हाईकमान का गोपनीय पत्र लो कमान के नाम | Vyang in Hindi
हाईकमान का गोपनीय पत्र लो कमान के नाम
( Highkaman ka gopaniya patra lowkaman ke naam : Vyang )
प्रिय लो कमान,
मैं तुम्हारे क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने आ रहा हॅू । मेरे स्वागत के लिए पार्टी के झण्डे बेनर और कार्यकर्ता प्रचुर मात्रा में रख लेना। क्योंकि इच्छावों फैलाव ही राजनीति है और संकोचन ही आध्यात्म।
कुछ मरियल से गन्दे बच्चे यू डी कोलान में धुलवा कर आगे की पंक्ति में उनकी माओं के साथ रखवा लेना । जब मैं वहाॅ पहॅुंचू तो मुझे रोक लिया जाना चाहिए ।
वहां सकेंत के लिए या तो कार्यकर्ताओं को झण्डे लेकर खडा कर देना या उनसे कह देना कि अतिरिक्त उत्साह के साथ नारे लगाते मिले ।
बीच बीच में एक दो लंगडे लूले लोगों को खड़ा कर देना । वे लोंग आगे की पंक्ति में होना चाहिये। यहां यह तर्क करनें की जरूरत नही है कि हट्टे-कट्टे लोगो की पीछे धका कर वे विकलांग आगे कैसे आ गये।
हालांकि पूरी भीड़ और उन मरियल बच्चों और लूले लंगडों को तुम पैसे देकर इकट्ठे करोगे पर मेरे आने तक बच्चों को दूध और विकलांगो को खाना मत देना जिससे सही वेदना उनके चेहरों पर स्पष्ट झलके ।
इस बार सट्टे बाजों ने मुझे ही प्रधानमंत्री बनाने का वादा किया है । चैकना मत। बचपन में जब हम दारसिंह और किंगकांग की कुश्ती में किंगकांग को हारते देखते थे तो हमारी श्रद्धा दारासिंह पर बढ़ जाती थी।
हम सोचते कि यदि दारासिंह सचमुच में ही किगकांग से ज्यादा ताकतवर है, जो हर जगह और हर फिल्म में वह किंगकांग को हरा देता है और किसी किसी फिल्म में उसे जान से भी मार देता है ।
बाद में समझ में आया कि किंगकांग को दारासिंह नही डायरेक्टर मारता है, जैसे कि शोले में गब्बर सिंह को ठाकुर ने नही चोपड़ा ने मारा था।
क्या तुम्हारा ख्याल है कि क्रिकेट में कोई टीम स्वयं के बल पर जीतती है ? नहीं । वह सट्टेबाजों की ताकत से जीतती है। दुनिया में सट्टेबाज सबसे ज्यादा ताकतवर है। वही किसी देश का राष्ट्रपति बनाते है और मिटाते है।
मैं चाहता हंॅू कि लोग मुझे किसी गरीब के घर खाना खाते हुए टी.व्ही. पर देखे । तुम्हारे कस्बे में गर्मी बहुत पड़ती है। अतः किसी झोपड़ी का सेट लगवा कर उसमें ए.सी. लगवा लेना उस ए.सी. को पत्तियों से छिपा देना। जिससें कैमरा उसे न पकड़ पाये ।
वहां किसी बड़ी होटल से पचास लोगो के लिये चिकन बिरयानी और बटर नान मंगवा कर पत्तलों में परसवा देना। मीडिया में कोई ये प्रश्न नही उठायेगा कि एक गरीब आदमी के घर एक दम पचास लोगो का खाना कहां से आया ?
ये झोपड़ियां ये मरियल नाक बहाते बच्चे, ये लंगडे लूले लोग मासिक वेतन पर रख लो ये राजनीतिक पार्टियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और धार्मिक संस्थाओं के लिए शो केश में रखे हुए समान है जो ग्राहको को फंसाते है।
स्थाई वेतनभोगी विकलांगो को हम रथ यात्रा या रोड शो के साथ ही ले जा सकते है और रेलियों में खड़ा कर सकते है उन्हें अभिनय और डायलाग सिखाये जा सकते है।
तुम जन की चिन्ता मत करना। सूटकेसो का आदान-प्रदान हम हवाई पट्टी पर ही कर लेंगें। स्लेटी रंग के सफारी में मेरे दो आदमी सूटकेस लिये हवाई जहाज से उतरेंगें और तुम्हारे दो आदमी उसी रंग के कपड़ों में सूटकेस लिये हुये चढ़ेगें।
आजकल समाचार तक पत्रकार नही जाते है समाचारों हो ही पत्रकार तक पहुंचना पड़ता है। विभिन्न चैनलों के कैमरामेनो और पत्रकारों को मैं ही पूरी रथयात्रा और रोड शो के दौरान साथ में लेकर चलता हूँ।
आजकल व्यक्ति का नही, उसकी छाया का महत्व है। मुझे मालूम है कि यदि तुम मुझसे बचे रहे तो तुम्ही मुझे नेस्तनाबूत करागे । राजनीति में ये चलता ही रहता है।
लेखक : : डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव
171 नोनिया करबल, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)