Yado ki Shayari

याद आया | Yado ki Shayari

याद आया

( Yaad Aya ) 

 

कोई अनजान सफ़र याद आया
अजनबी कोई बशर याद आया

तेरा चेहरा ही नज़र में उतरा
जब कभी दर्दे जिगर याद आया

धूप ने जब भी सताया हमको
बारहा बूढ़ा शजर याद आया

इक मेरा दोस्त पुराना था जो
कुछ लगी देर मगर याद आया

अपनी ख़ुशक़िस्मती समझेंगे हम
भूल से भी तू अगर याद आया

अश्क आँखों में उमड़ आये हैं
पेड़ को अपना समर याद आया

जब भी सरदर्द हुआ है मुझको
माँ तेरा दस्ते हुनर याद आया

जिसकी ठोकर से संभलना सीखा
बारहा वो ही हजर याद आया

भूल बैठा हूँ ‘अहद’ नफ़रत मैं
क्या है उल्फ़त का असर याद आया !

 

शायर: :– अमित ‘अहद’

गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129

यह भी पढ़ें :

इंसान | Insaan

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *