Hindi Poetry -माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं
माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं ( Mana Tum Apne Ho Par Girvi Kaise Iman Rakh Doon ) माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं , बेहाया तुम्हारे हाथो में कैसे हिंदुस्तान रख दूं । जलते हो तपते हो गलते हो पर मुल्क से बड़े नहीं हो,…