माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

Hindi Poetry -माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं

माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं ( Mana Tum Apne Ho Par Girvi Kaise Iman Rakh Doon )   माना तुम अपने हो पर गिरवी कैसे ईमान रख दूं , बेहाया  तुम्हारे  हाथो  में कैसे हिंदुस्तान रख दूं । जलते हो तपते हो गलते हो पर मुल्क से बड़े नहीं हो,…

प्रेम दीवानी!

Hindi Ghazal | Hindi Romantic Poetry -प्रेम दीवानी!

प्रेम दीवानी! ( Prem Deewani ) ***** छलकती आंखों से वो ख्वाब दिखता है, महबूब मेरा बस लाजवाब दिखता है। पहन लिया है चूड़ी बिंदी पायल झुमका, आ जाए बस तो लगाऊं ठुमका! बैठी हूं इंतजार में, दूजा दिखता नहीं संसार में। लम्हा लम्हा वक्त बीत रहा है, जाने कहां अब तक फंसा हुआ है?…

मित्र

Hindi Poetry On Life | Hindi Poetry -मित्र

मित्र ( Mitra )   बाद वर्षो के कितने मिले हो मुझे, अब कहो साल कैसा तुम्हारा रहा।   जिन्दगी मे कहो कितने आगे बढे, जिन्दगी खुशनुमा तो तुम्हारा रहा।   मित्र तुम हो मेरे साथ बचपन का था, पर लिखा भाग्य मे साथ अपना न था।   ढूँढता  मै  रहा  हर  गली  मोड  पर,…

नारी जीवन

Nari jeevan kavita || Hindi Poetry On Life | Hindi Kavita -नारी जीवन

नारी जीवन ( Nari Jeevan )   पिता पति के बीच बंटी है, नारी की यह अमिट कथा। एक ने दिया जीवन है उसको, दूजे ने गतिमान किया।   पिता वो शिक्षक पाठ पढ़ा कर, नौका पर कर दिया सवार। पति वो मांझी साथ बिठाकर, जीवन नदी करा दी पार।।   कठिन डगर कांटे चुभते…

कल्पना

Romantic Poetry In Hindi | Hindi Kavita -कल्पना

कल्पना (Kalpana )   नमक है पोर पोर में सुन्दर बडी कहानी तेरी। सम्हालोगी कैसे  सूरज  सी गर्म जवानी तेरी।   भँवर बन कर हुंकार डोलता है तेरे तन मन पे। हृदय के कोने में अब भी है वही निशानी तेरी।   रूप  तेरा ऐसा की देख, सभी का यौवन मचले। कुँवारो का  दिल जैसे …

उम्मीद

Ummeed Hindi Ghazal | Hindi Poem -उम्मीद

उम्मीद ( Ummeed )     चले आओ कशक तुममे अगर, थोडी भी बाकी है। मैं  रस्ता  देखती रहती मगर, उम्मीद आधी   है।   बडा मुश्किल सा लगता है,तेरे बिन जीना अब मुझको, अगर  तुम  ना  मिले  हुंकार तो  ये, जान  जानी  है।   बनी  मै  प्रेमिका  किस्मत  में  तेरे,  और  कोई  है। मै  राधा …

गलतफहमी

Hindi Kavita | Hindi Poetry -गलतफहमी!

गलतफहमी! ( Galatfahmi ) ***** वो समझते हैं समझते नहीं होंगे लोग। वो उलझते हैं पर उलझते नहीं हैं लोग। वो सुलगाते हैं पर सुलगते नहीं हैं लोग। उम्र कद कर्म अनुभव संस्कार की कमी, लहजे से ही दिख जाता है, हर कहीं। कुछ ज्यादा ही उछलते है वो, आका के संरक्षण में पलते हैं…

चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम

Hindi Ghazal -चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम

चंद बुलबुले जो देखते हो पानी में तुम   ( Chand Bulbule Jo Dekhte Ho Pani Mein Tum )   दो घडी रुककर घाव सहलाने लगे हम यूँ भी दर्द अपना भुलाने लगे तुम जो राहो में मेरी बिछाते हो शूल दामन फूलो से तुम्हारा महकाने लगे   किस्मत में था इन्तेजार वही मैं करती…

मुसाफिर

Hindi Kavita On Life | Hindi Kavita -मुसाफिर

मुसाफिर ( Musafir ) … मुसाफिर तंन्हा हूँ मै, साथ चलोगे क्या, तुम  मेेरे। है मंजिल दूर, सफर मुश्किल , क्या साथ चलोगे मेरे। यही है डगर, एक मंजिल है तो फिर, साथ चलो ना, सफर कट जायेगा दोनो का, हमसफर बनोगे मेरे। … करेगे दुख सुख की बातें, बातों से खनक बढेगी। हमारे दिल…

मैने पाया  बहुत, मैने  खोया बहुत। जिन्दगी तेरे दर , मैने  रोया  बहुत। ख्वाब मैने बुना,जो हुआ सच मगर। वो मुकम्मिल नही, मैने ढोया बहुत।

Sad Hindi Poem -बीते लम्हें

बीते लम्हें ( Beete Lamhen Kavita )      मैने पाया  बहुत, मैने  खोया बहुत। जिन्दगी तेरे दर , मैने  रोया  बहुत।   ख्वाब मैने बुना, जो हुआ सच मगर। वो मुकम्मिल नही, मैने ढोया बहुत।   शेर से बन गया, लो मै हुंकार अब। सब समझते रहे, मै हूँ  बेकार अब।   मै  सींचा …