सुनहरे पल ( हाइकु )

सुनहरे पल

सुनहरे पल ( हाइकु )

1

आऐ है सुनहरे पल

 जीवन से ढ़ल गये ग़म

 बरसा ख़ुशी का जल

 

2

दें आया फूल उसे कल

प्यार में उसके

मेरा दिल हुआ चंचल

3

हो गयी दिल में हलचल

प्यार की मेरे

देखा ऐसा चेहरा कल

 

4

किसी को पाने को लिए

रात दिन किसी की चाहत में

हो गया है  दिल  बेकल

 

5

घेरा है ऐसा मुश्किल ने कल

नहीं हुआ काम कोई हल

सोचता रहा दिल हर पल

 

6

वो करे बातें तल्ख़

आज़म से ए यारों

वो नहीं दिल से कोमल

 

✏

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : 

आज़म नैय्यर हाइकु

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