याद में उसकी रो रही आंखें
याद में उसकी रो रही आंखें
प्यार में उसने ऐसी भरी आंखें!
याद में उसकी रो रही आंखें।
प्यार से देखती थी जो मुझको
वो दिखाती अब बेरुख़ी आंखें।
प्यार में ही मिला दग़ा ऐसा
हो गयी रोज़ अब नमी आंखें।
आज वो दें गया आंसू मुझको
प्यार की जिससे थी मिली आंखें।
चैन से वो कभी न रह पाये
जिसनें अश्कों से ही भरी आंखें।
पास वो ए “आज़म” नही मेरे
रोज तस्वीर देखती आंखें।
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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