी बात सुनना चाहती है
प्रेम, स्नेह से देखना चाहता है
मेरा स्वास्थ एकदम खराब है
इसलिए मेरा दिल हार है श्रीनिवास!
सपनों की लाश
मर्द का जीवन जटिल
आगे बढ़ना अनुकूल
निरंतर कार्यरत मुश्किल
कर्तव्य निभाना प्रतिकूल
कष्टों से मुकाबला करना श्रीनिवास!
प्रति दिन कसरत करना
आरोग्य को ही बचाना
दिल भर आराम लेना
जीवन में सपना करना
बिना सपना जीवन में लाश है श्रीनिवास!
छोटों से लेकर बडों तक आता
सार्थक बनने के यत्न होता
सपना एक निर्जीव हो जाता
सजीव केलिए प्रयत्न होता
सपनों की लाश नहीं होना है श्रीनिवास!
तल्लीन
गुरु शिष्य पढ़ाई में लीन
माँ बाप सेवा में निमग्न
पति पत्नी प्रेम में तल्लीन
राशिक प्रियावों स्वप्न में मग्न
निमग्न में मन शांत होता श्रीनिवास!
प्रजा भक्ति में लीन होता
इससे मोक्ष,पुण्य मिलता
किसान खेती में तल्लीन होता
इसे अच्छी फसल उगाता
निमग्न एक अद्भुत शक्ति है श्रीनिवास!
प्रकृति के प्रति आकर्षित होता
इसे दिल में प्रफुल्लित होता
बर्फ कस पर्वत सुंदर लगता
इसे दिल में प्रेम पिघल जाता
प्रकृति के प्रति मन खुश है श्रीनिवास!
प्रेम क्या क्यों और कैसे
मोहब्बत माने क्या होता
प्रेम कैसे उत्पन्न हो जाता
प्यार को कैसे पहचानता
इश्क को कैसे बांटता
प्रेम किसी को मालूम न होता श्रीनिवास!
व्यक्तियों के बीच प्रेम होता है
यह प्रेम चिरस्मरनीय है
प्रेम एक अद्भुत शक्ति है
बिना प्रेम से जीवन व्यर्थ है
जिंदा में प्रेम अनोखा है श्रीनिवास!
मन में भावना प्रकट करना
जीवन भर प्रेम से रहना
रसिक प्रियावों मे प्रेम भरना
प्रेम केलिए भेद न होना
प्रेम से जीवन सुखमय होता श्रीनिवास!
इकट्टा का महत्व
पर्व समय एकत्रित्र होता
समारोह समय इकट्टा होता
वीकेंड समय जमा होता
उत्सव में एक साथ बैठता
मन में भावनाएं व्यक्त करता श्रीनिवास!
बाधावो का विषय कहेंगी
समस्यावों को बताएंगी
कुटुंब स्थिति की चर्चा करेंगी
आर्थिक स्थिति भी चर्चा करेंगी
मन में दुख का भार घटता श्रीनिवास!
मिलझुलकर भोजन करता
आपस में बातचीत करता
समस्यावों को बांट करता
दूसरों की सहायता लेता
मितृत्व की भावना बढ़ता श्रीनिवास!
भागती जिंदगी का ठिकाना कहाँ होता है
हवा तेज गति से चलता
जीवन भी तेज से चलता
दुःख, रोग वेग से आता
स्वास्थ भी तेज से बिगड़ता
आज जीवन की परिस्थिति है श्रीनिवास!
मानव जल्दी से कार्य करता
यह कार्य असंपूर्ण बनता
अति शीघ्र से भोजन करता
पाचक शक्ति गड़बड़ होता
जल्दी से कार्य मत करना श्रीनिवास!
नित किसी न किसी समस्या
हल केलिए भी एक समस्या
आगे बढ़ना एक समस्या
मंजिल पहुंचना भी समस्या
तेजी जीवन में ठिकाना कहाँ है श्रीनिवास!
मेरा विचार मेरा समाज
भ्रष्टाचार को दूर करना
ऊंच, नीच अंतर मिटाना
जाति, धर्म भेद हटाना
प्रेम,द्वेष भेद भगाता
इसे समाज बदलाव होता श्रीनिवास!
दूसरों की सहायता करना
परोपकार भाव से रहना
भाई को मित्र जैसे समझना
मिलजुलकर के साथ रहना
सच्चाई से निवास होना है श्रीनिवास!
विकास के कोशिश करो
समस्यावों को दूर करो
कुभावनाये को इंकार करो
सुविधावों को प्रबंध करो
देश की प्रगति समाज है श्रीनिवास!
सीत ऋतु
शीत ऋतु का मास आता
ज्यादा से शीतल होता
हर दिन हिम बढ़ता जाता
आना जाना मुश्किल होता
बर्फीली से सावधान होना श्रीनिवास!
सुबह उठना कष्ट होता
देर से काम काज करता
पाचक शक्ति भी घटता
चर्म शीतल से सूख जाता
ठंडी हवा से अनारोग्य होता श्रीनिवास!
खांसी और छींक आती है
बुखार सिर दर्द भी आता है
रक्त प्रसरण कम हो जाता
तेज से स्वास्थ बिगड़ जाता
स्वास्थ की रक्षा करो श्रीनिवास
जब दिल पत्थर हो जाता है
मानसिक समस्या को
शारीरिक समस्या को
अनारोग्य समस्या को
खूब थकान समस्या को
ह्रदय में हलचल बढ़ता श्रीनिवास!
क्रोध,घमंड की बातें मना
अशांति,द्वेष की बातें मना
असहन,दबाव की बातें मना
संवेदन,तेजी की बातें मना
इसे ह्रदय मजभूत बनता श्रीनिवास!
नित्यम व्यायाम करने से
पौष्टिक भोजन खाने से
स्वच्छ जल को पीने से
दैनिक योगाभ्यास करने से
ह्रदय के प्रति दर्द न होता श्रीनिवास!
ह्रदय पत्थर की तरह होता
इससे दिमाग खराब होता
और रक्त प्रसारण घटता
ह्रदय दर्द से पीड़ित होता
ह्रदय के प्रति सावधान होना श्रीनिवास!
इंदिरागाँधी
प्रथम महिला प्रधानमंत्री
पंडित नेहरू जी की पुत्री
गांधीजी के प्रति परम मैत्री
असाधारण साहसयात्री
इंधिरा गांधी शक्तिशाली महिला श्रीनिवास!
देश की खूब सेवा करती
अंग्रेजियों को इंकार करती
धैर्य और साहस से लड़ती
कार्य दीक्षा से कर सकती
इंदिरागाँधी साहसनारी श्रीनिवास!
सबरमती आश्रम गयी थी
गरीब हटावो नारा की थी
बीस सूत्रों की अमल की थी
गरीब प्रजा की सेवा करती थी
भारत रत्न पुरस्कार पाती श्रीनिवास!
ह्रदय
सिगरेट पीना एक व्यसन
निरंतर बैठना आलसीपन
वैसे वजन बढ़ना असहन
अधिक तनाव से परेशान
इसे हमारे दिल दुखित होते
ह्रदय में कई समस्य होते हैं
इससे उलझन पैदा होते हैं
क्लेश की बात सुनते हैं
तो सावधान से रहना हैं
दिल नियंत्रण होना जरूरी
रक्त संचार ठीक होने से
हररोज व्यायाम करने से
संतुलित भोजन लेने से
सही समय पर नींद होने से
ह्रदय संबंधी रोग दूर होता श्रीनिवास!
राष्ट्र का वैभव
हमारा राष्ट्र वैभव महान
सभी केलिए वरदान
रंग,रूप,भाषा सर्वसाधारण
एकत्व और बंधुत्व की शान
राष्ट्र का भग्य अति श्रेष्ठ है श्रीनिवास!
सब केलिए मान मिला
राष्ट्र की शान होता भला
सबका वस्त्रधारण कला
संस्क्रुति,सभ्यता निराला
राष्ट्र के प्रति भक्ति होना है श्रीनिवास!
राष्ट्रीय गान जनगणमन है
राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम है
राष्ट्रीय पक्षी मयूर भी है
राष्ट्रीय पशु बाघ होता है
राष्ट्र का इतिहास बेमिसाल है श्रीनिवास!
ड्रग्स पदार्थ
ड्रग्स पदार्थ को दूर करो
स्वास्थ की रक्षा करो
पहले एकबार सोच करो
इस से हानि समझ करो
ड्रग्स का व्यसन एक बिमारी है श्रीनिवास!
भेद के बिना सेवन करता
अनारोग्य से पीड़ित होता
जिंदा में अपने लक्ष्य खो जाता
अशांति,अचंचल से रहता
ड्रग्स से मनोबल घटता है श्रीनिवास!
ड्रग्स को निषेध करना
और दिल को साफ करना
इसके प्रति सतर्क होना
इससे मृत्यु को दूर होना
ड्रग्स नहीं से जिंदा सुख होता श्रीनिवास!
संविधान
संविधान एक विधान
यह पवित्र ग्रंध महान
निम्न जाति के वरदान
नियमों का पालन अनुशासन
अम्बेडकर ने लिखा था ग्रंध श्रीनिवास!
अधिकार और कर्तव्य है
निभाना हमारा सिद्दांत है
कानून का पालन करना है
यह हमारी जिम्मेदारी है
संविधान के प्रति सतर्क होना श्रीनिवास!
छब्बीस नवम्बर को
संविधान दिवस रूप को
छब्बीस जनावरी को
गणतंत्र दिवस रूप को
मनाया गया संविधान पर्व श्रीनिवास!
इतिहास में संविधान श्रेष्ठ
नागरिकों के सर्व श्रेष्ठ
इसे अमल किया बहुत श्रेष्ठ
सब को मिला मान अति श्रेष्ठ
संविधान को जानना जरूरी है श्रीनिवास!
संविधान से कानून चला
इससे मिला उन्नति भला
सत्य,धर्म का पालन विला
देश के प्रति भक्तिभाव कला
संविधान की संरक्षण करना श्रीनिवास!
महेन्द्रसिंग धोनी
धोनी रांची में जन्म लिए थे
पूर्व भारत क्रिकेट खिलाड़ी थे
पूर्व भारत टीम कप्तान भी थे
वे कीपर और बल्लेबाजी थे
वे अच्छी क्रिकेट खिलाड़ी श्रीनिवास!
धोनी तेजी से खेलते थे
वे हर मैच जीतने के यत्न थे
वे प्रमुख कप्तान में एक थे
वे नये खिलाडी के प्रेरक थे
उनको कई रिकार्ड होते है श्रीनिवास!
वे नेतृत्व में वर्ल्ड कप जीते
टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप भी जीते
अनेक टॉर्नमेंट को जीते
उनको अनेक पुरस्कार पाते
वे सचमुच भला कप्तान श्रीनिवास!
अनुराग
माँ के प्रति प्रेम होना है
बाप के प्रति प्रेम होना है
भाई के प्रति प्रेम होना है
बहिन के प्रति प्रेम होना है
प्रेम से जीवन उत्साह होता श्रीनिवास!
माँ – बाप के बीच प्रेम होना है
पति – पत्नी के बीच प्रेम होना है
प्रभू -भक्त के बीच प्रेम होना है
गुरु – शिष्य के बीच प्रेम होना है
प्रेम से जीवन मधुर होता श्रीनिवास!
दीनों के प्रति प्रेम होना है
मजदूरों के प्रति प्रेम होना है
निम्न जाति के प्रति प्रेम होना है
अनाथों के प्रति प्रेम होना है
जीवन में प्रेम बढ़िया है श्रीनिवास!
नारी की प्रभावशीलता
सृष्टि का मूल रूपी – स्त्री है
जननी के रूप में
हरी के जन्मदात्री के रूप में
पृत्वी के रूप में
पैदाईश के बाद बच्चों के गुरु के रूप में
मित्र के रूप में
करुणामयी के रूप में
पति की सहचरी के रूप में
युद्द कला में साहसीनारी के रूप में
पुरुषों के समान के रूप में
जहाँ नारी की अर्चना होती है
वहाँ अजर का रूप प्रत्यक्ष होता है
अतः भारतीय शिष्टाचार में स्त्री अद्वितीय प्रभावशीली है
कैसा है मेरा गांव
मेरा गांव खूब सूरत है
रमनीय स्थल भी है
और जीवन शैली सहज है
सब का खान पान एक है
गांव में पर्यावरण अच्छा है श्रीनिवास!
गांव इतिहास बेमिसाल है
और संस्क्रुति सराहनीय है
सब की भाषा मधुर भी है
उनके व्यवसाय खेतीबाड़ी है
गांव में मनोरंजन होता है श्रीनिवास!
यहाँ कई पवित्र मंदिर है
और बाग बगीचा भी है
पुण्य क्षेत्र ज्यादा प्रसिद्ध है
प्रकृति की शोभा आकर्षित है
गांव का जीवन अच्छा होता है श्रीनिवास!
सेल्फोन
आज का युग सेल्फोन
छोटे बडों तक निमग्न
निरंतर होता प्रसारण
यह मनोरंजक साधन
मार्टिन कपूर ने निर्माण किया श्रीनिवास!
सेल्फोन के रूप अनेक
इसको खरीदता है हरेक
इसका फीचर्स भी अनेक
रंग बिरंगी सेल्फोन प्रत्येक
सेल्फोन आकर्षक साधन श्रीनिवास!
निरंतर कई विषय प्रसारण
अच्छा और बुरा साधारण
ज्ञान से संबंध भला गुण
अज्ञान से संबंध बुरा गुण
सेल्फोन से सावधान होना श्रीनिवास!
सेल्फोन में सिनेमा देखता
धारावाहिक भी देखता
गीत और संगीत देखता
समाचार,खेल भी देखता
यह मनोरंजन का साधन श्रीनिवास!
सेल्फोन को ज्यादा न देखना
समय के अनुसार देखना
अच्छी विषय को देखना
बुरी विषय को मत देखना
इससे लाभ और नष्ट होता श्रीनिवास!
अच्छा वेबसाइट को देखना
ज्ञान विषय को समझना
नकली वेबसाइट न देखना
इससे व्यवहार अच्छा होना
सेल्फोन के प्रति सचेत होना श्रीनिवास!
जन्मदिन
जन्मदिन को मनाता
संस्कार को पहचानता
बडों से आशीश लेता
निष्ठा प्राचीन काल से आता
जीवन में जन्मदिन भला है श्रीनिवास!
साल में एक बार आता
धुूमधाम से मनाता
मित्रों, रिश्तें केसाथ मनाता
अतिथियों से बधाई पाता
जीवन में जन्मदिन अनोखा है श्रीनिवास!
गरीब,अमीर का भेद न होता
जात,प्रांत का फरक न होता
छोटे,बड़े का अंतर न होता
मिलजुलकर मनाया जाता
जिंदा में जन्मदिन पवित्र है श्रीनिवास!
झाँसी लक्ष्मी बाई
उनके पिता मोरोपंत ताम्बे है
उनकी मटवभागीरथी बाई है
उनके मित्र नाना साहेब है
उनके पति गंगाधर राव है
यह झाँसी लक्ष्मी बाई है श्रीनिवास!
मणिकर्निका नाम से प्रसिद्द थी
ब्राह्मण वंश मे जन्म हुई थी
बाल्य में स्वतत्र से रहती थी
घुड्सवारी में निपुण होती थी
यह एक वीराम्गना है श्रीनिवास!
झाँसी राजा से विवाह होती
झाँसी नाम से प्रसिद्द होती
यह अकेली से युद्द करती
अंग्रेजियों को दूर भगाती
यह महारानी सबला है श्रीनिवास!
स्वतंत्र संग्राम में भाग लेती
अंग्रेजियों के विरोध करती
धैर्य,साहस से लड़ाई करती
असाधारण प्रतिभा दिखाती
देश के अपनी प्राण अर्पित है श्रीनिवास!
आहार विहार
स्वास्थ अनमोल रत्न है
इसके व्यायाम करना है
पौष्टिक भोजन अनिवार्य है
इसे स्वास्थ सुंतुलित होता है
सुख जिंदा का आधार स्वास्थ श्रीनिवास!
सही समय पर खाना है
और विश्रांत लेना है
हरदिन समय पर सोना है
सुबह कसरत करना है
इसे स्वास्थ मजबूत बनता श्रीनिवास!
हरदिन अंडा खावो
तंदुरुस्ती को बचावो
प्रोटीन,विटामिन लेलो
शक्ति और वाल पावो
स्वस्थ केलिए अनिवार्य श्रीनिवास!
हरी सब्जी को खावो
माम्स और मछली खावो
फल और दूध पीवो
जूश और छाछ पीवो
इसे स्वस्थ बढ़ता है श्रीनिवास!
स्वच्छ हवा के पेड़ लगाना
पर्यावरण कलूषित न करना
आसपास सफाई रखना
कूड़े कचरे डिब्बा में डालना
इसे बिमारी दूर होता है श्रीनिवास!
क्रोध से दूर रहना
घमंड को छोड़ देना
कठिन वचन मत बोलना
मानसिक समस्या को हटाना
इसे स्वस्थ बैलेंस होता श्रीनिवास!
काश ऐसा होता
काश ऐसा होता
प्रकृति सुंदर लगता
हर दिन हराभरा होता
इसे बिमारी दूर होता
जीवन भर सुखमय से रहता।
काश ऐसा होता
स्वच्छ जल पीता
पौस्टिक भोजन खाता
स्वच्छ प्राणवायु लेता
सुख संतोष से जीता।
काश ऐसा होता
सचाई से रहता
ईमानदारी से रहता
भक्ति भावना से रहता
अपना कर्तव्य जानता।
गुरुनानक
सिख मत के मूल थे
पूर्णिमा के दिन जन्म लिए थे
गुरुनानक जयंती पवित्र थे
प्रसिद्द गुरुवों में एक थे
प्रथम गुरुनानक होता है श्रीनिवास!
सुबह से उत्सव होता
चार बजे शुरु करता
यह काल अमृतवेला होता
प्रार्थना से यह पर्व मनाता
इसे गुरु पर्व कहता है श्रीनिवास!
सत्य मार्ग पर चलना
सब को प्यार से रहना
खूब परिश्रम करना
लालच को दूर भगाना
वे गुरुनानक सिद्धांत हैं श्रीनिवास!
महिलावों को गौरव देना
विनय से जीवन बिताना
न्याय से धन को कमाना
अहमकार को छोड़ देना
वे गुरुनानक के वचन हैं श्रीनिवास!
वे भक्ति में लीन होते थे
गुरुद्वार मे प्रार्थना किये थे
वे एकता के पक्षपात थे
लिंग भेद के विरोध थे
उनकी महिमा अपार है श्रीनिवास!
बिखरी बिखरी रंगत सी है
कुटुंब में प्रलय होने से
बिखरी सी रंगत होने से
नुक्सान होता है।
प्रकृति में प्रदूूषण होने से
बिखरी सी रंगत होने से
पर्यावरण कलूषित होता है।
सागर में तूफ़ान होने से
बिखरी सी रंगत होने से
मछलियां मृत्यु होती है ।
लगातार बारिश पड़ने से
बिखरी सी रंगत होने से
सड़क भी खराब होता है।
स्वास्थ बिगड़ होने से
बिखरी सी रंगत होने से
समस्या से दुख होता है।
कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक मास आता
हर दिन त्यौहार होता
कार्तिक पूर्णिमा पवित्र होता
शिवपार्वती की पूजा करता
यह संप्रदाय का प्रतीक है श्रीनिवास!
प्रातः काल जल्दी उठकर
नदी में पवित्र स्नान कर
नये नये वस्त्र धारण कर
घर के आंगन रंग डालकर
शिवपार्वती को आह्वान करता श्रीनिवास!
इस दिन सूर्योदय के पहले
तुलसी किला के आगे
घी से दीपों को जलाते
मंदिर जाकर पूजा करते
यह पवित्र मास होता है श्रीनिवास!
ब्राह्मण को दान देता
उनसे आशीर्वाद पाता
निष्ठा से उपवास होता
चाँद को दीप समर्पित होता
इसे सुख शांति मिलता है श्रीनिवास!
शिव ने त्रिपुरासुर को वध थे
इसे त्रिपुरा पूर्णिमा कहा थे
इस दिन दीप दान किया थे
विष्णु की पूजा भी किया थे
हिंदुवों का निर्मल दिवस है श्रीनिवास!
