उस गली से रोज़ ही मुझको गुजरना है सदा

Romantic Ghazal -उस गली से रोज़ ही मुझको गुजरना है सदा

उस गली से रोज़ ही मुझको गुजरना है सदा   ( Us Gali Se Roj Hi Mujhako Gujarna Hai Sada )     उस गली से रोज़ ही मुझको गुजरना है सदा उम्रभर उसके बिना आज़म तड़पना है सदा   साथ उसके माजरा ऐसा हुआ है प्यार में सच कहूँ मैं अब मुझे उससे बिछड़ना…

तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम

Romantic Ghazal -तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम

तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम   ( Tujhse Jab Talaq Muhabbat Karte Rahe Ham )   तुझसे जब तलक़ मुहब्बत करते रहे हम बड़े सलीके से इबादत करते रहे हम   मंजूर-ए-खुदा है इश्क़, किया जाए इस बात पर सदा बगावत करते रहे हम   उसको रास्तों पर जब जब भी देखा हमने…

उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे

Love Shayari -उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे

उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे   ( Ulfat Ki Sardi Lag Gayee Hai Mujhe )     उल्फ़त की सर्दी लग गयी है मुझे! अब महसूस वो हो रही है मुझे   न जाने हवायें ये  कैसी चली किसी की अब दीवानगी है मुझे   करे है जो तल्ख़े ज़बां रात दिन उसी…

खिल रहा वो फ़ूल गुलाब का

Ghazal By Aazam Nayyar -खिल रहा वो फ़ूल गुलाब का

खिल रहा वो फ़ूल गुलाब का ( Khil Raha Wo Phool Gulab Ka )     खिल रहा वो  फ़ूल गुलाब का ! हुस्न हो जैसे आफ़ताब का   इक खिला फ़ूल वो देखकर याद आया चेहरा ज़नाब का   हाँ बुरा सी  लगेगी नजर कर ले तू ये चेहरा हिजाब का   प्यार का…

तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ

Love Shayari -तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ

तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ   ( Teri Main Baat Mein Samjha Nahi Hun )     तेरी मैं बात मैं समझा नहीं हूँ ! पढ़ा लिक्खा देखो इतना नहीं हूँ   निगाहों से इशारे मत किया कर सकूं से फ़िर सनम  रहता नहीं हूँ   मुहब्बत में दग़ा खायी है जब से हाले दिल…

तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह

Love shayari | Romantic Ghazal -तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह

तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह ( Tu Mahak Jindagi Mein Gulaab Ki Tarah )   तू महक जिंदगी में गुलाब की तरह मत जा तू बेवफ़ा से ज़नाब की तरह   हाँ अंधेरे तन्हाई के होगे यहां गुम कहीं मत हो इस आफ़ताब की तरह   चाँद सी सूरत को हाँ लगेगी नजर…

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू     मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू ऐसी मेरी सनम जिंदगी बन जा तू   सोचता हूँ ये मैं काफ़ती रुह है की न मुझसे कहीं अजनबी बन जा तू   दूर क्यों रहता है यूं भला मुझसे ही मेरे दिल की सनम आशिक़ी…

मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है

मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है

मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है     मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है यह बात ज़रा सा दर्द तो सीने में जगाती है   हजार लहो को बुझाकर रोशन हुआ में अब तो हर चराग मुझे जलाती है   वह में नहीं तो क्या हुआ? उसे मुहब्बत तो है यही…

गीली रहती अब आँखें है

गीली रहती अब आँखें है

गीली रहती अब आँखें है ( Gili rahti Ab Aankhen Hai )     उल्फ़त की खायी राहें है! गीली रहती अब आँखें है   आती नफ़रत की बू अब तो प्यार भरी कब बू सांसें है   पास नहीं है दूर हुआ वो आती उसकी अब तो यादें है   तल्ख़ ज़बां आती है…

आओ भी जानम प्यार करे

Romantic Ghazal | आओ भी जानम प्यार करे

आओ भी जानम प्यार करे   आओ भी जानम प्यार करे ! दिल की बातें इजहार करे   आओ उल्फ़त छेड़े बातें न गिले शिकवे यूं यार करे   न करो इंकार वफ़ा से तुम मेरी उल्फ़त इक़रार करे   तोड़ो मत दिल प्यार भरा तुम न सनम दिल यूं आजार करे   दो न…