त्यौहार है खुशियों का
त्यौहार है खुशियों का
त्यौहार है खुशियों का
जब सारे रंग मिलते हैं
उल्लास हर्ष उमंग से सब गले मिल जाते हैं
गुजिया पूरी पकौड़ी खीर
हर घर को महकाते हैं
है त्यौहार है खुशियों का
जब सारे रंग मिल जाते हैं
है यह एक दिन जो
सब एक जैसे हो जाते हैं
रंग रूप भेदभाव
जैसे धरती से खो जाते हैं
है त्यौहार है खुशियों का
जब सारे रंग मिल जाते हैं
देख देख एक दूजे को
सहज ही मुस्कुराते हैं
है त्यौहार खुशियों का
हर कलम नवीन रंग मुस्काते हैं

नवीन मद्धेशिया
गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )