शुभ कर्म | भजन

शुभ कर्म

( Subh Karm )

मानव शुभ कर्म करें , गुणगान गायेंगे।
देवत्व करम करें, देवता बन जायेंगे।।टेक।।

सूरा जो पियेगा तो, सूअर बन जायेगा।
शहद मीठा खायेगा ,स्वाद मीठा आयेगा।
दर्पण में छाया हो, वही दिखलायेंगे।।1।।

आग में हाथ डाले तो, जल ही जायेगा।
सागर में जो गिरे, वह डूब ही जायेगा।
कुआं में बोलोगे, वही बतलायेंगे।।2।।

बिच्छू डंक मारे तो, जहर चढ़ जायेगा।
जहर जो पीया है, वह मार ही जायेगा।
कर्म सिद्धांत आकाट्य, कोई न झूठलायेंगे।।3।।

जो स्थिर बैठा है, पहुंच नहीं पायेगा।
पैदल ही चलते रहें, मंजिल वह पायेगा।
आज नहीं तो कल, परिणाम आयेंगे।।4।।

बीज कांटे बोया है, तो फूल नहीं पायेगा।
ऐसा शुभ कर्म करें, बंधन कट जायेगा ।
दीनों में अमीर बने,अमर हो जायेंगे।।5।।

रचयिता : दिनेंद्र दास
कबीर आश्रम करहीभदर
अध्यक्ष, मधुर साहित्य परिषद् तहसील इकाई बालोद, जिला- बालोद (छत्तीसगढ़)

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *