देर तक नहीं टिकता | Der Tak Nahi Tikta
देर तक नहीं टिकता
( Der tak nahi tikta )
मौसम जवानी का देर तक नहीं टिकता,
आसमां में हो कोई देर तक नहीं टिकता।
गिनकर दिया साँसें गुरुर देखो मत करना,
लूटमार का पैसा देर तक नहीं टिकता।
इस मिट्टी के पुतले को रब ने जो ढाला है,
रूप, रंग दुनिया में देर तक नहीं टिकता।
आए दिन भी जैसा दिल थाम के रखना,
गर्दिश का वो बादल देर तक नहीं टिकता।
मौत से बचेगा तब औरों के दिल रहना,
जमीं से उगा कोई देर तक नहीं टिकता।
भीड़ तय नहीं करती जीत उसकी पक्की है,
भीड़ का पिरामिड भी देर तक नहीं टिकता।
कहकशां के बागों से जैसे वो उतरती है,
रात का वो लम्हा भी देर तक नहीं टिकता।
अपने नर्म लहजों से करती सबको घायल है,
सोने पे सुहागा भी देर तक नहीं टिकता।
आग मेरे हिस्से की चोरी कोई मत करना,
जलवा अदाओं का देर तक नहीं टिकता।
आए बारिश तो आओ, मिलके दोनों भींगेंगे,
कुंवारेपन का वो मौसम देर तक नहीं टिकता।
रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),
मुंबई