बाल दिवस
बच्चों का पर्व
खास का पर्व
उल्लास पर्व
अनोखा पर्व
राष्ट्रीय पर्व श्रीनिवास!
आज का दिन
शुभ का दिन
पवित्र दिन
यादों का दिन
नेता महान श्रीनिवास!
जन्मदिन है
चाचाजी का है
मना रहा है
वैभव से है
बाल पर्व है श्रीनिवास!
चौदह आता
नवम्बर का
फोटो बनाता
फूल सजाता
नेहरूजी का श्रीनिवास!
नाच करता
खेल खेलता
भाषण देता
इनाम पाता
आदर्श होता श्रीनिवास!
बालदिवस
पर्व आया पर्व आया
बच्चों का प्रिय पर्व आया
पर्व आया पर्व आया
बच्चों का दिल में मजा लाया
पर्व आया पर्व आया
नेहरू जी का जन्म दिन आया
पर्व आया पर्व आया
बाल दिवस का पर्व आया
पर्व आया पर्व आया
नेहरूजी तस्वीर को सजाया
पर्व आया पर आय
नेहरूजी को नमन किया
पर्व आया पर्व आया
सब मिलकर गीत गाया
पर्व आया पर्व आया
साल में एक बार आया
पर्व आया पर्व आया
धूम धाम से मनाया
पर्व आया पर्व आया
बच्चों ने चाचाजी कहलाया
पर्व आया पर्व आया
प्रतियोगिता में भाग लिया
पर्व आया पर्व आया
बहुमूल्य पुरस्कार पाया
पर्व आया पर्व आया
समारोह पूरा हो गया
पर्व आया पर्व आया
अपने कर्तव्य निभाया
पर्व आया पर्व आया
आदर्शनेता बन गया
पर्व आया पर्व आया
इतिहास में याद हो गया
विद्यार्थी फैशन
विद्यार्थी सीखना फार्मूला
अच्छी आदत सीखना भला
साफ कपड़ा धारण कला
सच्चाई से कार्य करना भला
विद्यार्थी विवेक से रहना है श्रीनिवास!
फैशन का अर्थ कला
हमारी संस्क्रुति निराला
सुंदर वस्त्रधारण कला
हमारा सभ्यता भला
सन्दर्भ से ही धारण करना श्रीनिवास!
चमकीले वस्त्र मत धारण
मलिन पोशाक नहीं पहन
फटी कमीज मत धारण
आधा पेंट को नही पहन
इसे संस्क्रुति खराब होता श्रीनिवास!
जीवन में बैलेंस
विधाता सृष्टि किया गया
क्लेश,सुखो से भर गया
सुख, संरुद्दी को प्यार किया
दुख,निराशा को द्वेष किया
दोनों के प्रति बैलेंस होना है श्रीनिवास!
सूखे पेड़, पत्तों बुरा लगता
हरे पेड़,पत्तों अच्छा लगता
रंग बिरंगी फूल सुंदर लगता
सूखे फूल बदबू लगता
प्रकृति बैलेंस के पेड़ लगाना श्रीनिवास!
जिंदा में धन कमाता है
इसे भाग्यवान बनता है
वैसे धन को न कमाता है
इसे दुर्भाग्यवान बनता है
दोनों के प्रति बैलेंस होना है श्रीनिवास!
कार्तिक मास का महत्व
अय्यप्प भक्तों के शुभ मास
भवानी भक्तों के पवित्र मास
शिव भक्तों के हित का मास
भक्त जनों के व्रत का मास
कार्तिक मास में पुण्य मिलता श्रीनिवास!
सूर्योदय के पहले होना
नदी में सिरो स्नान करना
दीपों की ज्योती जलाना
मंदिर में जाकर पूजा करना
इस महीना की विशेषता है श्रीनिवास!
मकान को साफ करता
ईश्वर को अलंकार करता
और फूलों से अर्चन करता
स्त्री और पुरुष व्रत करता
निष्ठा नियम से उपवास होता श्रीनिवास!
मित्रों के साथ भोजन करता
रिश्तेदार के साथ खाता
परिवार के साथ चलता
सब विहारयात्र जाता
इसे खुश,एकत्व मिलता श्रीनिवास!
सुबह से शाम रोजा करता
कई पकवान बनाता
शाम को अर्चन करता
इसे सुख समरुद्दी मिलता
कार्तिक मास की महिमा है श्रीनिवास!
कार्तिक सोमवार पूजा करता
प्रभू दर्शन से मन खुश होता
कईप्रकार फूल,फल चढ़ाता
मंदिरों को सुसज्जित करता
भगवान दर्शन से मुग्ध होता श्रीनिवास!
दीपों की उत्सव मनाता
संप्रदाय से व्रत करता
बंधुत्व को भोजन करता
मित्रों से वनभोजन करता
इस मास में प्रकृति सुंदर है श्रीनिवास!
गंवाना
बच्चों पढ़ाई खो जाते हैं
वे दूसरों के प्रेम खो जाते हैं
वे अच्छी आदत खो जाते हैं
वे शांति को भी खो जाते हैं
वे सब खोने से मूर्ख बनते हैं श्रीनिवास!
बच्चों अनुशासन खो जाते हैं
वे ईमानदारी खो जाते हैं
वे अपने कर्तव्य खो जाते हैं
वे सच्चाई भी खो जाते हैं
ये सब खोने से चरित्र बेकार है श्रीनिवास!
बच्चों स्वास्थ खो जाते हैं
वे स्वयं प्रवृती खो जाते हैं
वे अपने ख्याल खो जाते हैं
वे मंजल को खो जाते हैं
ये खोने से आगे बढ़ते नहीं हैं श्रीनिवास
मजा पाना
चिड़िया को पंख होते हैं
वे आसानी से उड़ रहे हैं
सभी पक्षिया ध्वनि करते हैं
वे स्वतंत्रता से घूम रहे हैं
पक्षी को बंधन न करना श्रीनुवास!
पक्षी घेरा से मुझे मजा आता
कांति तारे से मुझे मजा आता
इंद्रधनुष से मुझे मजा आता
काले बदलों से मुझे मजा आता
ये सब हम को आनंद देते है श्रीनिवास!
अंतरिक्ष में राकेट भेजते हैं
इस के द्वारा रहस्य जानते हैं
मानव कृत्रिम उपग्रह बनते हैं
ऋतु संबंध विषय जानते हैं
इससे मानव संतोष पाता है श्रीनिवास!
श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण बलराम दोनों भाई थे
वे खेतिबारी करते थे
बलराम हल से खेत जोतते थे
श्रीकृष्ण गायों को चराते थे
वे खेतिबाड़ी का महत्व दिये श्रीनिवास!
हिंदु धर्म के पूजनीया प्रभू थे
अर्जुन को गीताबोध किये थे
द्रौपती का लाज भी बचा थे
महाभारत में पांडव पक्ष थे
उनको गोपालकृष्ण कहते थे श्रीनिवास!
मधुरा में बालाकृष्ण रूप में
राजस्थान में श्रीनाथ रूप में
उडीपी में श्रीकृष्ण रूप में
महाराष्ट्र में विठोभा रूप में
वे कई रूप से प्रसिद्द हैं श्रीनिवास!
छठ महा पर्व
कार्तिक मास में आता
शुक्ल पक्ष दिन में होता
षष्ठी तिथि में मनाता
सूर्य की पूजा से शुरु होता
यह छठ पूजा पर्व है श्रीनिवास!
प्रकृति की पूजन करता
संप्रदाय से रोजा रखता
इस दिन पानी नहीं पीता
यह पर्व को लिंग भेद न होता
कुटुंब सुख संतोष से होता श्रीनिवा!
बिहार,झारखंड में मनाता
विविध देशों में भी मनाता
यह लोक पसंद पर्व होता
इसे बिहार की रीति झलकता
परंपरा के अनुसार मनाता श्रीनिवास!
सुबह जल में स्नान करता
खड़े होकर आग्रह करता है
सूर्य को लंबे समय देखता
शाम को प्रसाद चढ़ाता
यह पर्व परिवार की सुरक्षा श्रीनिवास!
सजावट
फूलों से सजावट करते हैं
पत्तों से सजावट करते हैं
फलों से सजावट करते हैं
सुपारी से सजावट करते हैं
ये सभी सजावट के चीजें है श्रीनिवास!
बगीचा को सजावट करो
मंदिर को सजावट करो
नये घर को सजाकट करो
वाहनों को सजावट करो
सजावट सुंदर का प्रतीक है श्रीनिवास!
मेहंदी से सजावट करता
कागज से सजावट करता
रंगों से सजावट करता
पैसों से सजावट करता
सजावट करना संस्कृति है श्रीनिवास!
कला
अभिनय करना कला भी है
चित्र खींचना एक कला है
नाच करना कला भी है
जादू करना एक कला है
जिंदगी मेंं कला वरदान है श्रीनिवास!
पाठ पदाना एक कला है
काफ़ी लिखाना एक कला है
कथा सुनाना एक कला है
नाटक प्रदर्शन एक कला है
ये सभी कला अनिवार्य हैं श्रीनिवास!
चीजों बनाना एक कला है
कपडे बुनाना एक कला है
जेवर बनाना एक कला है
बर्तन बनाना एक कला है
कला से प्रवीण बनता है श्रीनिवास!
दूरदर्शन
टीवी को दूरदर्शन कहते हैं
यह ग्रीक भाषा का शब्द है
यह बिजली से प्रसार होता है
इसमें कई चैनल भी होते हैं
टीवी एक पेटी जैसा होता श्रीनिवास!
यह कई नमूना में होते हैं
इससे खबरें सुन,देखते हैं
इसमें सिनेमा प्रसार होता है
छोटे बड़े भी पसंद करते हैं
टीवी की कीमत ज्यादा होता श्रीनिवास!
शिक्षा विषय प्रसार होता है
नौकरी विषय प्रसार होता है
इससे मनोविनोद मिलता है
धारावाहिक प्रसार भी होता है
तुम नियमित रूप से देखो श्रीनिवास!
विवाह
दो व्यक्तियों के बीच शादी होती हैं
रीति – रिवाज के साथ होती है
शादी में दोस्त परिचित होती है
शादी दो कुटुंभो से संबन्धित है
समाज में गौरव से जीना है श्रीनिवास!
वर वधू को देखता है
वधू वर को भी देखती है
दोनों कुटुंभ पसंद करते हैं
तो शादी का निर्णय लेता है
शादि जिंदगी मे प्रमुख है श्रीनिवास!
वेद मंत्रों से विवाह होता है
बड़ो की समक्ष में होता है
वे वर , वधू की बधाई देते हैं
शादि नया जीवन का प्रतीक है
जिंदगी में शादी अनिवार्य होता श्रीनिवास!
दिवाली पर्व मनाओ
दिवाली पर्व मनाओ
अपने कर्तव्य निभाओ
रीति रिवाज से मनाओ
बड़ों से आशीष पाओ।
दीवाली धार्मिक पर्व है श्रीनिवास!
पकवान,खीर बनाओं
एक साथ मिलजुलकर खाओ
दीपों को जलाओ
अन्धकार को मिटा़ओ
दीवाली आनंदायक पर्व है श्रीनिवास!
बम और पटाखे जलाओ
कीटाणु, मच्छर को भगाओ
लक्ष्मी देवी की पूजा करो
दिलभर सुख, समृद्धि पाओ
दिवाली प्रकाश पर्व है श्रीनिवास!
धनतेरस
कार्तिक मास में आता
त्रयोदशी तिथि में आता
दीवाली का प्रथम दिन आता
इसे धनतेरस कहता
घनतेरस बढ़िया पर्व है श्रीनिवास!
बारह द्वार पर दीप जलाना
चांदी और सोना को खरीदना
यह चंद्रमा का प्रतीक माना
परंपरा से यह पर्व मनाना
इसे आयुर्वेद दिन भी कहता श्रीनिवास!
सब धन्वन्तरी पूजा करते
स्वास्थ के प्रार्थना करते
गणेश,लक्ष्मी के भोग चढ़ाते
देवता के प्रति व्रत रखते
इस पर्व से उत्साह बढ़ता श्रीनिवा
लोकहित
दुखों से नहीं डरना है
फल में आशा न होना है
विपत्ति से दूर न होना है
क्रोध,गर्व गुणों को छोड़ना है
तुम लोकहित की सेवा करो श्रीनिवास!
ऊंच नीच का भेद न होना है
गांव ,नगर का भेद न होना है
छोटा,बड़ा का भेद न होना है
प्रेम,द्वेष का भेद न होना है
विश्व में हम सब एक है श्रीनिवास!
दिन,रात काम करो
समय को बेकार न करो
महान नेतावों को याद करो
आदर्श लोगों से प्रेम करो
तुम विवेक से कार्य करो श्रीनिवास!
रेलगाडी
रेल छुक छुक कर चलती है
यह कोयला से चलती है
इससे तेज धुवा निकलते हैं
रेल बिजली से भी चलती है
इसे धूम शकटम कहते हैं श्रीनिवास!
रेल में कई डिब्बें होती है
वे कई प्रकार के होती है
रेल को कई नाम होती है
वे कई रंगों में होती है
यह पटरी पर चलती है श्रीनिवास!
रेल,माल को ले जाती है
इसमें एसी,नानएसी होती है
रेल मेंं पंका भी होती है
इसमें शौचालय होती है
जनता के बहुत सुविधा है श्रीनिवास!
अमीर,गरीब का भेद नहीं हैं
इसमें कई सीटें भी होती है
नए मित्रों परिचय होते हैं
स्टेशन आने पर रूकती है
रेल में सावधानी से चढ़ना है श्रीनिवास!
खाने- पीने की सुविधा होते हैं
रेल में कभी कभी भीड़ होती है
सिग्नल से काम करता है
लोक बैठते और सोते जाते हैं
रेल की यात्रा मुश्किल नहीं है श्रीनिवास!
दूध
दूध मानव को श्रेष्ट आहार है
इसे शरीर विकास होता है
दूध में प्रोटीन भी मिलता हैं
दुध से हड्डियां पुख्ता बनता है
दूध मानव का वरदान है श्रीनिवास!
दूध कई प्रकार होते हैं
दूध से अधिक शक्ति होता है
दूध मेंं विटामिन भी होता है
दूध से कई पदार्थ बनते हैं
दूध सहज सिद्द आहार है श्रीनिवास!
गाय का दूध पूजा करती है
गाय का दूध श्रेष्ट होती है
स्वास संबंधी रोगों दूर होता है
तन के अंगों का विकास होता है
हर दिन दूध पीना चाहिए श्रीनिवास!
धूमपान
तुम धूमपान को दूर करो
दिल,फेफडा रोगों को दूर करो
धुवा में निकोटिन को दूर करो
सिगरेट,बीड़ी को भी दूर करो
धुवा से दूर रहना चाहिए श्रीनिवास!
धुवा से पर्यावरण बिगड़ता है
धुवा से जीवन भी नष्ट होता है
धुवा से बच्चा प्रभावित होता है
धुवा से परिवार भी नुष्ट होता है
धुवा से प्राण को रक्षा करो श्रीनिवास!
यह मानसिक व्यसन है
इसे शारीर दुर्बल पडता है
इसे पीने से कई रोग होते हैं
मृत्यु भी संभव हो सकता है
धुवा के प्रति सावधान होना है श्रीनिवास!
गोवा
गोवा की राजधानी पनाजी था
यह मांडोवि नदी तट पर था
यह अत्यंत सुंदर प्रदेश था
पर्याटकों का शीतल प्रांत था
यह पर्याटकों के प्रसिद्द श्रीनिवास!
फरिवरी में कार्नवाल मेला था
गली गली में रंगों से भरा था
मिरमीर समीप में बीच था
विश्व विख्यात गिरिजाघर था
गोवा बीचों के प्रसिद्द है श्रीनिवास!
गोवा में तीन प्रसिद्द बीच हैं
दो नदियाँ सागर मे मिलती हैं
प्रसिद्द माल और महल भी हैं
साल भर पर्याटकों से भरते हैं
गोवा केसिनों के प्रसिद्द है श्रीनिवास!
बुखार
ज्वर से सिरदर्द बढ़ता है
ज्वर से बदन दर्द बढ़ता है
ज्वर से मनोबल घटता है
ज्वर से जीभ रुचि न होता है
बुखार एक बिमारी है श्रीनिवास!
ज्वर से शरीर गरम होता है
ज्वर से तापमान बढ़ता है
कुछ ज्वर दवा से कम होता है
कुछ ज्वर सुई से कम होता है
बुखार से सावधान होना है श्रीनिवास!
गरीब, अमीर को आता है
बुखार से मन नीरस होता है
ज्वर से तन शक्ति कम होता है
बुखार से परेशान होता है
कुछ संदर्भ में मृत्यु होता श्रीनिवास!
दहेज़ प्रथा
दहेज़ प्रथा से कुटुंब नाश है
घर घर में एक उलझन है
और खूब तनाव बढ़ता है
इसे दूसरों से उधार लेता है
दहेज़ प्रथा एक दुर्भाग्य श्रीनिवास!
लड़की का उम्र बढ़ता
माँ -बाप का तनाव बढ़ता
इससे बिमारी आता
और मनोबल घटता
माँ -बाप का एक कसौटी है श्रीनिवास!
कुछ कुटुंब विभिन्न होता
ब्याह के दहेज़ प्रथा लेता
विवाह के बाद भी लेता
इसे- स्त्रियों की स्थिति क्षीण होता
दहेज़ प्रथा एक स्वार्थ है श्रीनिवास!
उच्च वर्गों के वरदान
पिछड़े वर्गों के बलिदान
स्त्रियों केलिए निरभिमान
कुटुंब केलिए अपमान
दहेजप्रथा से सचेत होना श्रीनिवास!
तितर बितर होता जीवन
आगे बढ़ता नही गमन
कुटुंब की स्थिति होता मरण
कोई नहीं करता अभिमान
दहेजप्रथा एक अभिशाप श्रीनिवास!
सीखो
वैज्ञानिक से विज्ञान सीखो
इतिहास से ज्ञान सीखो
विद्वान से साहित्य सीखो
खिलाड़ी से खेलना सीखो
जीवन में सीखना एक आदत है श्रीनिवास!
पुष्पों से हँसना सीखो
भँवरे से गाना सीखो
तितली से उड़ना सीखो
कोयल से मधुर स्वर सीखो
जीवन मे कुछ न कुछ सीखो श्रीनिवास!
जननी से मीठी बातें सीखो
पिता से जिम्मदारी सीखो
बुज़ुर्गों से नैतिक मूल्य सीखो
मुनि, ऋषी से उपाय सीखो
जीवन में सीखना वरदान है श्रीनिवास!
पाठशाला
पाठशाला बच्चों का घर है
बच्चों के साथ गुरु भी होते हैं
वे ज्ञान,शिक्षा,दीक्ष भी देते हैं
बच्चों को सही मार्ग दिखाते हैं
पाठशाला एक देवालय है श्रीनिवास!
पाठशाला एक बगीचा है
यहाँ अनेक पौधे होते हैं
अमीर,निर्धन बच्चे पढ़ते हैं
यहाँ भेद भाव नहीं होता है
पाठशाला सबको समान है श्रीनिवास!
देवालय में ईश्वर रहते हैं
प्रभू भक्तों को पुण्य देते हैं
पाठशाला मे गुरुजन होते हैं
गुरु बच्चों को ज्ञान देते हैं
गुरु भगवान के समान है श्रीनिवास!
दिवाली
यह हिंदुवों का प्रमुख पर्व है
आशिवन अमावास्य को मनाते है
यह बच्चों का प्रिय त्यौहार है
बड़ा आनंददायक पर भी है
बच्चों को बहुत खुश होता श्रीनिवास!
इस दिन लोग जल्दी उठते है
वे अभ्यांग स्नान करते है
नये नये कपडे पहनते है
कई तरह पकवान बनाते है
इस दिन घरों मे खुशियां होते श्रीनिवास!
दिवाली संबंध कई कथाएं थे
इसदिन राम अयोध्य लौटे थे
श्रीकृष्ण राक्षस को वध किये थे
इस कारण पटाखे जलाते थे
यह पर्व देश भर मनाते श्रीनिवास!
