तुझसे शर्माना और तुझसे मुस्कुराना
तुझसे शर्माना और तुझसे मुस्कुराना
कुछ मुस्कूराना चाहता हू
हाँ तेरी बातो पर खुलकर हसना चाहता हू
तेरी खिलखिलाते हुए चेहरे को देखकर
मै मुस्कुराना चाहता हूं
मै शर्माना चाहता हू
तेरी मासूम चेहरे को देखकर
तेरी मदहोश भरी बातो पर
तेरी शैतानी भरी हाथो के इधर उधर छुअन से
शर्माकर अपने चेहरे पर हाथ रख देना चाहता हू
हा मै शर्माना चाहता है
शर्माना और मुस्कुराना दोनों एक ही तों है
प्यार का एक खास खिस्सा है
एक के बिना दुजा बेकार
जैसे फूल खुशबू के बिना
चांद तारों के बिना
आँखो में शरारते ना हो
तो प्यार कहा
दिल मे राज ना हो
तो प्यार कहा
हाँ मुझे प्यार है
तेरी बातो से
तेरी उल्टी सीधी शरारतों से
थोड़ा शर्माता हूं
थोड़ा मुस्कुराता हूं
पर दिल चाहता है छेड़ती रहे
तूं मुझे यू हो
और मेरा शर्माना मुस्कुराना चलता रहे
जीवन भर
नवीन मद्धेशिया
गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )