Vyang | इस भीड़ की सच्चाई ( व्यंग्य )
इस भीड़ की सच्चाई ( व्यंग्य )
( Is bheed ki sachai : Vyang )
( Is bheed ki sachai : Vyang )
रिश्तों का सच ( Rishton ka sach ) स्वार्थ से परिपूर्ण रिश्ते,इस जहां में हो गए है, पुष्प थे जो नेह के वो, शूल विष के बो गए है। प्रेम से अपनी कहानी, जो सुनाते हैं हमें, हमने जब अपनी कही तो, कोह हमसे हो गए है। फूल मेरे बाग से चुन,आशियां…
प्रेम दीवानी! ( Prem Deewani ) ***** छलकती आंखों से वो ख्वाब दिखता है, महबूब मेरा बस लाजवाब दिखता है। पहन लिया है चूड़ी बिंदी पायल झुमका, आ जाए बस तो लगाऊं ठुमका! बैठी हूं इंतजार में, दूजा दिखता नहीं संसार में। लम्हा लम्हा वक्त बीत रहा है, जाने कहां अब तक फंसा हुआ है?…
आइए प्रभु आइए ( Aaiye Prabhu Aaiye ) मनहरण घनाक्षरी छंद लबों की हो मुस्कान भी पूजा और अजान भी अंतर्यामी प्रभु मेरे दौड़े-दौड़े आइए जग पालक स्वामी हो हृदय अंतर्यामी हो हाल सारा जानते देर ना लगाइये पलके अब खोल दो सबको आ संबल दो पीर भरे मेंघ छाये विपदा निवारिये…
प्यार का ए ख़ुदा अब गुलाब चाहिए! ( Pyar ka e khuda ab gulab chahie ) प्यार का ए ख़ुदा अब गुलाब चाहिए! इक हंसी जिंदगी में ज़नाब चाहिए नफ़रतों के पन्ने पड़ लिये ख़ूब है प्यार की उम्रभर अब क़िताब चाहिए जो ख़ुशी से भर दें दामन मेरा सदा ऐसा…
दिल में हमारे आप की सूरत उतर गई ( Dil Mein Hamare Aap Ki Surat Utar Gai ) दिल में हमारे आप की सूरत उतर गई । सारे जहां में आप पे जब से नज़र गई।। आंचल से अपने खेलना बाहों में थाम के। दिल पे जवानी आप की जादू-सा कर गई ।।…