सूर्योदय
( Suryoday )
पूरब में छा गई लाली धूप खिली है मतवाली।
रश्मि रथ पर हो सवार सूर्योदय छटा निराली।
पंछी कलरव गीत गाते भंवरे मधुबन लहरी गाई।
भोर की बेला मुस्काती सूर्योदय हुआ जागो भाई।
सूरज किरणें धरती छाई शुभ प्रभात बेला आई।
हरियाली ने पांव पसारे मधुर मधुर बही पुरवाई।
मंदिरों की बजी घंटियां मस्जिदों से अजान आई।
सरोवर पे हलचल मच रही जनजीवन उमंगे छाई।
चल पड़े किसान खेत में रोजगार को नर नारी।
भानू किरणों ने हर ली निशा हुई जो अंधियारी।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )