Kavita | दबे हुए अरमान
दबे हुए अरमान ( Dabe hue armaan ) हर बार देख कर तुमकों क्यों,अरमान मचल जाते है। तब भाव मेरे आँखों मे आ, जज्बात मचल जाते है। मन कितना भी बाँधू लेकिन, मनभाव उभर जाते है, दिल की धडकन बढ जाती है,एहसास मचल जाते है। क्या ये मेरा पागलपन है, या तेरे…