Vyang | इस भीड़ की सच्चाई ( व्यंग्य )
इस भीड़ की सच्चाई ( व्यंग्य )
( Is bheed ki sachai : Vyang )
( Is bheed ki sachai : Vyang )
स्वच्छता ( Swachchhata : Kavita ) १.स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन करो | गंदगी को साफ करो,स्वच्छ भारत का निर्माण करो || २.किसी एक के बस की बात नहीं,सबको मिलकर चलना होगा | इतनी अटी गंदगी को साफ हमें ही करना होगा || ३.अवैतनिक काम है ये,अद्रस्य रुप से करना है |…
नव वर्ष 2021 –> नये साल 2021 की सब अपनों को, पहुँचे ढ़ेरों बधाई 1.जैसा गुजरा अच्छा गुजरा, अब देना है विदाई | हम सब मिलकर करते हैं, 2020 से आज जुदाई | याद रहेगा अनंत काल तक, कोरोना ने फैलाई चटाई | विदा करो बड़ी धूम-धाम से, मत…
अधरों पर मुस्कान है कविता ( Adharon par muskan hai kavita ) अधरों पर मुस्कान है कविता कवि ह्दय के भाव है कविता उर पटल पर छाप छोड़ती सप्त सुरों की शान है कविता वाणी का उद्गार है कविता वीणा की झंकार है कविता छू जाती मन के तारों को देशभक्ति का गान…
याद सताए तेरी सोन चिरैया ( Yad Sataye Teri Son Chiraiya ) कहां गई? वो सोन चिरैया! रहती थी जो सबके घर आंगन चाहे महल हो या हो मड़ैया! कहां गई?? क्या खो हो गई? या रूठ कर हमसे दूर हो गई? भारत मां की थी तू लाडली, मिलजुलकर सबने जिसे थी पाली। करती…
मेरा बचपन ( Mera bachpan) वो रह रह कर क्यों याद आता है मुझे वो मेरा बचपन जो शायद भूल मुझे कहीं खो गया है दूर वो मेरा बचपन… वो पापा की बातें मम्मी का झिड़कना इम्तिहान के दिनों में मेरा टीवी देखने को ज़िद करना…. कितना मासूम था भोला था वो कितना न…
जज्बातों की आंधी ***** जब चलती है वेदी पर उसके बहुत कुछ जल जाती है। वेग उसकी होती अथाह, पल में सब-कुछ कर देती तबाह। रौंद डालती सब-कुछ, विशाल और क्षुद्र। दिखता न उसको- सही और ग़लत, मिले जो कुछ पथ में- उठाकर देती है पटक! शांत वेग जब होता, सामने कुछ न होता। बिखरे…