Mother's Day Special

यार दिल की ही मगर ऐसी दवा मां | Mother’s Day Special

यार दिल की ही मगर ऐसी दवा मां ( Yaar dil ki hi magar aisi dawa maa )   यार दिल की ही मगर ऐसी दवा मां ! जिंदगी भर करती है देखो वफ़ा मां   हर वादा दिल से निभाती है हमेशा जीस्त की वो एक सच्ची आशना मां   जिंदगी तेरे बिना कुछ…

Rajasthani Kavita

हौसलों काळजिया म | Rajasthani Kavita

हौसलों काळजिया म हौसलों काळजै भर कै धीरज मनड़ा मै धर कै मोरचा मै उतरणो है सुरमां रणयोद्धा बण कै   दण्ड बैठक कसरत योग सारो बचावै है भौतिकवाद घणों बेगो मुश्किलां लाख ल्यावै है   कहर कुदरत को बरस्यो दवा कुदरत ही देसी ठगोरा जगां जगां बैठ्या जीवन री पूंजी ठग लेसी   मौत…

Darde Dil Shayari

दर्दे दिल की नहीं दवा भेजी | Darde Dil Shayari

दर्दे दिल की नहीं दवा भेजी ( Darde dil ki nahi dawa bheji )     दर्दे दिल की नहीं दवा भेजी ! उसनें ऐसी कहा वफ़ा भेजी   ख़त्म जिसकी न प्यार की हो ये बू  इधर  को  कहा भला भेजी   बेवफ़ाई की भेजी बू उसनें कब मुझे ख़ुशबू बावफ़ा भेजी   बू …

बुरा दौर आने वाला है

बुरा दौर आने वाला है | Kavita

बुरा दौर आने वाला है ( Bura daur aane wala hai )   झोंपड़ियों में सुलगती इस आग से, नेताओं का महल रोशन होने वाला है; लाशों  के  ढेर  पर सियासत है चालू लगता है कहीं चुनाव होने वाला है ! अगर तुम आज भी ना बोले तो यह ज़ुल्म यूँ ही बढ़ता जाएगा; ज़ुल्म …

दीप जलाना होगा

दीप जलाना होगा | Kavita

दीप जलाना होगा ( Deep jalana hoga )   बुलंद हौसला बनाना होगा तूफान  से  टकराना  होगा मास्क जरूरी मुंह पर रखना जन-जन को समझाना होगा   वक्त के मारे लोग जगत में मदद को हाथ बढ़ाना होगा दुख की गाज गिरी जिन पर ढांढस  उन्हें  बंधाना  होगा   मन का भेद मिटाना होगा सेवा…

पथिक प्रेमी

पथिक प्रेमी | Kavita

पथिक प्रेमी ( Pathik Premi )   हे पथिक मंजिल से भटके, ढूंढता है क्या बता। क्यों दिखे व्याकुलता तुझमें, पूछ मंजिल का पता। यू ही भटकेगा तो फिर सें, रस्ता ना मिल पाएगा, त्याग संसय की घटा अरू, पूछ मंजिल का पता।   जितना ही घबराएगा तू, उतना ही पछताएगा। वक्त पे ना पहुचा…

आओ मिलकर प्यार लिखें

आओ मिलकर प्यार लिखें | Geet

आओ मिलकर प्यार लिखें ( Aao milkar pyar likhen )   प्रेम और सद्भावों की मधुर मधुर बयार लिखे खुशियों भरा महकता सुंदर सा संसार लिखे मधुर गीतों की लड़ियां गा गुल गुलशन गुलजार लिखें अपनापन अनमोल जग में आओ मिलकर प्यार लिखें   जहां नेह की बहती धारा पावन गंगा की धार लिखें जहां…

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है| Husn Shayari

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है ( Apne hi husn pe usko guroor hai )   अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है ! उल्टा दिमाग़ में उसके फ़ितूर  है   मत दो सजा इसे झूठी बेवजह मासूम  ए लोगों  ये  बेक़सूर है   है आरजू ये ही अपना बनाना उसे  की मांग का…

भोर की किरण

भोर की किरण | Kavita

भोर की किरण ( Bhor ki kiran )   भोर की पहली किरण उर चेतना का भाव है उषा का उजाला जग में रवि तेज का प्रभाव है   आशाओं की जोत जगाती अंधकार हरती जग का जीने की राह दिखाकर उजियारा करती मन का   कर्मवीरों की प्रेरणा हौसलों की उड़ान है योद्धाओं की…

कोरोना का सीजन

कोरोना का सीजन | Kavita

कोरोना का सीजन ( Corona ka season )   कोरोना का सीजन कोरोना का सीजन बढ़े रोग दिन दिन घटे ऑक्सीजन कोरोना का सीजन…….2 मार्च में आए अप्रैल में छाए पूरी मई यह तबाही मचाए जून में जाने की करे डिसीजन करोना का सीजन……. जुलाई में जोर भयो कमजोर अगस्त में गश्त बची अब थोर…