करवा चौथा व्रत का महत्व
हिन्दुवों के मुख्य त्यौहार है
पूर्णिमा के बाद आता पर्व है
सुबह से उपवास रखता है
करवा चौथा भक्ति पर्व है
यह स्त्रियों का पवित्र पर्व श्रीनिवास!
उत्तर भारत में मनाता है
दक्षिण भारत में भी मनाता है
स्नेह भाव के रूप मनाता है
पति पत्नी प्रेम रूपी मनाता है
विवाहित स्त्रियों के खास पर्व श्रीनिवास!
मिट्टी घड़ों को शोभा करती है
अपने घर में व्रत रखती है
स्त्रियों वृत्ताकर में बैठती है
शायमकाल पूजा करती है
इससे स्त्रियों को पुण्य मिलता श्रीनिवास!
महिलाये मेहंदी लगती है
नये आभूूषण पहनती है
लाल,पीले रंग सुभकारी है
दूसरों को घड़े देना रीति है
इस दिन सूर्य को पानी अर्पित है श्रीनिवास!
किफायत
शक्ति की बचत करें
समय आने पर उपयोग करें
तेजी से बोलना बंद करें
अपने गले की रक्षा करें
बिना बचत के विकास ही नहीं श्रीनिवास।
बिजली की बचत करनी है
अपनी संपत्ति की भी करनी है
अपने खर्चों को कम करना है
पेयजल की बचत करनी है
जिंदगी में बचत अनिवार्य है श्रीनिवास।
मोबाइल देखना कम करो
अपने मनोबल की रक्षा करो
पर्यावरण की रक्षा करो
अपने स्वास्थ्य की रक्षा करो
तभी हम सुरक्षित रहते हैं श्रीनिवास।
अनुमान
तुम धैर्य,बल से काम करो
दिल मे अविश्वास दूर करो
गौरव,आत्माभिमान से करो
अनुमान से कार्य मत करो
इससे मनोबल घटता श्रीनिवास!
अनुमान से कई समस्याएं हैं
जीवन में आगे नहीं बढ़ते हैं
लक्ष्य को नहीं पहुंच सकते हैं
कार्य स्थिर से न कर सकते हैं
अनुमान दूर करना चाहिए श्रीनिवास!
कोई कार्य सफल न होता है
जिंदगी में विकास रोकता है
अनुमान से मान न मिलता है
मनासिक स्थिति बुरी होती है
अनुमान एक बिमारी है श्रीनिवास!
स्वयं
तुम स्वयं अच्छा कार्य करो
कभी भी बुरा कार्य मत करो
अनुनित्य श्रम,अभ्यास करो
सभी परिणाम स्वीकार करो
स्वयंकृषि से जीवन बिताओ श्रीनिवास!
उत्तीर्णता केलिए श्रम करो
अंकों केलिए नकल मत करो
कभी कभी विहार यात्रा करो
ज्ञान,विज्ञान को प्राप्त करो
दूसरों पर निर्भर न होना श्रीनिवास!
स्वयं पर भरोसा रखना
ईमानदारी से काम करना
अपने बातों पर ध्यान देना
दूसरों केलिए आदर्श बनना
ये सब स्वयं प्राप्त करना श्रीनिवास!
सूर्य की तपन
गर्मी में अधिक धूप लगता है
हर प्राणी धूप से थक जाता है
गर्मी में चलें तो थकान होती है
पेड़ के नीचे आराम लेना है
पेड़ पौधों से धूप घटता है श्रीनिवास!
धूप से तन का खाज मिटावो
गर्मी से अपना शरीर बचावो
अधिक से अधिक पानी पीवो
शरीर का मलिन को मिटावो
तन का ताप समतुल्य बनता श्रीनिवास!
ज्यादा धूप से पेड़ सूख जाते हैं
मानव को आघात लगता है
सूर्यरश्मी से लाभ,नष्ट होते हैं
हम कड़ी धूप से बचना है
हरियाली से धूप कम होता श्रीनिवास!
पेड़ पौधे से लाभ
पेड़ के अनेक नाम होते हैं
इनसे कई फायदे होते हैं
वे बड़े और छोटे भी होते हैं
इनसे आक्सीजन मिलता है
पेड़ पौधों की रक्षा करो श्रीनिवास!
कुछ पेड़ सुगंध से भरे होते
वे नित्य हरा भरा रहते
वे पथिक को छाया देते
लोग पेड़ों को पूजा करते
पेड़ पौधों को रोपणा चाहिए श्रीनिवास!
फूलों से माला बनाते हैं
पत्तों से कई उपयोग होते है
लकड़ी से कई चीजें बनती है
जड़ों से कई दवाये बनते हैं
पेड़ परोपकारी है श्रीनिवास!
मानवता
मानव सामजिक प्राणी है
जीवन मे परिश्रम करता है
दूसरों की भलाई करता है
समाज में गौरव से रहता है
मानव सेवा ही माधव सेवा श्रीनिवास!
कष्टों से सामना करता है
समस्यावों से लड़ता है
धैर्य से जीवन बिताता है
कमाने केलिए श्रम करता है
मानव आत्मा निर्भर से जीना श्रीनिवास!
मानव स्नेह भाव से रहना
दूसरों के प्रति दया होना
ऊंच नीच भेद भाव मिटाना
निस्वार्थ भावना से रहना
मानव जीवन पवित्र है श्रीनिवास!
कसूर
जीवन में गलती साधारण है
वे बड़े,छोटे भी हो सकते हैं
इसे बुध्दि से सुलझ करना है
इससे उलझन पैदा होता है
अपनी गलती,सुधार करो श्रीनिवास!
जिंदगी में रूकावट होता है
लक्ष्य प्राप्त न हो सकता है
तुम आगे नहीं बढ़ सकते हैं
इससे बुरा प्रभाव पडता है
कसूर से सावधान रहो श्रीनिवास!
परीक्षा में कसूर से लिखते हैं
कभी कभी अंक कम मिलते हैं
जानी अनजानी से हो सकता है
अपनी गलती को समझना है
जिंदगी में कसूर मत करो श्रीनिवास!
जीवन सरल नहीं
जीवन गहरा निलयम है
जैसे सुख, दुख से पीड़ित है
वैसे रोग,निरोग से भरा है
आशा, निराशा भी होता है
ये सभी को धैर्य से लड़ना है श्रीनिवास!
भय से कांप हो जाता
विरह से आक्रोश होता
क्रोध से अनारोग्य होता
तनाव से दुखित होता
ये सभी से सावधान होना श्रीनिवास!
कुटुंब में अशान्ति होता है
उलझन से सामना करता है
विरह,मिलन से रहता है
मनोबल भी क्षीण होता है
इसे जीना मुश्किल होता श्रीनिवास!
बचपन में क्लेशों से
टीनेज में अचंचल से
बूढ़ापा में मंदमति से
मृत्यु तक हम जीवन से
नित्यं सामना करेंगे
धन दौलत कमी होने से
जनसंख्या बढ़ने से
चीजों का मूल्य अधिक से
कई बीमाऱी फैलने से
ये सभी जिंदा में उलझन है श्रीनिवास!
अलग रहना पसंद करता
मिलजुलकर नहीं रहता
अहम्कार भाव से रहता
मूर्खात्व से वाद विवाद करता
इससे जीवन सरल नहीं श्रीनिवास!
मंजिल
दुढ संकल्प से मेहनत करो
अपना लक्ष्य को प्राप्त करो
शास्त्रों को अध्ययन करो
जीवन मे मंजिल प्राप्त करो
ज्ञानी,प्रतिभावान बनावो श्रीनिवास!
कभी कभी विहारयात्रा करो
रमणीय दृश्यों का आनंद पावो
रिश्तेदार,मित्र को मिलावो
अपना सारा दुख को मिटावो
जिंदगी में आनंद प्राप्त करो श्रीनिवास!
नौकरी मानव का जिम्मेदारी है
इस केलिए अनुभव जरूरी है
पार्वतो को चढ़ना मुश्किल है
तुम्हें विजय पाना अनिवार्य है
जिंदगी मे लक्ष्य को निभावो श्रीनिवास!
दुर्गदेवी का महत्व
दुर्गा देवी के नौ रूप होती है
शैलपुत्री पहला रूप है
यह हिमवंत की बेटी है
ब्रह्माचारिणी दूसरा रूप है
गायत्री,सावित्री,सरस्वती के
रूपों में दर्शिन देती है
चंद्र घंटा तीसरी रूप है
इस देवी के सर पर चंद्र घंटा होती है
भक्त पीले वस्त्र चढ़ाते है
कुश्मांडा चौथा रूप है
अष्टभुजाये के रूप माँ दर्शन होती है
यह दुर्गा माँ सब की कल्याणकारिणी है
सकंदमाता पंचावा रूप है
इस देवी को पूजा से शांति,समरुद्दी मिलता है
कात्यानी छठवा रूप है
यह देवी महिषासुर को वध
किया था
कालरात्रि की मां सातवा रूप है
यह देवी त्रिनेत्री रूपों से दर्शन देती है
महागौरी आठवा रूप है
यह देवी को पूजा से भक्तों को
क्लेश दूर हो जाती है
सिद्दीदात्री नौवा रूप है
यह अंतिम देवी का रूप भी है
सभी भक्तों का सपना साकार
देनेवाली देवी माँ है।
शक्ति की पूजा
माँ दुर्गा की अर्चना करो
अपार शक्ति और पुण्य पावो
माँ लक्ष्मी की पूजा करो
धन संपत्ति की रक्षा करो
माँ सरस्वती की स्तुति करो
विद्या में कीर्ति प्रतिष्ठ पावो
माँ वरलक्ष्मी को पूजन करो
अपनी इच्छा को सार्थक बनो
माँ की सेवा करो
जीवन में सुख समरुद्दी से रहो
माँ सिद्दीदात्री को वंदना करो
इस देवी से आशीर्वाद पावो
रतन टाटा जी
मुंबई के निवासी
सब के प्रियवासी
निरंतर कार्यशीली
हमारे लिए आदर्शवासी
बढ़िया महान रतन टाटा!
नावल टाटा के बेटा
टाटा ग्रुप के अधिनेता
नानो कार के निर्माता
पद्माभूषण पुरस्कार ग्रहीता
ओउद्योगिक क्षेत्र के विधाता
कई वाणिज्य केंद्र स्थापित थे
गरीब,अमीर के सेवा किये थे
वैद्या,विद्या में मदद किये थे
निस्वार्थ भावना से रहते थे
रतन टाटा एक ध्रुवतारा है!
