ऐसा हो संसार जहाँ पर | Sansar kavita
ऐसा हो संसार जहाँ पर आओ मिलकर करें कल्पना हम ऐसे संसार की। जहाँ भावना त्याग समर्पण प्रेम और उपकार की।। ऐसा हो संसार जहाँ पर, सब मिलकरके रहते हो। एक-दूजे को गले लगाकर भाई -भाई कहते हो।। सोच सभी की होनी चाहिए सृष्टि के उद्धार की। कर्म की पूजा होती हो वहाँ, मेहनत…