?  ऐसा हो संसार जहाँ पर  ?

ऐसा हो संसार जहाँ पर | Sansar kavita

  ऐसा हो संसार जहाँ पर   आओ मिलकर करें कल्पना हम ऐसे संसार की। जहाँ भावना त्याग समर्पण प्रेम और उपकार की।। ऐसा हो संसार जहाँ पर, सब मिलकरके  रहते हो। एक-दूजे को गले लगाकर भाई -भाई कहते हो।। सोच सभी की होनी चाहिए सृष्टि के उद्धार  की। कर्म की पूजा होती हो वहाँ, मेहनत…

रॉंग नंबर

रॉंग नंबर (PART-3 )

 रॉंग नंबर (PART-3 )    बम-बम भोले और हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए हम मेला परिसर में दाखिल हुए। यहां लाई, खील बेचने वाले दुकानदार अपनी दुकानों के पीछे भोले भक्तों के ठहरने हेतु तिरपाल बिछा देते हैं। यह यहां का अघोषित नियम ही है कि जो जिस तिरपाल के नीचे ठहरेगा वह…

वो मजदूर है

वो मजदूर है | Mazdoor kavita

 वो मजदूर है ( Wo mazdoor hai : Kavita )   अरे! वो मजदूर हैं इसीलिये तो वो मजबूर हैं उनकी मजबूरी किसी ने न जानी मीलों का सफर तय किया पीकर पानी। पांव में जूते नही छाले पड़ गए थे भारी अमीरो को तो लेने जहाज गए विदेश, उनके लिये तो बसों के भी…

माना कि तुम

माना कि तुम | Love kavita

  माना कि तुम ( Mana ki tum )     माना कि इन हाथों की लकीरों में तुम नहीं….…….. फिर भी मुझमें तुम शामिल हो, लकीरें तो उनके हाथ में भी नहीं होती जिनके हाथ नहीं होते। तुम मुझे हासिल नहीं फिर भी मुझसे तुम दूर तो नहीं हो। इन हाथों की लकीरों में…

रॉंग नंबर

रॉंग नंबर (PART-2 )

रॉंग नंबर (PART-2 )     हर हर महादेव             ★■★■★■ महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर बम भोले के जयकारे लगाते हुए हम लोग चल पड़े।हमने किराए पर लोडर बुक किया था जिसका खर्च 150₹/व्यक्ति आया। हमने पहले ही उस पर पुआल बिछा दी थी ताकि हमे धक्के न लगें और…

समय चुराएं

समय चुराएं | Poonam singh poetry

 समय चुराएं  ( Samay churaye )   आओ … समय से कुछ समय चुराएं शुन्य के सागर में गुम हो जाएं बीती बातों का हिसाब करें आने वाले पलों का इंतज़ार करें भूली यादों को याद करें बीती चाहतों को ताज़ा करें   कुछ बातें इधर की हों कुछ बातें उधर की हों इधर –…

हे सरकार! कुछ तो करो

हे सरकार ! कुछ तो करो | Political kavita

   हे सरकार ! कुछ तो करो  ( Hey sarkar kuch to karo )   हे सरकार! कुछ तो करो क्यूँ छोड़ दिया मरने को सड़कों और पटरियों पर दर-दर की ठोकरें खाने को खाने को तरसने को। हे सरकार! कुछ तो करो क्या बीत रही है उन गर्भवती और नव माताओं पर सड़कों पर…

हम मजबूर हैं

हम मजबूर हैं | Mazdooron ki vyatha par kavita

 हम मजबूर हैं   ( Hum majboor hai )     साहब! हम मजदूर हैं इसीलिए तो मजबूर हैं सिर पर बोझा रख कर खाली पेट,पानी पीकर हजारों मील घर से दूर गोद में बच्चों को लेकर अनजान राहों पर चलने को।   बेबस हैं हम,लाचार हैं हम आए थे काम की तलाश में पर,इस #Lockdown में न…

मुझे आज भी याद है

मुझे आज भी याद है | Prem ras kavita

 मुझे आज भी याद है  ( Mujhe aaj bhi yaad hai )     मुझे आज भी याद है वो कमरा जहाँ…….. आखिरी बार मिले थे हम आज भी गवाह है, वो बिस्तर की चादर वो कम्बल……. जिसमें लिपटे थे हम एक दूसरे की बाहों में।   मुझे आज भी याद है वो कमरा जहां………..

रॉंग नंबर

रॉंग नंबर | Hindi kahani

 रॉंग नंबर  ( Wrong number : Hindi short story )   जीवन मे कभी कभी ऐसा होता है जब कोई अनजान हमारे करीब आता है और हमारी जरूरत और बाद में कमजोरी बन जाता है । यकीनन उनमें से कुछ ज्यादा दूर तक हमारे साथ नही चल पाते लेकिन कई खट्टी मीठी यादें दे जाते…