श्रमिक
मई एक श्रमिक दिवस है
श्रम करनेवाले ही श्रमिक है
श्रम करने का फल मीठा है
श्रम से जीवन सफल होता है
श्रम एव विजयते श्रीनिवास!
श्रम करके पैसे कमावो
श्रम करके जीवन बितावो
श्रम से आलसीपन मिटावो
श्रम के प्रति कर्त्तव्य निभावो
जिंदगी मे मेहनत करो श्रीनिवास!
उन्नती के लिए श्रम करना
उत्तीर्णता के लिए श्रम करना
खेल में जीत के लिए भी करना
कामयाब के लिए श्रम करना
श्रम का मूल्य जानना श्रीनिवास!
नागपंचमी
नागपंचमी पवित्र पर्व हैं
इस दिन में व्रत रखते हैं
और फूलों से सजाते हैं
नागदेवता की सेवा करती हैं
यह हिन्दुओं का त्यौहार है श्रीनिवास!
रीति से नागों की पूजा करती हैं
इस दिन भक्तितों का विश्वास हैं
इससे पुण्य , मोक्ष मिलते हैं
इसे शिष्ठ से अर्चना करते हैं
नागदेवता की पूजा अनिवार्य श्रीनिवास!
सर्प जंगल में रहते हैं
वे इधर से उधर जाते हैं
यह जहरीली प्राणी हैं
और काटने का स्वभाव हैं
इसे श्रद्धा से अर्चन करना है श्रीनिवास!
चाय का महत्व
माँ का चाय अत्यंत रुचि होता
पत्नी का चाय प्रेम भरा होता
रिश्तेदार का चाय मधुर होता
दूसरो का चाय बहुरुचि होता
चाय कई रुचियों मे होता श्रीनिवास!
चाय से सिरदर्द कम होता है
चाय कई प्रकार में मिलता हैं
चाय कई रूपों में मिलता है
चाय से थकान दूर होता है
चाय पीते से उत्साह बढ़ता श्रीनिवास!
चाय पीने से नींद कम आती है
खाली पेट से चाय पीना नहीं है
ज्यादा चाय पीने से रोग होती है
कम चाय को पीना अच्छा है
दुनिया भर चाय पसंद है श्रीनिवास!
कालिरात्रि की माता
दुर्गा देवी नौ रूपों से सजाता है
प्रत्येक रूप शोभायमान है
इस रूप से भक्त मुग्ध होता है
भक्तजन माँ को शरण लेता है
भक्तों का विश्वास माँ करुणामयी श्रीनिवास!
देवी का शरीर काला होती है
बिखरे बाल गले तक होती है
त्रिनेत्र रूपों से दर्शन होती है
और चार भुजाएं होती है
यह देवी के रूप भयानक है श्रीनिवास!
माँ देवी का सातवा रूप है
माँ देवी का वाहन गर्धव है
माँ दर्शन से मुक्ति मिलती है
माँ भक्तो की मोक्षदायनी है
कालिरात्रि की माता महिमा है श्रीनिवास!
गांव का विकास
हम मिलजुलकर चलेंगे
एकता की बल बदाएंगे
जाति,प्रांत का भेद मिटाएंगे
गांव को फिर निर्माण करेंगे
यह हमारा प्रतिज्ञा हैं श्रीनिवास!
पेड़ पौधों को लगाएंगे
पर्यावरण को बचाएंगे
प्रकृति शोभा को बढ़ायेंगे
प्रदूूषण को दूर करेंगे
यह हमारा कर्तव्य है श्रीनिवास!
गांव को साफ सुथरा करेंगे
बिमारियों को मिटाएंगे
ग्राम विकास में भागलेंगे
प्रजा में सचेत लाएंगे
गांव उन्नति देश उन्नति है श्रीनिवास!
बुनियादी शिक्षा
बालक का मन निर्मल है
अच्छी आदतों को सिखाना है
सेवा की भाव जगाना है
अच्छा,बुरा के भेद समझाना है
बच्चे भविष्य के नीव हैं श्रीनिवास!
विध्या से सर्वांगीण वृद्धि होता है
इससे बुध्दि विकास होता है
और कौशल भी बढ़ता है
क्योंकि वे कल के नागरिक है
विद्या के द्वारा यश बढ़ता है श्रीनिवास!
देश के प्रति भक्ति बदाएंगे
सभी विकास के यत्न करेंगे
समाज में मिलजुलकर रहेंगे
प्रगति के कार्य में भाग लेंगे
हम देश के प्राण देंगे श्रीनिवास!
नारी का सम्मान सभ्यता की पहचान
जगत का मूल रूप नारी
जन्म देनेवाली ही नारी
कुटुंब गौरव बचाती नारी
संस्क्रुति बढ़ाती नारी
नारी को गौरव से देखना श्रीनिवास!
लक्ष्मीबाई धैर्य से लड़ाई थी
कल्पना अंतरिक्ष शैर की थी
बचेंन्द्री एवरेस्ट चढ़ाई थी
टेसीथामस वैज्ञानिक बनी थी
नारी में धैर्य,साहस होती श्रीनिवास!
नारी एक शक्तिवान होती है
नारी एक धैर्यबवान होती है
नारी एक वीरांगना होती है
नारी एक करुणामई होती है
नारी को अर्चना करना श्रीनिवास!
माँ दुर्गा देवी का रूप कुश्मांडा
माँ दुर्गा का रूप कुश्मांडा है
सूर्य कांति रूप देह होती है
माँ देवी की शक्ति अद्वितीय है
इस देवी का वाहन् सिंह् है
यह रूप देवी का चौथा है श्रीनिवास!
माँ देवी को अष्ट भुजाए होती है
शंख,धनुष,त्रिशूल हाथ में है
और जपमाला भी होती है
अष्टभुजा देवी से दर्शन होती है
भक्त वैभव से पूजा करता है श्रीनिवास!
इस देवी को आराधना करो
सभी रोगों से दूर करो
और पीड़ावों को दूर करो
आरोग्य ही वृद्धि पावो
यह देवी की महिमा है श्रीनिवास!
चंद्र घंटा
माँ का एक रूप चंद्र घंटा है
इसलिए यह रूप मनोहर है
दुर्गा माँ की तीसरी रूप है
यह दुर्गा की वाहन सिंह है
भक्त देवी दर्शन से मुग्ध होता श्रीनिवास!
माँ शरीर सोने जैसा होती है
माँ दस हाथ से दर्शन होती है
माँ सिर पर चंद्र घंटा होती है
माँ को पीले पुष्प अर्पित है
यह माँ देवी का स्वरुप है श्रीनिवास!
माँ देवी की पूजा करो
मन में शांति,भाग्य पावो
धैर्य और मुक्ति,पुण्य पावो
निर्मल भक्ति से आराधना करो
इससे मन निश्चल होता श्रीनिवास!
ब्रह्मचारिणी के रूप
गायत्री देवी के रूप में
सावित्री के रूप में
सरस्वती के रूप में
ब्रह्मचारिणी के रूप में
माँ कई रूप में दर्शन होती है श्रीनिवास!
एक हाथ में तुलसीमाला है
दूसरे हाथ में कमंडल है
यह तप करने के प्रतीक है
इस रूप में दर्शन होता है
यह शोभायमान अलंकार है श्रीनिवास!
इस दिन गायत्री मंत्र पढ़ता
इससे मन तेज बनता
माँ देवी से मोक्ष मिलता
सकल पीड़ावों दूर होता
यह मंत्र का बढ़िया महिमा है श्रीनिवास!
शिक्षक
शिक्षा सिखाने वाला ही गुरु
अंधेरा मिटानेवाला ही गुरु
दीपक जलानेवाला ही गुरु
सही मार्ग दिखानेवाला ही गुरु
आदत सिखानेवाला ही गुरु
भला बतानेवाला ही गुरु
सु पौर बनानेवाला ही गुरु
क्रोध दूर करनेवाला ही गुरु
देश भक्ति बढ़ानेवाला ही गुरु
नीति कहनेवाला ही गुरु
विश्वाश भरनेवाला ही गुरु
प्रेरणा देनेवाला ही गुरु
सृष्टि कर्ता भगवान थे
बच्चों के मूल गुरु थे
गुरु से जीवन सार्थक थे
वैसे गुरु प्रभू के समान थे
दिलों के दर्द
तीव्र तनाव से चुस्ती न होता
इससे दिल में निराशा होता
अतिभय से धैर्य कम होता
इसे दिल में दर्द पैदा होता
दिल में आत्माविश्वास होना है श्रीनिवास!
क्रोध से बदन कांपते हैं
दिल में भयांदोलन होते हैं
अशांति से मन अस्थिर होती हैं
इससे दिल में दर्द बढ़ते हैं
ह्रदय को नियंत्रण होना है श्रीनिवास!
बिगरी बातों को सुनती है
इससे दिल खराब होता है
प्यार विफल हो जाता है
इसे दिल में हलचल होता है
ह्रदय के प्रति सतर्क होना श्रीनिवास!
दुर्गा देवी का पहला रूप
दुर्गा माँ नौ अलंकार का रूप है
एक एक अलंकार निराला है
प्रथम माँ का रूप शैलपुत्री है
शैलपुत्री हिमवंत की बेटी है
दुर्गा माँ सभी को अधिष्ठात्री है
उसकी एक हाथ मेंं त्रिशूल है
दूसरे हाथ में कमल फूल है
बैल वाहन पर चढ़ी रही है
भक्त लोग श्वेत वस्त्र चढ़ाते हैं
और श्वेत फूल से सजाते हैं
भक्ति,श्रद्दा से पूजा करते हैं
सुख,शांति से खुश पाते हैं
लाल बहादुर शास्त्री
कांग्रेस पार्टी सीनियर नेता थे
गांधी के परम अनुयायी थे
नेहरूजी को वफादार थे
स्वतंत्र आंदोलन में प्रमुख थे
भारत के द्वितीय प्रधानी थे श्रीनिवास!
नमक सत्याग्रह में शामिल थे
कई उद्यामों में भाग लिए थे
इसे जेल जेवन बिताते थे
और पुस्तक पठन किये थे
जाति संघर्ष निर्मूलन किये थे श्रीनिवास!
