तेरा नाम दिल से मिटाना पडेगा

तेरा नाम दिल से मिटाना पडेगा

तेरा नाम दिल से मिटाना पडेगा

 

 

तेरा नाम दिल से मिटाना पडेगा।

ग़मों को बसा मुस्कराना पङेगा।।

 

रहा अब न रिश्ता जो पहले कभी था।

खुशी-ग़म सभी कुछ छुपाना पङेगा।।

 

वें यादें इरादे किये सारे वादे।

पलों में सभी कुछ भुलाना पङेगा।।

 

न सोचा यहां था कि बदलेगा मंजर।

कभी प्यार ऐसे पुराना पङेगा।।

 

भरो आग दिल में नहीं ग़म ही काफी।

ग़ज़ल कैसे बनती बताना पङेगा।।

 

 

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कवि व शायर: Ⓜ मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)

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