Hindi Poetry | Hindi Kavita | Hindi Poem -विष प्याला
विष प्याला ( Vish Pyala ) क्रूर हृदय से अपनों ने, जीवन भर दी विष प्यालों में। जबतक आग को हवा दी तबतक,शेर जला अंगारों में। कोमल मन के भाव सभी, धूँ धूँकर तबतक जले मेरे, जबतब प्रेम हृदय से जलकर,मिट ना गया मन भावों से। ** नगमस्तक भी रहा तभी तक, जबतक…