समांं महका दो आज | Chhand
समांं महका दो आज ( मनहरण घनाक्षरी छंद ) गीतों का सजाओ साज समां महका दो आज झड़ी बरसाओ ऐसी धूम होनी चाहिए खूब गाओ छंद गीत मुक्त कंठ नव गीत रस बरसे प्रेम का भाव होना चाहिए शौर्य पर लिखो गीत योद्धा जंग जाए जीत हिम्मत हौसला मिले ओज होना चाहिए…