विष प्याला

Hindi Poetry | Hindi Kavita | Hindi Poem -विष प्याला

विष प्याला ( Vish Pyala )   क्रूर हृदय से अपनों ने, जीवन भर  दी  विष प्यालों में। जबतक आग को हवा दी तबतक,शेर जला अंगारों में। कोमल मन के भाव  सभी, धूँ  धूँकर तबतक  जले मेरे, जबतब प्रेम हृदय से जलकर,मिट ना गया मन भावों से।   ** नगमस्तक भी रहा तभी तक, जबतक…

बाजार

Hindi poem on Bazaar | Hindi Kavita -बाजार

बाजार ( Bazaar ) गहन तम में उजाले कि,क्यो मुझसे बात करते हो। अन्धेरों मे ही जब मुझसे वफा की, बात करते हो।   नही पहचान पाते हो जब मुझे, दिन के उजालों में, मोहब्बत वासना है फिर भी क्यो जज्बात कहते हो।   ये महफिल है मोहब्बत की,शंमा हर रात जलती है। सुलगते  जिस्म …

Kahe Kailoo Mai

Hindi Poetry On Life | Kavita -काहे कइलू माई एतनी बज्जर क छतिया

काहे कइलू माई एतनी बज्जर क छतिया  ( Kahe Kailoo Mai Etni Bajjar Ka Chatiya )   काहे कइलू माई एतनी बज्जर क छतिया। पेटवा में मारऽजिन गिरइ द धरतिया।।   कबहुं नाहीं धरती बोवल बीजवा के मारे। बाहर अंकुरवा करे पेंड़ बने सारे ।। जननी जीवदान तोहसे मांगे तो हरी बिटिया ।।पेटवा।।   कामकाज…

शान

Hindi Kavita | Hindi Poem | Hindi Sahitya -शान

शान ( Shaan ) ** शान   इंसान   की   होती   सबसे  बड़ी, शान वालों की शान पूरी प्रभु ने किया है।   शान समझे सिया की जनक जिस घड़ी, माने मन की महा प्रेरणा प्रण  लिया है।   चांप चटकाये जो भी जहां में यदि कोई, ब्याह कर बेटी ले जाये संग में सिया है।  …

Man ki Baaten

Best Hindi Kavita | Best Hindi Poetry -मन की बातें

मन की बातें ( Man ki Baaten )     इस रात मे  तन्हाई  हैं, बस मैं हूँ और परछाई है। खामोश से इन लम्हों में, हुंकार और रूसवाई है।   ऐसे मे तुम आ जाओ गर,खामोशी में शहनाई है। कहता है मन बेचैन है,तुम आ मिलो ऋतु आई है।   ठण्डी हवा मदमस्त है,फिंजा…

आज के हालात

Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -आज के हालात

आज के हालात ( Aaj Ke Halat )   ****** मिलावट का धंधा देखो यार कितना फल-फूल रहा है? अपराधी भी सहज ढ़ंग से अब समाज में घुल रहा है थर-थर थर थर कांपे पड़ोसी डर के मारे नहीं कोई कुछ बोल रहा है। मिलावट का धंधा देखो यार कितना फल-फूल रहा है? नेता अफसर…

आस्था

Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -आस्था

आस्था (Aastha )   था  जो  विश्वास मेरा वो टूटा नही, आज भी आस्था मेरी तुम पे ही है।   राह  मुश्किल भरें मेरे है तो मगर, जीत की आरजू मेरी तुम से ही है।   क्या कहूँ क्या लिखू तुमसे न है छुपा, शेर  की  भावना  तुमसे  ही  है बँधा।   ठोकरों  से  उठेगा…

Doha Dashak

doha dashak | -दोहा दशक | Hindi Poetry On Life | Hindi Poetry

दोहा दशक ( Doha Dashak )     किया वतन की शान से, जिसने भी खिलवाड़। मिले दंड कठोर उसे, जाये जेल तिहाड़।   कृषक जनों की भीड़ में, शामिल कुछ शैतान। कभी नहीं वो चाहते, बढ़े वतन की शान।   डायन प्रथा के विरुद्ध, लड़कर हुई महान। छुटनी देवी को मिला, पद्मश्री ससम्मान।।  …

कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं

Hindi Ghazal | Hindi Poem -कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं

कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं ( kuch Baten Darpan Se Bhi Kar Loon )     कुछ बातें दर्पण से भी कर लूं शायद ख़ुद के होने का एहसास हो जाए।     समेटकर केश को जरा बांध लूं स्त्री के मर्यादाओं का आभास हो जाए।     मुद्दत हो गए निहारे ख़ुद…

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

Hindi Poetry -माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं ( Mana Tum Apne Ho Par Girvi Kaise Iman Rakh Doon )   माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं , बेहाया  तुम्हारे  हाथो  में कैसे हिंदुस्तान रख दूं । जलते हो तपते हो गलते हो पर मुल्क से बड़े नहीं हो,…