Vyang | इस भीड़ की सच्चाई ( व्यंग्य )
इस भीड़ की सच्चाई ( व्यंग्य )
( Is bheed ki sachai : Vyang )
( Is bheed ki sachai : Vyang )
कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं ( kuch Baten Darpan Se Bhi Kar Loon ) कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं शायद ख़ुद के होने का एहसास हो जाए। समेटकर केश को जरा बांध लूं स्त्री के मर्यादाओं का आभास हो जाए। मुद्दत हो गए निहारे ख़ुद…
सड़क सुरक्षा (Sadak Suraksha ) अपने और अपने परिवार पर कुछ तो तरस खाइए सड़क पर यूँ लापरवाही से गाड़ी मत चलाइएँ । जिंदगी है अनमोल रत्न इसे व्यर्थ ना गवाइएँ सड़क सुरक्षा नियमों को अपने जीवन में अपनाइए ।। कुछ नौजवान बिना हेलमेट के गाड़ी चलाते हैं कहते हैं हेल्मेट से…
यूं न झूठा हां सनम वादा करो ( Yoon Na Jhootha Haan Sanam Wada Karo ) यूं न झूठा हां सनम वादा करो! जो भी वादा प्यार में सच्चा करो दो वफ़ाये उम्रभर के ही लिए प्यार में ही यूं नहीं धोखा करो वरना राहों मे अंधेरे होते है चाँद…
नाग पंचमी विशेष ( Nag Panchami Par Kavita ) इक प्याले मे दूध लिए, पत्नी आई मुस्कराई। तुमको मेरे प्राण नाथ, नाग पंचमी की बधाई। पी लो हे प्रिय नटराजा के, विष तो तुमरी वाणी है। एक वर्ष में एक बार ही, विष में धार लगानी है। क्यों मै ढूंढू अन्य नाग…
इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता ( Iqrar -E- Muhabbat Ka Wo Jawab Deta ) इक़रार ए मुहब्बत का वो ज़वाब देता तो मैं उसे मुहब्बत का आज़म गुलाब देता अहसास नफ़रतों का लगता नहीं मुझे फ़िर जो प्यार की रवानी दिल से ज़नाब देता कर लेता वो मुहब्बत मेरी क़बूल…
जन्म लेती है ग़ज़ल तो शायरी की कोख से ( Janm leti hai ghazal to shayari ki kokh se ) जन्म लेती है ग़ज़ल तो शाइरी की कोख से जिंदगी मिलती है जैसे जिंदगी की कोख से देखिए वरना अमीरी कब पड़फती है भूखी भूख की आहें उठती है मुफ़लिसी की कोख…