उदासी में डूबे बहुत ही रहे है!
उदासी में डूबे बहुत ही रहे है!
उदासी में डूबे बहुत ही रहे है!
निगाहों से ही आंसू मेरी बहे है
भुलाने जिसे चाहता हूँ मैं दिल से
परेशां यादें रोज़ उसकी करे है
ख़ुशी का नहीं पल मिला जिंदगी में
जीवन में मुझे ग़म बहुत ही मिले है
खेली खेल तक़दीर ऐसा है मुझसे
ख़ुशी के लिये रोज़ ही हम जले है
जाना था मुझे मिलनें को मां से ही
मांगे थे न पैसे किसी ने दिये है
मिले जख़्म करके मुहब्बत मुझे ही
आहें रोज़ दिल मेरा अब भरे है
भरी जिंदगी इसलिए है दुखो में
सभी दुख अपनों के ही आज़म सहे है