साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे

साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे

साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे   साफ दिल ग़र है तेरा छलेंगे तुझे। लोग अपने-पराये मिलेगे तुझे।।   वक्त पे काम आते नहीं ये कभी। आँख- सी फेर आगे बढेगे तुझे।।   अनसुना सा करेगे हर बात को। काम कर देंगे ऐसा कहेंगे तुझे।।   बाद में काम अपना निकल जाए जब। लांघ…

कहीं ग़म कहीं पे ख़ुशी है

कहीं ग़म कहीं पे ख़ुशी है

कहीं ग़म कहीं पे ख़ुशी है     कहीं ग़म कहीं पे ख़ुशी है! कहीं पे हंसी तो नमी है   कोई जीवन अच्छा गुजारे कहीं ग़म भरी जिंदगी है   मुहब्बत को कोई निभाये कहीं दिल में ही बेरुख़ी है   कोई रिश्ता दिल से निभाता कहीं हर घड़ी बेदिली है   कहीं पे …

याद करते थे भुलाने में लगे

याद करते थे भुलाने में लगे

याद करते थे भुलाने में लगे     याद करते थे भुलाने में लगे! वो पराया अब बनाने में लगे   सच बताकर वो ही सबसे झूठ को दाग दामन से मिटाने में लगे   दोष क्या दूँ मैं औरो को देखिए घर मेरा अपनें ही जलाने में लगे   दिल दुखाकर वो वफ़ा में…

दिल में किसी की याद इतनी भर गई

दिल में किसी की याद इतनी भर गई

दिल में किसी की याद इतनी भर गई     दिल में किसी की याद इतनी भर गई। चाहा मिटाना लाख फिर से उभर गई।।   उनको हमारी याद आती जरूर है। शामो-सहर अपने वो मेरे नाम कर गई।।   हम पर असर यादों का ऐसा कुछ हुआ। वीरान सारी जिंदगी गुजर गई।।   दिल…

न कर फरियाद दुनिया से

न कर फरियाद दुनिया से

न कर फरियाद दुनिया से   न कर फरियाद दुनिया से सहारे भी नहीं मिलते। कभी मझधार में आकर किनारे भी नहीं मिलते।।   गुलो-गुलजार की पहले सी वो रौनक कहां है अब ? यूं मौसम ए ख़िजां में अब बहारें भी नहीं मिलते ।।   यहां जीवन सभी का ही हमें वीरां बहुत लगता।…

उसकी यादें के आंसू है आंख में

उसकी यादें के आंसू है आंख में

उसकी यादें के आंसू है आंख में     उसकी यादें के आंसू है आंख में! आ गयी लाली ग़मों की आंख में   देखता हूँ आईना आती नजर क़ैद सूरत हो गयी वो आंख में   दें गया वो  बेवफ़ाई के आंसू छोड़ गया ग़म ए असर वो आंख में   आंख से क्या…

दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है

दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है

दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है     दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती  है। दिल लरज़ता है कभी रूह भी यहां तङफती है ।।   कौन रूसवा ना हुआ आकर यहां गलियों में। पंक में ही तो मुहब्बत की कली खिलती है।।   नाम थकने का न लेती है ज़माने में…

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में     उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में! चोट खायी प्यार में ही इसलिए है   होश आया तो ये जाना जीवन क्या है वरना डूबा था मुहब्बत के नशे में   जिंदगी में दुख बहुत देखें ख़ुदाया चाहता हूँ मैं ख़ुदा ये ही ख़ुशी…

वो दिलों में फासला

वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे

वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे     वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे । तोङ सारे ख्वाब दिल के रोज ढाते ही रहे।।   दिल में बैठाया हमेशा ही यकीं हमने किया। गैर के जैसे सदा वो पेश आते ही रहे ।।   प्यार की बातों को मेरा…

कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी!

कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी!

कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी!     कब  ख़ुशी की यहां जली बीड़ी! रोज ग़म की जलती रही बीड़ी   बुझ जाती है जलने से पहले ही जो जलाता  हूँ प्यार की बीड़ी   नफ़रतों की जली यहां ऐसी सब ख़ुशी  ख़ाक कर गयी  बीड़ी   छोड़ दें  पीना दोस्त इसको तू कर रही …