हमारे लिए आदर्शा नेता थे
सज्जन,ईमानदारी नेता थे
वे प्रवास के आश्रय लिए थे
हरित कांति की शुरु किये थे
उनके समाधी विजय घाट थे श्रीनिवास!
महात्मा गांधी
गांधी गुजरात में जन्म लिए थे
लंदन में वकालत किये थे
जाति ,धर्म खंड को विरोधी थे
अहिंसा मार्ग में स्वराज्य लाये थे
वे जाति पिता नाम से प्रसिद्द थे
स्वतंत्र लाने के प्रमुख नेता थे
उनका आयुध सत्याग्रह थे
संग में भेदभाव दूर किये थे
उनके सिद्दांत सत्य,अहिंसा थे
उनको महात्मा कहते थे
विदेशी वस्त्रों को बहिष्कार थे
खादी वस्त्रों को धारण किये थे
कई आंधोलन में भाग लिए थे
जेल जीवन भी बिताते थे
सच्चाई के प्रति रूप गांधी थे
ह्रदय
सिगरेट पीना एक व्यसन
निरंतर बैठना आलसीपन
वैसे वजन बढ़ना असहन
अधिक तनाव से परेशान
इसे हमारे दिल दुखित होते
ह्रदय में कई समस्य होते हैं
इससे उलझन पैदा होते हैं
क्लेश की बात सुनते हैं
तो सावधान से रहना हैं
दिल नियंत्रण होना जरूरी
रक्त संचार ठीक होने से
हररोज व्यायाम करने से
संतुलित भोजन लेने से
सही समय पर नींद होने से
ह्रदय संबंधी रोग दूर होता!
पर्यटक प्रांत का महत्व
सृष्टि का मूल आधार प्रकृति
अति रमानीय प्रांत प्रकृति
हमारे लिए वरदान प्रकृति
सबको आकर्षित होता प्रकृति
कुदरत अमूल्य निधि है!
विश्व में कई पर्यटक प्रांत है
यह प्रांत देखे तो खुशी होता है
जैसे सांस्कृतिक के प्रसिद्द है
वैसे शोभा से अनुभूती होता है
प्रकृति से मनोरंजन होता है!
संपदा मिलता प्रकृति से
स्थल पुराण बोध है प्रकृति से
आर्थिक स्थिति बढ़ता प्रकृति से
नयी चीजों बोध होता प्रकृति से
यात्रिकों के प्रसिद्द स्थान है!
काश कोई होता जो बिन कहे सब समझ लेता
गुरु सबक न पढ़ाते तो
कोई भी मुद्दा समझते नहीं
पूजारी मंत्र,जप न करते तो
किसी भी मोक्ष प्राप्त नहीं
माँ अच्छी आदत न सिखाती तो
हमारे जीवन में बदलाव नहीं
पिता अच्छी विषय न बताते तो
हमारे चरित्र में उन्नति नहीं
जिंदगी में क्लेश,सुख
और पुण्य,दया,निर्दया
भ्रष्टाचार और सच्चाई को
ये सभी विषय ईश्वर को नहीं
कहने पर भी समझ सकते है।
मेरी जिंदगी का संगीत
मुझ को संगीत पसंद है
इससे मन खुश होता है।
दुखों से भरा जीवन है
संगीत से दुःख दूर होता है।
सुबह संगीत सुनना अच्छा है
इस से उल्लास बढ़ता है
जैसे संगीत मधुर होता है
इसे मानसिक दुख मिटाता है
संगीत को सीखना एक कला है
यह अभ्यास से साध्य होता है।
संगीत शिशु पसंद करता है
इससे मनोविनोद मिलता है।
संगीत से बीमारी दूर होता है
इससे दिल उत्साह बढ़ता है।
हरदिन संगीत को सुनता है
इसे मेरा मन जोश बनता है।
जीवन चक्र
जीवन गहरा निलयम है
जैसे सुख, दुख से भरा है
वैसे रोग,निरोग से भरा है
आशा, निराशा भी होता है
ये सभी को धैर्य से लड़ना है
भय से कांप हो जाता
विरह से आक्रोश होता
क्रोध से अनारोग्य होता
तनाव से दुखित होता
ये सभी से सावधान होना
स्नेह से मिला संतोषम
मान से मिला भाग्यम
दया से मिला बंधम
पुण्य से मिला मोक्षम
जिंदगी में ये सभी जरूरी है
रिश्तों में गहरी उलझन
हमारा देश बड़ा विशाल है
प्रकृति सुन्दर और मलिन है
परिवार छोटा और बड़ा है
रिश्तेदार मित्र और शत्रु है
रिश्तेदार से सावधान होना श्रीनिवास!
दौलत से लड़ाई करता है
गुस्सा से बात नहीं करता है
समस्या को देर से समझता है
स्वजन की समस्या साधारण है
रिश्तेदार का स्वभाव विभिन्न है श्रीनिवास!
क्लेश में सुझाव न देता
सहायता नही करता
प्रेमभाव नही दिखता
रक्त संबंध नही बढ़ाता
कुछ रिश्तेदार वैसा होता श्रीनिवास!
मैं कही भी रहूँ
जन्म और मृत्यु तक
अंदर और बाहर तक
श्रम और अभ्यास तक
गौरव और प्रतिष्ठ तक
मै कही भी रहूँ एक जैसा होता
झोंपड़ी में निवास होने से
भवन में निवास होने से
महल में निवास होने से
बंगला में निवास होने से
मै कही भी रहूँ एक जैसा होता
गांव में व्यापारी करे तो
शहर में नौकरी करे तो
इलाका में सेवा करे तो
प्रांत में मदद करे तो
मै कही भी रहूँ एक जैसा होता
पर्यावरण से संघर्ष
वृक्षों को ज्यादा लगावो
इसे स्वच्छ प्राणवायु को पावो
पृथ्वी को हरा भरा बनावो
प्रकृति से मनोरंजक पावो
पेड़ पौधों को रक्षा करो
वृक्षों को देखभाल करो
भूमि पर प्रदूूषण दूर करो
मातृभूमि का संरक्षण करो
जीव जंतुवों की सुरक्षा करो
जीवन का आधार पर्यावरण
जंगलों को काटने से
वैसे मिट्टी को खोदने से
पहाड़ को फोड़ सकने से
वैसे प्रदूूषण बढ़ सकने से
इसे नित्यम संघर्ष करते हैं
मानव मन विकृति
मानव जीवन जटिल है
जैसे उलझनों से पीड़ित है
इसे दिल में हलचल होता है
वैसे स्थिरभाव से दिल् नही है
हमें मन को नियंत्रण करना
पराए बच्चों के प्रति
बाह्य वस्तुवो के प्रति
अच्छी परिवार के प्रति
अच्छी मित्रों के प्रति
मानव का दिल में ईर्ष्या होता
अमीर व्यक्ति को देखे तो
याचक व्यक्ति को देखे तो
बिमारी व्यक्ति को देखे तो
गरीब व्यक्ति को देखे तो
मानव का मन विकृत होता
बेटी का महत्व
घर घर में बेटी होती है
लक्ष्मी के समान होती है
बेटी की पदाई घर की हित् है
सदा बेटी की रक्षा करना है
बेटी घर की आशा है
चेहरे में हंसना देखना है
पढ़ाई के प्रेरणा देना है
संघ में बिना भय से रहना है
बेटी को गौरव से देखना है
बेटी की रक्षा करो
बेटी के प्रति प्रेम दिखाना है
इसे स्नेह भाव बढ़ता है
बेटी के प्रति दया दिखाना है
इसे यकीन,कर्तव्य बढ़ता है
बेटी घर की भविष्य है
नित
हर दिन प्रभू की पूजा करो
वैसे माँ बॉप की सेवा करो
हर दिन गुरु की बातें सुनो
वैसे सुनागरिक बनो
तुम अपना कर्तव्य निभावो
ईश्वर को स्मरण करो
नेतावों को याद करो
पंडित को आदर करो
विश्वास से जीवित करो
ये सब हरेक का कर्तव्य हैं
दूसरों की मदद करो
दूसरों की भलाई करो
दूसरों की सेवा करो
दूसरों की रक्षा करो
ये सब जिंदगी में याद करो
पितृ पक्ष में पूर्वजों की याद
जनम लिए
सुखित हुए
मरण हुए
दुखित हुए
जिंदा में होता श्रीनिवास!
पितृ देवता
जन्म की दाता
सेवा करता
भूल न जाता
आशीश पावो श्रीनिवास!
पिंड प्रदान
से मोक्षदान
पितृ सम्मान
से वरदान
शांति मिलता श्रीनिवास!
पूजा करता
सेवा करता
मान करता
याद करता
ये भूल नही श्रीनिवास!
पितृ भक्ति
से मिला शक्ति
ईश्वर की भक्ति
से मिला मुक्ति
पितृ प्रभू है श्रीनिवास!
छटपटाहट
भूख के कारण बच्चों
सिरदर्द के कारण बच्चों
बुखार के कारण बच्चों
घाव के कारण बच्चों
इस से छटपटाहट होते हैं
बुजर्गो बीमारी के कारण
बुजर्गो पेट दर्द के कारण
बुजर्गो शीतल के कारण
बुजर्गों धुूप के कारण
जीवन में सावधान से रहना
कुछ लोक शैतान को देखकर
कुछ लोक संताप को देखकर
कुछ लोक चोर को देखकर
कुछ लोक सराफ को देखकर
धैर्य से जीवन में जीना श्रीनिवास!
मन को नहीं उदास करो
जीवन कठिन निलय है
दुख से भरा सागर है
रोग से पीड़ा बन्धम है
निराशा से अंधकारमय है
दिल में घायल नही करना है श्रीनुवास!
द्वेषभाव् से लड़े तो
विरह से जागते तो
क्रोध से भागते तो
न खुशी से रहते तो
दिल साफ के यत्न करो श्रीनिवास!
शत्रु से वैराग्य है
अपमान से दुर्भाग्य है
निर्दया से मूर्खत्व है
पाप से विनाश है
दिल में दुख को दूर करो श्रीनिवास!
