तुझको दिल देख बहल जाता है

तुझको दिल देख बहल जाता है

तुझको दिल देख बहल जाता है     तुझको दिल देख बहल जाता है। इक तेरा साथ हमें भाता है।।   डाल के आंखें तेरा आंखों में। यूं मुस्काना ग़ज़ब सा ढ़ाता है।।   पास में आना कोई बहाना कर। दिल में अरमां कई जगाता है।।   बस ख्यालों में तेरे खो जाउं। ख्याल ये…

किसी से नहीं अब रही आस बाकी।

किसी से नहीं अब रही आस बाकी

किसी से नहीं अब रही आस बाकी     किसी से नहीं अब रही आस बाकी। रहा अब कहीं पर न विश्वास बाकी।।   मिटे प्यार में इस तरह हम किसी के। जलाने की ख़ातिर नहीं लाश बाकी।।   वफा की बहुत पर हुआ कुछ न हासिल। नहीं कुछ हमारे रहा पास बाकी।।   गए…

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन     है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन! साथ में दोनों चलेगे एक दिन   छोड़कर जिद वो नज़ाकत की मगर बात दिल की वो सुनेगे एक दिन   मंजिलें तेरी मिलेगी प्यार की फूलों से रस्ते सजेगे एक दिन   तोड़कर के फ़ासिलों की ही हदें…

जीस्त में जब ख़ुशी नहीं मिलती

जीस्त में जब ख़ुशी नहीं मिलती

जीस्त में जब ख़ुशी नहीं मिलती     जीस्त  में जब ख़ुशी नहीं मिलती ! दिल को राहत कभी नहीं मिलती   नफ़रतों के चराग़ जलते है हर दिल में आशिक़ी नहीं मिलती   हो गये लोग बेवफ़ा दिल से अब सही दोस्ती नहीं मिलती   यार ढूंढू मै कैसे मंज़िल को । राह में…

सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे

सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे

सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे   सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे यहाँ से भी हम क्या बे-क़रार जाएंगे   एक रात भी अपने बस में नहीं है यानी गुज़रते थे, आज भी गुजर जाएंगे   क्या अजीब दुनियादारी है हमारी ज़िंदा दिल वाले आए तो मर जाएंगे   बे-इंतिहा मुहब्बत का…

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा     है वो  आज़म गुलाब सा चेहरा ! जैसा हुस्ने  शबाब सा चेहरा ।।     मैं पढ़ूँ उसके शब्द उल्फ़त के । वो दिखे पर क़िताब सा चेहरा।।   देखकर प्यार का नशा होता। है वो ऐसा  शराब सा चेहरा।।   प्यार आता बहुत मुझे उस पर…

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें

कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें     कोई तो ख़त का तू ज़वाब दें न यूं बेरुख़ी तू  ज़नाब दें   किसी की लगेगी बुरी नज़र सनम चेहरे को तू हिजाब दें   न कर तू मुझे अजनबी मगर सनम प्यार का तू गुलाब दें   वफ़ा में दिये है मुझे तूने ग़मों…

बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी

बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी

बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी     बात जो इजहार हमसे कीजिए भी! बेरुख़ी दिल से ज़रा ये छोड़िए भी   यूं न हमको सनम नजरें अंदाज करो की हमारे  बारे में सनम सोचिए भी   यूं न आंखें दिखाओ नजाकत भरी प्यार की हमको नजरों से देखिए भी   जोड़लो रिश्ता हमेशा…

वो आंखें जो आज़म इधर होती!

वो आंखें जो आज़म इधर होती!

वो आंखें जो आज़म इधर होती!     वो आंखें जो आज़म इधर होती! प्यार की फ़िर उससे नज़र होती   दिल को मेरे क़रार आ जाता हाँ अगर जो उसकी ख़बर होती   अंजुमन से चला गया उठकर  प्यार की कुछ  बातें मगर होती   यूं न होते अंधेरे ग़म के फ़िर जीस्त में…

उसके ख़त का जवाब देना है

उसके ख़त का जवाब देना है | Khat Shayari

उसके ख़त का जवाब देना है ( Uske khat ka jawab dena hai )      उसके ख़त का जवाब देना है अब उसे एक गुलाब देना है   जान तो नाम कर चुके तेरे और क्या अब जनाब देना है ?   इस जहां में तुझे ही बस हमको बावफ़ा का ख़िताब देना है…