अब वो चेहरा नजर नहीं आता

अब वो चेहरा नजर नहीं आता | Ab wo chehra ghazal

अब वो चेहरा नजर नहीं आता ( Ab wo chehra nazar nahi ata )   अब वो चेहरा नजर नहीं आता गुम कहां है इधर नहीं आता   वो अगर मिलता ही नहीं मुझसे चैन दिल को मगर नहीं आता   दोस्ती उससे तोड़ देता मैं आज मिलनें वो गर नहीं आता ।।   लग…

मुहब्बत बस हमारे गांव में

मुहब्बत बस हमारे गांव में | Ghazal

मुहब्बत बस हमारे गांव में ( Muhabbat bas hamare gaon mein )     बारिशों के है इशारे गांव में देखो  टूटे है किनारे गांव में   वरना देखी है नगर में नफ़रतें है मुहब्बत बस हमारे गांव में   जो किसी भी शहर होते नहीं वो हसीं देखें नजारे गांव में   देखने को…

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती | Wafa shayari

जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती ( Jab kisi se wafa nahi milti )   जब किसी से वफ़ा नहीं मिलती ! टूटे दिल में सदा नहीं मिलती   डूब जाता है दिल गमों में फ़िर इश्क़ की जब दवा नहीं मिलती   हर कोई खाया है  किसी में ही यादें दिल से जुदा नहीं…

ख़ामोश लब

ख़ामोश लब | Ghazal khamosh lab

ख़ामोश लब ( Khamosh lab )     हर घड़ी अच्छी नहीं ख़ामोश लब कुछ बोलो मत रहो ख़ामोश लब   प्यार से आवाज़ देते हम रहे और वो बैठे रहे ख़ामोश लब   जख़्म ऐसा कल वफ़ा में ही मिला ग़म दिल में ही हो गये ख़ामोश लब   क्या सुनाऊँ शाइरी मैं दोस्तों…

पास है अब तू नहीं

पास है अब तू नहीं | Paas hai ab too nahin | Ghazal

पास है अब तू नहीं ( Paas hai ab too nahin )   जिंदगी में प्यार की खुशबू नहीं! इसलिए की पास है अब तू नहीं   कर लिया है सब्र उसका मैंनें ही अब तो यूं आते मगर आंसू नहीं   ढूंढ़ती उसको रही आंखें मेरी वो नजर आया मुझे हर सू नहीं  …

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो | Ghazal by Nepali Urdu Shayar

बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो ( Be andaaja had se guzre to )   बे-अंदाजा हद से गुज़रे तो दर्दो के दवा पाया दवा कुछ ऐसा पाया की दर्द ही बे-दवा पाया   इश्क़ ने क़रार-ए-ज़ीस्त का खबर क्या पाया उम्र भर की तपिश तृष्णागि ने एक आहा पाया   असर दुवाओ में है, हमने…

मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो

मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो | Ghazal tum ek haqeeqat ho

मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो ( Mere zindagi ka tum ek haqeeqat ho )     मेरे ज़िन्दगी का तुम एक हक़ीक़त हो उम्र भर की मेरी, तुम तमाम दौलत हो   यह सिलसिला यहीं ख़त्म होने वाला है तुम मेरी पेहली और आंखरी मुहब्बत हो   तुझे चाहा है मैंने हर दम…

यूँ मजबूर ना कर

यूँ मजबूर ना कर | Yoon majboor na kar | Ghazal

मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर ( Mere hath ko yoon majboor na kar )   मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर कोई तस्बीर बनाने के लिए ता-उम्र साथ निभाने की वादा ना कर अभी छोड़ जाने के लिए   मेरे कमरों में तुम्हारी तस्बीर और धुवां ही धुवां है कुछ तो दिल…

उसने किया होगा 'गजल'

उसने किया होगा ‘गजल’

उसने किया होगा ‘गजल’   होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा जहर जुदाई का उसने खातिर मेरे खाया होगा   कांटो को चुनकर उसने मेरे राहों से  उसने जीवन में मेरे फूल गाया होगा    याद सताया जब पाया हरेक चेहरों में मुझे मेरे तस्वीर को चुपके सीने से हटाया होगा   मेला की धूम…

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था

उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था   उनकी तस्वीर को हमें गले से लगाना था बाकी सब तो फ़क़त इसीका बहाना था   मुहब्बत यूँ भी तो बड़ा अजब है यारा के खुद से रूठकर दुसरो को मनाना था   हम पर फ़ज़ा-ए-उल्फत की नज़र ऐसी है जान के लिए बाज़ी जान का…