दिल ही तो है
दिल निर्मल जैसा होना है
इस में प्रेम भरा होना है
दिल में दया गुण होना है
इस में कोमल भाव होना है
हमारे दिल मजभूत होना है
दूसरों के दिल समझना है
इससे स्नेह भाव बढ़ता है
विश्वास से रहना जरूरी है
इसे गौरव,प्रतिष्ठ मिलता है
दिल में अच्छे गुण होना है
हमारी वाणी मधुर होना है
इसे पराये लोग खुश होता है
दिल मेंं सहानुभूती होना है
इससे सेवा भाव बढ़ता है
अच्छे गुण को अपनाना है
बुदापा
जीवन में बुदापा बुरी दशा है
वैसे बचपन सुंदर लगता है
किशोर दशा अचंचल होता है
बुदापा एक कठिन अवस्था है
जिंदा में यह अंतिम दशा है
बुदापा में कष्ट अनेक हैं
वे दूसरों पर निर्भर पड़ते हैं
और स्वस्थ भी बिगड़ जाते हैं
उनकी शक्ति कम होती हैं
बुढ़ापा कठिन दशा है
पैसे कमाना मुश्किल हैं
इसे जीवन पोषण दुर्लभ हैं
वे अकेले जीवन बिताते हैं
क्लेश को बाँटने में कोई नहीं हैं
बुदापा में सावधान होना है
धन की दौलत
जीवन बिताने के धन चाहिए
धन कमाने के बुध्दि चाहिए
सत्यता से धन कमाना चाहिए
धन का महत्व जानना चाहिए
जिंदगी में धन अनिवार्य है श्रीनिवास!
मेहनत का संपदा अच्छा है
संपदा से जीवन बदलता है
जीवन में धन मूल्यवान है
धन से जीवन सुख बनता है
धन कमाने के यत्न करो श्रीनिवास!
धोखे से धन पाना अच्छा नहीं
चोरी से धन पाना अच्छा नहीं
झूठे से धन पाना अच्छा नहीं
मूर्ख से धन पाना अच्छा नहीं
धन के प्रति सावधान होना है श्रीनिवास!
हिंदी हमारी
हिंदी हमारी
सब की प्यारी
सीख जरूरी
बने नौकरी
हिंदी की भाषा श्रीनिवास!
सरल भाषा
मधुर भाषा
सुबोध भाषा
सुंदर भाषा
हमारी हिंदी श्रीनिवास!
हिंदी से मिला
एकता भला
गौरव मिला
हम को भला
बढ़िया भाषा श्रीनिवास!
देश की शान
हम को मान
सब का प्राण
हिंदी का ज्ञान
गर्व की भाषा श्रीनिवास!
जन की भाषा
देश की भाषा
प्राचीन भाषा
प्रेम की भाषा
सांस की भाषा श्रीनिवास!
प्यारी की हिंदी
माथे की बिंदी
न्यारी की हिंदी
देश की हिंदी
श्रेष्ठ हिंदी श्रीनिवास!
स्वाभिमान है
अभिमान है
अखंडता है
अविभाज्य है
हिंदी से मिला श्रीनिवास!
हिंदी
हिंदी भाषा मधुर,सुबोध है
कई भाषाओं के शब्द मिलते हैं
यह भाषा महान,अविभाज्य है
हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है
देश में अधिक लोग बोलते श्रीनिवास!
एकता के सूत्र मे बांधती है
आपस मे मित्रता बढ़ती है
बोलने,समझनेवाले अधिक हैं
इससे रोजगार प्राप्त होता है
हिंदी जोड़नेवाला भाषा है श्रीनिवास!
देश विशाल पुष्प वन देश है
भाषाएँ रंग-बिरंगे फूल हैं
हिंदी में प्राचीन साहित्य है
यह संस्कृत गर्भित भाषा है
हिंदी देश की राजभाषा श्रीनिवास!
प्रयास
मानव निरंतर कार्यशील है
जीत के लिए प्रयास करता है
परीक्षा में पास होना चाहता है
उज्वल भविष्य भी अभिलाषा है
सफलता केलिए प्रयत्न करो श्रीनिवास!
नौकरी केलिए प्रयास करो
गीत गाने केलिए भी करो
अभिनय के लिए कोशिश करो
कला सीखने का यत्न करो
ये सब प्रयत्न से संभव होते श्रीनिवास!
ज्ञान केलिए प्रयास करो
अपना लक्ष्य को प्राप्त करो
आगे बढ़ने का प्रयत्न् करो
अपना कर्तव्य पालन करो
ढूढ संकल्प से प्रयत्न करो श्रीनिवास!
पर्वत चढ़ने का प्रयास करो
मंजिल पहुंचने का यत्न करो
स्वीय वृद्धि केलिए प्रयास करो
तुम निरंतर परिश्रम करो
सारी जिंदगी कोशिश करना श्रीनिवास !
मातृभूमि
हम भूमि पर खड़े होते हैं
इसे कई सुविधाएं पाते हैं
सुविधाएं पाकर खुश होते हैं
खुश से जीवन स्वस्थ होते हैं
भूमि से कई फायदा होते हैं श्रीनिवास!
हम भूमि को आभार करते हैं
क्योंकि मिट्टी में पौधा फूटते हैं
वे बड़े होकर सुंदर होते हैं
इसे प्रकृति हरा भरा होते हैं
भूमि पर कूड़ा मत डालना है श्रीनिवास!
माँ बच्चों का जन्म देती है
वैसे पालन पोषण करती है
वैसे भूमि में खनिज मिलता है
खनिज से भूमि अमूल्य होता है
क्योंकि भूमि माता के समान हैं श्रीनिवास!
पर्यावरण
पेड़ पौधों का देखबाल करो,
धर्ती पर प्रदूूषण दूर करो,
जन्मभूमि का संरक्षण करो,
जीव जंतुओ की सुरक्षा करो,
प्रकृति-पर्यावरन रक्षा करो श्रीनिवास!
पेड़ पौधों से वर्षा होता है
बीज अंकुरित होता है
इनसे हरियाली बढ़ती है
पर्यावरण शुद्ध होता है
इनका रक्षा करना चाहिए श्रीनिवास!
पेड़ के अनेक नाम होते हैं
इनसे कई फायदे होते हैं
वे बड़े और छोटे भी होते हैं
इनसे आक्सीजन मिलता है
पेड़ पौधों की रक्षा करो श्रीनिवास!
कुछ पेड़ सुगंध से भरे होते
वे नित्य हरा भरा रहते
वे पथिक को छाया देते
लोग पेड़ों को पूजा करते
पेड़ पौधों को रोपणा चाहिए श्रीनिवास!
फूलों से माला बनाते हैं
पत्तों से कई उपयोग होते है
लकड़ी से कई चीजें बनती है
जड़ों से कई दवाये बनते हैं
पेड़ परोपकारी है श्रीनिवास!
वृक्षों को अधिक लगावो,
स्वच्छ प्राणवायु को पावो,
धरती को हरा भरा बनावो,
कुदरत,मनोरंजन को पावो,
विश्व वन महोत्सव मनावो।
कफ़न
चेहरे पर मुस्कराहट का
कफ़न ओढ़कर चलते हैं
हताशा और निराशा को चलो आज
मन के संदूक में ताला लगाकर बंद करते हैं
सपने क्या हैं ?
पानी का बुलबुला
इन पानी के बुलबुलों को
आज मिट्टी में दफन करते हैं
हताशा और निराशा को चलो आज
मन के संदूक में
ताला लगाकर बंद करते हैं
कफ़न हो
सफेद मोतियों सा
मिट जायें जिसमें
सांसारिकता के सारे भेदों का
घनघोर अंधेरा
जीवन के इस रंगमंच को
ह्दय के भाव अभिनय और कला के द्वारा अभिव्यक्त करतें हैं
हताशा और निराशा को आज
मन के संदूक में
ताला लगाकर बंद करतें हैं
चेहरे पर मुस्कराहट का
कफ़न ओढ़कर चलते हैं
हताशा और निराशा को
मन के संदूक में आज ताला लगाकर बंद करतें हैं
चेहरे पर कफ़न
मुस्कुराहट का ओढ़कर चलतें हैं …
कफ़न ओढ़कर चलतें हैं
मुस्कुराहट का…
गुमसुम जब दिल तड़पे
प्रकृति को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
पर्वत को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
नदियाँ को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
झरना को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
मित्रों को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
प्रेमिका को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
ईश्वर को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
इंद्रधनुश को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
पत्नी को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
हवा को देखने केलिए
मेरा दिल तड़पे हैं ।
अपमान
संघ की सेवा करता नहीं है
सेवा के लिए आशक्ति नहीं है
जिंदा में श्रेष्ठ बनता नही है
और गौरव से जीवित नही है
इसे तुम अपमानित होता है श्रीनिवास!
सच्चाई से बोलना नहीं तो
आत्मबल से जीना नही तो
विश्वास से रहना नही तो
भ्रष्टाचार को दूर नही तो
इससे अपमान बढ़ते हैं श्रीनिवास !
समाज की बुराई करना
दूसरों से धोखा देना
गुरु से झूठ बोलना
मित्रों से मजाक उड़ाना
ये सब से अपमान होते हैं श्रीनिवास!
धिक्कार है तुम पर
संघ की सेवा करता नहीं है
सेवा के लिए आशक्ति नहीं है
जिंदा में श्रेष्ठ बनता नही है
और गौरव से जीवित नही है
इसे तुम अपमानित होता है श्रीनिवास!
सच्चाई से बोलना नहीं तो
आत्मबल से जीना नही तो
विश्वास से रहना नही तो
भ्रष्टाचार को दूर नही तो
इससे अपमान बढ़ते हैं श्रीनिवास !
समाज की बुराई करना
दूसरों से धोखा देना
गुरु से झूठ बोलना
मित्रों से मजाक उड़ाना
ये सब से अपमान होते हैं श्रीनिवास!
गणेश
गणेश आया
खुश हो गया
आशीश दिया
विघ्न हटाया
भक्तों की इच्छा श्रीनिवास!
लंबे पेट है
बड़े कान है
मुख खूब है
सिर हाथी है
गणेश रूप श्रीनिवास!
क्लेश मिटाता
मोक्ष प्रधाता
विद्या विधाता
पुण्य का दाता
भक्तों का प्यार श्रीनिवास!
श्रीनिवास यन
आँध्रप्रदेश
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