कहानी

Ghazal | कहानी

कहानी ( Kahani )   कल एक कहानी लिखुंगा मैं तेरे प्यार की इक निशानी लिखुंगा जो तूने दिया था बचपन में मैं तेरी वो रवानी लिखुंगा कल एक कहानी लिखुंगा मैं तेरे प्यार की इक निशानी लिखुंगा   वो गलियां थी तू गुड़िया थी मैं तेरा गुड्डा बना था जहां खेले और लड़े हम…

बिना तेरे 

Ghazal | बिना तेरे

बिना तेरे  ( Bina Tere )   बिना तेरे अब हमसे और अकेले जिया नहीं जाता । तुम्हें भूल जाने का गुनाह भी तो हमसे किया नहीं जाता । माना कि मेरे इश्क़े- इज़हार से परेशाँ रहने लगे हो तुम; पर अपनी पाक मोहब्बत को गुनाह, हमसे कहा नहीं जाता । सीने में चुभन,आँखों में…

रंग गालो पे कत्थई लगाना

Geet | रंग गालो पे कत्थई लगाना

रंग गालो पे कत्थई लगाना ( Rang Gaalon Par Kathai Lagana)   अबके  फागुन  में  ओ रे पिया भीग जाने  दो  कोरी चुनरिया मीठी मीठी सी बाली उमरिया भीग  जाने  दो  कोरी चुनरिया   हम  को  मिल  ना  सकें तेरे  रहमो  करम सात रंगों में डूबे सातो जन्म रंग गालो पे कत्थई लगाना धीमे धीमें…

प्रधानी

Bhojpuri Vyang | प्रधानी

प्रधानी ( Pradhani )    1 गउंआ भा लंका बजा जब डंका  फोन गईल घर से राजधानी आवा हो भैया कन्हैया भी आवा  भौजी  लड़े अबकी प्रधानी …..  आवा हो भैया…. 2 आपन सीट जुगाड़ भी फीट करें मनमानी जो देवई पीट  चले नहीं मर्जी नहीं वोट फर्जी   होय ना देबई अबकी बेईमानी ……..

पत्रकार हूँ पत्रकार रहने दो

Kavita | पत्रकार हूँ पत्रकार रहने दो

पत्रकार हूँ पत्रकार रहने दो ( Patrakar Hoon Patrakar Rahne Do ) ******* लिखता हूं कलम को कलम कागज़ को काग़ज़ ग़ज़ल को ग़ज़ल महल को महल तुम रोकते क्यों हो? टोकते क्यों हो? चिढ़ते क्यों हो? दांत पीसते क्यों हो? मैं रूक नहीं सकता झुक नहीं सकता बिक नहीं सकता आजाद ख्याल हूं अपनी…

वृक्ष की पीड़ा

Vriksh Ki Peeda | वृक्ष की पीड़ा

वृक्ष की पीड़ा ( Vriksh Ki Peeda )    काटकर मुझे सुखाकर धूप में लकड़ी से मेरे बनाते हैं सिंहासन वार्निश से पोतकर चमकाते हैं वोट देकर लोग उन्हें बिठाते हैं वो बैठ कुर्सी पर अपनी किस्मत चमकाते हैं, बघारते हैं शोखी, इठलाते हैं; हर सच्चाई को झुठलाते हैं। मोह बड़ा उन्हें कुर्सी का नहीं…

साथ में कोई नहीं मेरे चला है

Ghazal | साथ में कोई नहीं मेरे चला है

साथ में कोई नहीं मेरे चला है ( Saath Mein Koi Nahi Mere Chala Hai )   साथ   में  कोई  नहीं  मेरे  चला  है दुश्मनों से ही आज़म तन्हा लड़ा है   प्यार के मुझको मिले मरहम नहीं थें अपनों से ही जख़्म बस मिलता रहा है   मैं  ख़ुशी  से  मुस्कुरा  पाया  नहीं  हूँ…

शिव-स्तुति

Shiv Stuti | शिव-स्तुति

शिव-स्तुति ( Shiv Stuti ) ऐसे हैं गुणकारी महेश। नाम ही जिनका मंगलकारी शिव-सा कौन हितेश।।   स्वच्छ निर्मल अर्धचंद्र हरे अज्ञान -तम- क्लेश। जटाजूट में बहती गंगा पवित्र उनका मन-वेश।।   त्रिगुण और त्रिताप नाशक त्रिशूल धारे देवेश।। त्रिनेत्र-ज्वाला रहते काम कैसे करे मन में प्रवेश।।   तमोगुणी क्रोधी सर्प, रखते वश, देते संदेश।…

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

Ghazal | दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है

दिलों के टूटने की जब कभी शुरुआत होती है ( Dilon Ke Tootne Ki Jab Kabhi Shuruaat Hoti Hai )   दिलों  के  टूटने  की  जब  कभी शुरुआत होती है। कहो कब चैन मिलता है तङफ दिन-रात होती है।।   बहुत  मजबूत  होते  हैं  ग़मों को झेलने वाले। कभी भी उनकी आंखों से नहीं बरसात…

नाम नही

Kavita | नाम नही

नाम नही ( Naam Nahi )   संघर्षो  के  रूग्ण धरातल, पे अब उनका नाम नही। जाने कितने कटे मरे पर, कही भी उनका नाम नही।   ये आजादी चरखे के, चलने से हमको नही मिली, लाखों ने कुर्बानी दी पर, कही भी उनका नाम नही।   बूंद बूंद मिलती है तब ये, सागर विस्तृत…